हदी लग न िफटकरी रग चौखा िबना लागत क बिढ़या कमाई होना हाथ-खड़ कर दना असमथता जता दनाघी क िदय जलाना खिशया मनानाघाव पर नमक िछड़कना दःखी को यादा दःखी करना घोड़ बचकर सोना िबकल िनित हो जानाचार चाद लगाना िकसी चीज को सदर बनानाचोर क दाढ़ी म ितनका गलत यि का यवहार उसक असिलयत जािहर कर दता चोली-दामन का साथ अयािधक घिनता होनाचल भर पानी म डबना अपमािनत होनािचराग तल अधरा सबको खश रखन वाल का वय दःखी रहना छक छड़ाना अपन स तगड़ पर िवजय ा करनाजल म रहकर मगरमछ स बर पासपड़ौस म उिचत यवहार न रखनाजब तक सास तब तक आस अितम समय तक यासरत रहनागड़ मद उखाड़ना परानी बात का बखान करनागदड़ी क लाल गरीब क घर होनहार पदा होनागागर म सागर भरना कम शद म यादा कहनागोबर गणश बहत यादा सीधा होना
घर का भदी लका ढाव रहय को जानन वाला सवनाश कर सकता हघास न डालना मतलब न रखनाघोड़ पर सवार रहना चन स न बठनाअध क लाठी िकसी का एक अकला ही सहारा होनाअपना उल सीधा करना िकसी भी तरह अपना काम िनकालनाहद कर दी असभव काय को कर दनाहवा म गाठ लगाना बड़ बड़ दाव करना हाथ को हाथ सझाई न दना कछ भी समझ म न आनाहाथ-खड़ कर दना व पर मदद स इकार कर दन ाहराफरी करना इधर-उधर हाथ साफ करनाहाथ म कटोरा आना भारी हािन हो जानाघाव पर नमक िछड़कना परशान यि क परशानी और बढ़ानािचकना पड़ा बशम होना
महावरा जब कोई वायाश अपन सामाय अथ को छोड़कर िकसी िवशष अथ म ढ़ हो जाता ह तो उस महावरा कहा जाता ह जस भारतीय सना न य म पािकतानी सना क दात ख कर िदए यहा दात ख कर िदए का अथ कोई खी
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
अब आया ऊट पहाड़ क नीच अपन स भावशाली स टकराना
अपन मह िमया feV~Bw बनना अपनी शसा वय करना
अपन हाथ जगनाथ अपना काम वय करना
अपना मार छाव म डाल अपना दःख पहचाकर वय भी दःखी होता ह
अपना पत सभी को यारा अपनी चीज को सभी अछी बतात ह
अकला चना भाड़ नह फोड़ सकता एक आदमी समाज को नह बदल सकता rsquo
अध क आग रोय अपन नन भी खोय मदद क उमीद न होन वाल स मदद मागना
अशिफ या लटाय कोयल पर मोहर मयवान वत क ित लापरवाह होना तथा मामली क दखभाल करना
अधर म तीर चलाना सही राह पर न चलना
अधा बाट रवड़ी अपन-अपन को द अपन का िहत साधना
अध म काना सरदार बवकफ क बीच थोड़ा अलमद
अथ क हाथ बटर लगना अचानक इिछत काय का पण हो जाना
अपना करना अपना खाना अपन काम स काम रखना
अधा गाय बहरा बजाव गग ा ताल लगाय एक-दसर क बात न मानना
अत भल का भला अछ का परणाम अछा ही होता ह
अपन मर िबना वग नह िमलता वय कर िबना काय पण नह होता
अब पछताय या होत जब िचिड़या चग गयी खत नकसान होन पर पछतान का कोई लाभ नह
अपनी इजत अपन हाथ अपना समान कराना अपन हाथ म होता ह
अवसर को कभी मत गवाओ उपय अवसर िमलत ही अपना काम पण कर लो
अानी िकसी स नह डरत मख यि िकसी बात का भय नह खाता
22yksdksfDrkiexcl
83lfp= fganh Okdjk
030013
लोकोि लोकोि लोक म चिलत उि ह
जब कोई परा कथन िकसी सग िवशष म m)`r िकया जाता ह तो लोकोि
कहलाता ह इस कहावत भी कहत ह जसअकला चना भाड़ नह फोड़ता
लोकोि का अथ ह एक यि क करन स कोई किठन काम परा नह होता
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
84lfp= fganh Okdjk
िजसक बदरी वही नचाव और नचाव तो काटन धाव िजसका जो काम होता ह वही उस कर सकता ह
िजसक िबली उसी स याऊ कर िकसी क ारा पाला हआ यि उसी स गराता ह
िजसक लाठी उसक भस शि अनिधकारी को भी अिधकारी बना दती ह शिशाली क ही िवजय होती ह
िजसक पास नह पसा वह भलामानस कसा िजसक पास धन होता ह उसको लोग भलामानस समझत ह िनधन को लोग भला मानस नह समझत
िजसक राम धनी उस कौन कमी जो भगवान क भरोस रहता ह उस िकसी चीज क कमी नह होती
िजसक हाथ डोई (करछी) उसका सब कोई सब लोग धनवान का साथ दत ह और उसक खशामद करत ह
िजस िपया चाह वही सहािगन िजस पर मािलक क कपा होती ह उसी क उनित होती ह और उसी का समान होता ह
जी कहो जी कहलाओ यिद तम दसर का आदर करोग तो लोग तहारा भी आदर करग
जीभ और थली को बद ही रखना अछा ह कम बोलन और कम खच करन स बड़ा लाभ होता ह
जीय न मान िपत और मए कर ा कपा प क िलए कहत ह जो अपन िपता क जीिवत रहन पर उनक सवा-सषा नह करत पर मर जान पर ा करत ह
जी ही स जहान ह यिद जीवन ह तो सब कछ ह इसिलए सब तरह स ाण-रा क चा करनी चािहए
जत-जत मर बलवा बठ खाय तरग जब कोई किठन परम कर और उसका आनद दसरा उठाव तब कहत ह जस गरीब आदमी परम करत ह और पजीपित उसस लाभ उठात ह
ज क डर स गदड़ी नह फ क जाती साधारण क या हािन क डर स कोई यि काम नह छोड़ दता
030013
अानी धन चाहता ह ानी गण अानी यि धन क चाहत रखता ह जबिक ानी यि ान क चाहत रखता ह
अपनी गली म का भी शर होता ह अपन इलाक म तो डरपोक भी अपन को ताकतवर दिशत करता ह
अल बड़ी या भस ान भीड़ स यादा भावशाली होता ह
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
85lfp= fganh Okdjk
23jlकिवता को पढ़न स िजस आनद क अनभित होती ह उस रस कहत ह रस काय क आमा हरस क आधार भाव ह भाव मन क िवकार को कहत हय दो कार क होत ह- 1 थायी भाव 2 सचारी भाव 1 थाई भाव - रस प म प होन वाला तथा सपण सग म या रहन वाला भाव थाई भाव कहलाता ह थाई भाव 9 मान गए ह िकत वासय नाम का दसवा थाई भाव तथा भगवद िवषयक रित को भी थायी भाव क मायता द दी गयी ह |अब रस 11 मान जात ह नीच मशः पहल रस तथा उसक बाद थाई भाव िदए गए ह- रस थाई भाव1 रितUumlk`axkj2 हाय हास3 कण शोक4 रौ ोध5 वीर उसाह6 भयानक भय7 वीभस जगसा 8 अत िवमय9 शात िनवद10 वासय वसल1 Uumlk`axkj jlampजब िकसी काय म नायक नाियका क म िमलन िबछड़न आिद जसी ियाय का वणन होता ह तो वहा होता ह यह दो कार का होता ह- Uumlk`axkj jl 1 सयोग 2 िवयोग Uumlk`axkj Uumlk`axkj1सयोग Uumlk`axkj--जब नायक नाियका क िमलन और म ियाय का वणन होता ह तो सयोग
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
86lfp= fganh Okdjk
Uumlk`axkj होता ह उदाहरण--- मर तो िगरधर गोपाल दसरो न कोई जाक तो िगरधर गोपाल दसरो न कोई 2 िवयोग --Uumlk`axkj Uumlk`axkj-जब नायक नाियका क िबछड़न का वणन होता ह तो िवयोग होता ह उदाहरण--- ह खग मग ह मधकर णी तम दिख सीता मग ननी 2 हाय रस-- जब िकसी काय आिद को पढ़कर हसी आए तो समझ लीिजए वहा हाय रस ह उदाहरण-- चटी चढ़ी पहाड़ प मरन क वात नीच खड़ किपल दव कच लन क वात3 कण रस -- जब भी िकसी सािहियक काय प आिद को पढ़न क बाद मन म कणा दया का भाव उपन हो तो कण रस होता ह उदाहरण--- दःख ही जीवन क कथा रही या कह आज जो नही कही4 रौ रस-- जब िकसी काय म िकसी यि क ोध का वणन होता ह तो वहा रौ रस होता ह उदाहरण--- अस किह रघपित चाप चढ़ावा यह मत लिछमन क मन भावा सधानह भ िबिसख कराला उिठ ऊदथी उर अतर वाला 5 वीर रस-- जब िकसी काय म िकसी क वीरता का वणन होता ह तो वहा वीर रस होता ह उदाहरण-- चमक उठी सन सावन म वो तलवार परानी थी बदल हरबोल क मह हमन सनी कहानी थी खब लड़ी मदानी वो तो झासी वाली रानी थी
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
87lfp= fganh Okdjk
6 भयानक रस-- जब भी िकसी काय को पढ़कर मन म भय उपन हो या काय म िकसी क काय स िकसी क भयभीत होन का वणन हो तो वहा भयानक रस होता ह उदाहरण--- लका क सना किप क गजन रव स काप गई हनमान क भीषण दशन स िवनाश ही भाप गई7 वीभस रस-- वीभस यािन घणा जब भी िकसी काय को पढ़कर मन म घणा आय तो वीभस रस होता ह य रस मयतः य क वणन म पाया जाता ह िजनम य क ipkr लाश चील कौओ का बड़ा ही घणापद वणन होता ह उदाहरण---- कोउ अतिडनी क पिहर माल इतरात िदखावट कोउ चव ल चोप सिहत िनज अगिन लावत 8 vn~Hkqr jl-- जब िकसी प कित या काय म िकसी ऐसी बात का वणन हो िजस पढ़कर या सनकर vkpZ हो तो vn~Hkqr रस होता ह उदाहरण--- कनक भधराकार सरीरा समर भयकर अितबल बीरा 9 शात रस-- जब कभी ऐस काय को पढ़कर मन म असीम शाित का एव दिनया स मोह खम होन का भाव उपन हो तो शात रस होता ह उदाहरण--- मरो मन अनत सख पाव जस उड़ी जहाज को पछी िफर जहाज प आव10 वासय रस--- जब काय म िकसी क बाल लीलाओ या िकसी क बचपन का वणन होता ह तो वासय रस होता ह सरदास न िजन पद म ी कण क बाल लीलाओ का वणन िकया ह उनम वासय रस ह उदाहरण--- मया मोरी दाऊ न बहत िखजायो मोस कहत मोल क लीहो त जसमित कब जायो 11 जहा ईर क ित ा और म का भाव हो वहा भि रस होता ह भि रस--अनभाव - यान लगाना माला जपना आख मदना कतन करना रोना िसर झकाना आिद उदाहरण--- मरो मन अनत कहा सख पाव जस उिड़ जहाज कौ पछी पिन जहाज प आव कमलनन कौ छािड़ महातम और दव को याव परमगग क छािड़ िपयासो दमित कप खनाव ||
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
88lfp= fganh Okdjk
030013
jldkO d
h vkRek
blesa v
kuUn dh izkfIr gksrh gSA
bZoj ds izfr
frac14J)kizseHkkofrac12
frac14jframpLFkkbZ Hkkofrac12
frac14gkLampLFkkbZ Hkkofrac12dkO d
ks ilt+dj giexcll
h vkuk
frac14kksdampLFkkbZ Hkkofrac12
dkO d
ks ilt+us ij duk
o nk Hkko vkuk
OslashkskampLFkkbZ Hkko
dkO d
ks ilt+us ls Oslash
ksk mRiUu gksuk
frac14mRlkgampLFkkbZ Hkkofrac12
ohjrk dk Hkko mRiUu gks
frac14HkampLFkkbZ Hkkofrac12Hk mRiUu gksuk
frac14k`kkxqLlkampLFkkbZ Hkkofrac12
k`kk mRiUu gksq) d
s ipkr dk n`
frac14vkpZfoLeampLFkkbZ Hkkofrac12
dkO d
ks ilt+us ls v
kpZ mRiUu gksrk gS
frac14fuosZnampLFkkbZ Hkkofrac12eu esa v
lhe kkfUr feyrh gS
frac14okRlyampLFkkbZ Hkkofrac12
dkO esa cky Oslash
hM+kvksa
yhykvksa d
k okZu
laksxampfeyuk
foksxampfcNqM+uk
HkfDr jl
gkL jl
dk jl
jkSnz jlohj jl
Hkkud jl
ohHkRl jl
vn~Hkqr jl
kkar jl
okRlY jl
Uumlk`axkj jl
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
24vyadkj
89lfp= fganh Okdjk
Saaibdk Aqa- gahnaa Aqavaa AaBaUYaNa
kavyagat Aqa- SabdaoM AaOr Aqaao-M ko camakarpUNa- p`yaaoga kao AlaMkar khto hOM yaa
kavya kI SaaoBaa baZanao vaalao tltvaaoM kao AlaMkar khto hOM
Anaup`asa ]pmaa
yamak Eacutepk
SlaoYa ]p`oxaa
AitSayaaoit maanavaIkrNa
vyadkj ds izdkjamp
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
90lfp= fganh Okdjk
Anaup`asa AlaMkarpirBaaYaa vaNaao-M kI AavaRilta ko karNa jahaETH camakar ]pnna haocedil vahaETH Anaup`asa AlaMkar payaa jaata hO
]dahrNa caa$ caMd` kI caMcala ikrNaoM Kola rhI qaIM jala-qala maoM
yamak AlaMkarpirBaaYaa jahaETH ek yaa ek sao AiQak Sabd ek sao AiQak baar p`yaut haMo AaOr ]nako Aqa- Alaga sup1 Alaga inaklaoM vahaETH yamak AlaMkar payaa jaata hO ]dahrNa lsquolsquo kalaI GaTa ka GamaMD GaTardquo GaTa sup1 kalao baadla GaTa sup1 kma haonaa
SlaoYa AlaMkarpirBaaYaa jahaETH ek Sabd ka ek hI baar p`yaaoga hao prMtu ]sako ivaiBanna Aqa- inaklaoM cedil vahaETH SlaoYa AlaMkar haota hO]dahrNa kao GaiT yao vaRYaBaanaujaa vao hlaQar ko vaIr vaRYaBaanau + jaa = raQaa vaRYaBa + Anaujaa = baOla kI bahna hlaQar = hla kao QaarNa krnaovaalaa = balarama
030013
10lfp= fganh Okdjk
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
91lfp= fganh Okdjk
]Pamaa AlaMkarpirBaaYaa jaba dao vastuAaoM kao iksaI samaanata ko karNa ek samaJaa jaata hO tao vahaETH ]pmaa AlaMkar payaa jaata hO]dahrNa saIta ka mauK cand` sup1 saa saundr hO
]pmaoya saIta ka mauK]pmaana cand`saaQaarNa Qama- saundrvaacak Sabd saaijana pMiktyaaoM maoM saa saI sama sairsa sao jaOsaa jyaaoM tulyaAaid maoM sao kaoš ek Aa jaae vahaETH ]pmaa AlaMkar payaa jaata hO
$pk AlaMkarpirBaaYaa jahaETH ]pmaoya kao hI ]pmaana kha jaata hO cedil vahaETH $pk AlaMkar haota hO yaajahaETH ]pmaoya Aaor ]pmaana maoM Ayant samaanata ko karNa daonaaoM maoM ABaod sqaaipt haocedil vahaETH $pk AlaMkar payaa jaata hO
]dahrNa ldquo carNa sup1 kmala baMdaO hirra[-rdquo yahaETH carNa kao hI kmala kha gayaa hO
030013
10lfp= fganh Okdjk
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
92lfp= fganh Okdjk
]p`oxaa AlMakarpirBaaYaa jahaETH ]pmaoya maoM ]pmaana kI saMBaavanaa p`kT jaatI hO vahaETH ]p`oxaa AlaMkar haota hO[samaoM manaao maanaao manau manahu jaanaao janau janahu Aaid vaacak SabdaoM ka p`yaaoga haota hO]dahrNa ldquokhtI hu[- yaaoM ]ltara kocedil nao~ jala sao Bar gae ihma ko kNaaoM sao pUNa- maanaaocedil hao gae pMkja naerdquo
maanavaIkrNa AlaMkarpirBaaYaa jahaETH jaD p`kRit pr maanavaIya BaavanaaAaoM tqaa iEumlyaaAaoM ka Aaraop haocedil vahaETH maanavaIkrNa AlaMkar haota hO ]dahrNa lsquolsquo maoGa Aae baDo bana sup1 zna ko saMvar ko rsquorsquo
AitSayaaoit AlaMkarpirBaaYaa jahaETH iksaI baat kao baZa caZakr kha jaae vahaETH AitSayaaoit AlaMkar haota hO]dahrNa ldquo Aagao naidyaa pDI Apaar cedil GaaoDa kOsao ]tro par raNaa nao saaocaa [sa parcedil tba tk caotk qaa ]sa parrdquo
030013
10lfp= fganh Okdjk
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
93lfp= fganh Okdjk
030013
vyadkj
xguk vFkok v
kHkwkk^l
qUnjrk ykuk
kCnkyadkj
vFkkZy
adkj
frac14kCnksa kjk peRdkjfrac12
frac14vFkZ d
sa kjk peRdkjfrac12
vuqizkl
frac14okksZa dh v
ko`fUgravekfrac12
ekuohdjk frac14t
M+ izd`fr ij ekuoh psVkv
ksa OslashhM+kv
ksa dk v
kjksi gksfrac12
ed frac14d
kCn nks ckj vk
ampvFkZ v
yxampv
yx gksafrac12
ysk frac14d
kCn d ckj]
vusd
vFkZ izLrqr gksafrac12
iqufDrizd
kkfrac14d
kCn d gh v
FkZ esanks k v
fkd ckj v
ksafrac12
mnkgjk iyampiy
] pyamppy
id
frac14mies mieku esa vRar l
ekurk ds d
kjk vHksn gksfrac12
miek frac14mies esa lekurkfrac12
lk] l
h] ls] l
e] lfjl
mRizskk frac14miesampmieku esa lEHkkoukfrac12
euq] euks] ekuks] euqgiexcl] tuq] t
uqgiexcl
vfrkksfDr frac14l
kekU lh ckr d
ks clt+kampplt+k d
j crkukfrac12
]dahrNa caa$ caMd` kI caMcala ikrNaoM K
ola rhI qaIM jala-qala maoM
]dahrNa lsquolsquo kalaI GaTa ka GamaMD GaTardquo
GaTa sup1 kalao baadla GaTa sup1 kma haonaa
]dahrNa kao GaiT yao vaRYaBaanaujaa cedilvao hlaQar ko vaIr vaRYaBaanau + jaa = raQaa
vaRYaBa + Anaujaa = baOla kI bahna
hlaQar = hla kao QaarNa krnaovaalaa = balarama
]dahrNa ldquo carNa sup1 kmala baMdaO hirra[-rdquo
yahaETH carNa kao hI kmala kha gayaa hO
]dahrNa saIta ka mauK
cand` sup1 saa saundr hO
]dahrNa lsquolsquo maoGa A
ae baDo bana sup1 zna ko saMvar ko rsquorsquo]dahrNa
ldquo Aagao naidyaa pDI A
paar cedil GaaoDa kOsao ]tro par raNaa nao saaocaa [sa parcedil tba tk caotk qaa ]sa parrdquo
]dahrNa ldquokhtI hu[- yaaoM ]ltara kocedil nao~ jala sao Bar gae
ihma ko kNaaoM sao pUNa- maanaaocedil hao gae pMkja naerdquo
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
94lfp= fganh Okdjk
25okDkak ds fy d kCn
030013
जो कहा न जा सकmdash अकथनीयिजस मा न िकया जा सकmdash अयिजस थान पर कोई न जा सकmdash अगयजो कभी बढ़ा न होmdash अजरिजसका कोई श न होmdash अजातश जो जीता न जा सकmdash अजयजो िदखाई न पड़mdash अयिजसक समान कोई न होmdash अितीयदय क बात न वालाmdash अतयामीपवी ह और तार का थानmdash अतरजो सामाय िनयम क िव होmdash अपवादिजस पर मकदमा चल रहा हो mdash अिभय जो पहल कभी नह हआmdash अभतपव फ क कर चलाया जान वाला हिथयारmdash अिजसक िगनती न हो सकmdash अगिणतअगणनीयजो पहल पढ़ा हआ न होmdash अपिठतिजसक आन क ितिथ िनित न होmdash अितिथअयिधक बढ़ाndashचढ़ा कर कही गई बातmdash अितशयोिसबस आग रहन वालाmdash अणीजो पहल जमा होmdash अजजो बाद म जमा होmdash अनजिजसका पता न होmdash अातआग आन वालाmdash आगामीजो छन योय न होmdash अछत जो छआ न गया होmdash अछता जो अपनी बात स टल नह mdash अटलिजस पतक म आठ अयाय ह mdash अायायीआवयकता स अिधक बरसातmdash अितविबरसात िबकल न होनाmdash अनावि हत कम बरसात होनाmdash अपवि
कम स कम शद म अिधकािधक अथ को कट करन क िलए
िजस एक शद का योग िकया जाता ह उस वायाश क िलए एक
शद कहा जाता ह ऐस शद क योग स
वायndashरचना म सिता तथा सदरता आ
जाती ह
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
95lfp= fganh Okdjk
030013
सीमा का अनिचत उलघनmdash अितमणजो बीत गया होmdash अतीतवह सचना जो सरकार क ओर स जारी होmdash अिधसचना िवधाियका ारा वीकत िनयमmdash अिधिनयमएक भाषा क िवचार को दसरी भाषा म य करनाmdash अनवादिकसी सदाय का समथन करन वालाmdash अनयायीिजसक माताndashिपता न ह mdash अनाथपहल िलख गए प का मरणmdash अनमारकपीछndashपीछ चलन वालाअनसरण करन वालाmdash अनगामी जो कम बोलता होmdash अपभाषीिमतभाषीआदश क अवहलनाmdash अवाजो िबना वतन क काय करता होmdash अवतिनकजो सहनशील न होmdash असिहणिजसका कभी अत न होmdash अनतजो कभी मरता न होmdash अमरिजसक तलना न हो सकmdash अतलनीय िजसक आिद (ारभ) का पता न होmdash अनािदसभी जाितय स सबध रखन वालाmdash अतजातीयिजसक कोई उपमा न होmdash अनपमिजसका वणन न हो सकmdash अवणनीयिजसका खडन न िकया जा सकmdash अखडनीयिजस करना आवयक होmdash अिनवायअनकरण करन योयmdash अनकरणीय िजसक अपा होmdash अपितजो कम जानता होmdash अपजो िविध या कानन क िव होmdash अवधजो काय अवय होन वाला होmdash अवयभ ावीिजस रोग का इलाज न िकया जा सकmdash असाय रोगलाइलाजिजसस पार न पाई जा सकmdash अपारबढ़ाndashसा िदखन वाला यिmdash अधड़िजसका कोई मय न होmdash अमय जो मय क समीप होmdash आसनमय मयपयतmdash आमरण जो अपन ऊपर िनभर होmdash आमिनभरवावलबी
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
96lfp= fganh Okdjk
030013
पर जीवन तकmdash आजीवनअपनी हया वय करनाmdash आमहयाईर म िवास रखन वालाmdash आितकिवदश स दश म माल मगाना mdash आयातिजसक कोई आशा न क गई होmdash आशातीतजो कभी िनराश होना न जानmdash आशावादीिकसी नई चीज क खोज करन वालाmdash आिवकारकजो गणndashदोष का िववचन करता होmdash आलोचकजो इ पर िवजय ा कर चका होmdash इजीतमाndashबाप का अकला लड़काmdash इकलौतादसर क उनित स जलनाmdash ईयािजसन अपना ऋण परा चका िदया होmdash उऋण सयदय क लािलमाmdash उषािजसका ऊपर कथन िकया गया होmdash उपयिजस भिम म कछ भी पदा न होता होmdash ऊसर सयात क समय िदखन वाली लािलमाmdash ऊषाहडिडय का ढाचाmdash ककाल िजसक कपना न क जा सकmdash कपनातीतएक क बाद एकmdash मकान म कही जान वाली बातmdash कानाबातीकानाफसीसरकार का वह अग जो कानन का पालन करता हmdash कायपािलकादसर क हया करन वालाmdash काितलबायावथा और यवावथा क बीच क अवथाmdash िकशोरावथािजस लड़क का िववाह न हआ होmdash कमारऐसी लड़क िजसका िववाह न हआ होmdash कमारीबर काय करन वालाmdash ककम बर माग पर चलन वालाmdash कमाग िजसक बि बहत तज होmdash कशाबि जो अछ कल म उपन हआ होmdash कलीन िकए गए उपकार को मानन वालाmdash कतिकए गए उपकार को न मानन वालाmdash कतनजो मा िकया जा सकmdash यिजसका कछ ही समय म नाश हो जाएmdash णभग र
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
97lfp= fganh Okdjk
030013
जहा धरती और आकाश िमलत हए िदखाई दत ह mdash िितजहण करन योयmdash ागीत गान वालावालीmdash गायकगाियकागीत रचन वालाmdash गीतकारहर पदाथ को अपनी ओर आक करन वाली शिmdash गवाकषण गाय क रहन का थानmdash गौशालािजसक हाथ म च होmdash चपािणचार भजाओ वालाmdash चतभज लब समय तक जीन वालाmdash िचरजीवीजो िचरकाल स चला आया हmdash िचरतनजो बहत समय तक ठहर सकmdash िचरथायीचार पर वालाmdash चौपायाचतपदएक थान स दसर थान पर चलन वालाmdash जगमपट क अिनmdash जठरािनबारात ठहरन का थानmdash जनवासाजो जल बरसाता होmdash जलदजो जल स उपन होmdash जलजवह पहाड़ िजसक मख स आग िनकलmdash वालामखी जल म रहन वाला जीवmdash जलचरजनता ारा चलाया जान वाला तmdash जनतउ म बड़ाmdash यजो चमकारी ियाओ का दशन करता होmdash जादगरिजसन आमा को जीत िलया होmdash िजतामाजानन क इछा रखन वालाmdash िजासइिय को वश म करन वालाmdash िजतियभत वतमान और भिवय को जाननदखन वालाmdash िकालिकालदशगगा जमना और सरवती नदी का सग मmdash िवणीिजसक तीन आख ह mdash िनवह थान जो दोन भकिटय क बीच होता हmdash िकटी तीन महीन म एक बारmdash मािसकजो धरती पर िनवास करता होmdash थलचरपित और पनी का जोड़ाmdash दपतीदस वष क समयाविधmdash दशक
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
98lfp= fganh Okdjk
030013
गोद िलया हआ पmdash दकधन जो िववाह क समय पी क िपता स ा होmdash दहजवह माग जो चलन म किठनाई पदा करता हmdash दगमिजसको जीतना बहत किठन होmdash दजयवह बचा जो अभी मा क दध पर िनभर हmdash दधमहा बर भाय वालाmdash दभायशाली िजसम दया भावना होmdash दयालिजसका आचरण बरा होmdash दराचारी दध पर आधारत रहन वालाmdash दधाहारी िजसक ाि किठन होmdash दलभआग क बात सोचन वाला यिmdash दरदशदश स ोह करन वालाmdash दशोहीितिदन होन वालाmdash दिनकधन स सपनmdash धनीजो धनष को धारण करता होmdash धनधर धन क इछा रखन वालाmdash धनछिजसका जम अभीndashअभी हआ होmdash नवजातजो आकाश म िवचरण करता हmdash नभचरईर म िवास न रखन वालाmdash नाितकिकसी स भी न डरन वालाmdash िनडरिनभकजो कपट स रिहत हmdash िनकपटजो पढ़नाndashिलखना न जानता होmdash िनररिजसका कोई अथ न होmdash िनरथकरात म िवचरण करन वालाmdash िनशाचरिजसका आकार न होmdash िनराकारिबना भोजन (आहार) कmdash िनराहारिजसक सतान न होmdash िनःसत ानिजसका अपना कोई वाथ न होmdash िनवाथयापारक वतओ को िकसी दसर दश म भजन का कायmdash िनयात िजसको दश स िनकाल िदया गया होmdash िनवािसतजो िनदा करन योय होmdash िनदनीयिजसको भय न होmdash िनभयजो नीित जानता होmdash नीित
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
99lfp= fganh Okdjk
030013
जो नीित क अनकल होmdash नितक जो यायशा क बात जानता होmdash नयाियकपदाथ का सबस छोटा कणmdash परमाणिजतन क आवयकता हो उतनाmdash पयामहीन क दो प म स एकmdash पखवाड़ाकवल अपन पित म अनराग रखन वाली ीmdash पितताअपन माग स यतभटका हआmdash पथअपन पद स हटाया हआmdash पदयतघमनndashिफरनदशndashदशातर मण करन वाला याीmdash पयटकजो सदा बदलता रहmdash परवतनशीलजो आख क सामन न होmdash परोअयदसर पर उपकार करन वालाmdash परोपकारीपरमाथशसा करन योयmdash शस नीयवह आकित जो िकसी शीश जल आिद म िदखाई दmdash ितिबबिकसी िवषय का पण ाताmdash पारगतिजसम स आरndashपार दखा जा सकता होmdash पारदशिजसका सबध पवी स होmdash पािथवात इितहास क पव समय काmdash ागितहािसकपीन क इछा रखन वालाmdash िपपासबारndashबार कही गई बातmdash पनििजसका पनः जम हआ होmdash पनजम पहल िकया गया कथनmdash पवदोपहर स पहल का समयmdash पवाकवल फल पर िनवाह करन वालाmdash फलाहारीजो पहल था या हआmdash भतपव दोपहर का समयmdash मयािजसक आमा महान होmdash महामामयराि का समयmdash मयराजहा कवल रत ही रत होmdash मथलमास आिद खान वालाmdash मासाहारी माह म होन वालाmdash मािसककम खान वालाmdash िमताहारीकम खच करन वालाmdash िमतययीशभ काय हत िनकाला गया समयmdash महत
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
100lfp= fganh Okdjk
030013
जो मीठी वाणी बोलता होmdash मदभाषी घमndashघमकर जीवन िबतान वालाmdash यायावर सनता स िजसक रगट खड़ हो गए ह mdash रोमािचतजो लकड़ी काटकर जीवन िबताता होmdash लकड़हारािजसक हाथ म व होmdash वपािणअिधक बोलन वालाmdash वाचालसतान क ित मmdash वासयिजसक पनी मर चक होmdash िवधर ी िजसका पित मर गया होmdash िवधवावह ी जो पढ़ीndashिलखी व ानी होmdash िवदषीिकसी िवषय का िवशष ान रखन वालाmdash िवशषिजस याकरण का परा ान होmdash वयाकरणसौ वष का समहmdash शतादीजो शरण म आ गया होmdash शरणागतशरण क इछा रखन वालाmdash शरणाथसौ वतओ का सहmdash शतकशाक फल और फल खान वालाmdash शाकाहारीिनरािमषिजसम ा भावना होmdash ालदो निदय क िमलन का थानmdash सगमजो समाचार भजता हmdash सवाददातासात सौ दोह का समहmdash सतसईसब कछ जानन वालाmdash सवजो समान आय का होmdash समवयकजो सभी को समान ि स दख ता होmdash समदशसािहियक गणndashदोष क िववचना करन वालाmdash समीकवह ी िजसका पित जीिवत होmdash सधवाजो सदा स चला आ रहा होmdash सनातनउसी समय म होन वालारहन वालाmdash समकालीनसाथ पढ़न वालाmdash सहपाठीजो दसर क बात सहन कर सकता होmdash सिहणरस पणmdash सरससबको िय लगन वालाmdash सवियसद आचरण रखन वालाmdash सदाचारीिजसका चर अछा होmdash सचर
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
101lfp= fganh Okdjk
030013
जो पढ़नाndashिलखना जानता हmdash सारसाह म एक बार होन वालाmdash साािहकसभी लोग क िलएmdash सावजिनकआकार स य (मितमान)mdash साकार जो सब जगह िवमान होmdash सवयापीिजसक ीवा सदर होmdash सीव जो सोया हआ होmdash सष सधवा रहन क दशा या अवथाmdash सहागजो अपन ही अधीन होmdash वाधीनजो अपना ही िहत सोचता होmdash वाथसौ वतओ का सहmdash सकड़ा शतकहमला करन वालाmdash हमलावरसना का वह भाग जो सबस आग होmdash हरावलहवन स सब िधत सामीmdash हिवदसर का िहत चाहन वालाmdash िहतषीन टलन वाली घटनाअवयभ ावी घटनाभायाधीनmdash होनहारजानन क इछाmdash िजासािजदा रहन क इछाmdash िजजीिवषाान ा करन क इछाmdash ानिपपासािहत चाहन वालाmdash िहतषी
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
102lfp= fganh Okdjk
26vusdkFkhZ kCnअितिथ- महमान साध याी अपरिचत यि राम का पोता कश का बटा अण- लाल सय सय का सारथी इयािद आपि- िवपिएतराज अपा- इछा आवयकता आशा इयािद आराम- बाग िवाम रोग का दर होना अक- भाय िगनती क अक नाटक क अक िचह स या गोद अबर- आकाशअमत व अनत- आकाश ईर िवण अत हीन शष नाग अथ- मतलब कारण िलए भाव अिभाय धन आशय योजन अवकाश- छटटी अवसर अत राल आम- आम का फल सवसाधारण मामली सामाय अतर- शष दरी दय भद अधर- धरती (आकाश क बीच का थान) पाताल नीचा हठ आराम- िवाम िनरोग होना उर- उर िदशा जवाब हल अतीत िपछला खग- पी तारा गधव बाण खर- द गधा ितनका एक रास खल- द धतरा दवा कटन का खरल गण- समह मनय भततािद िशव क गण िपगल क गण ग- िशक हिवशष बहपित भारी बड़ा भार गो- बाण आख व गाय वग पवी सरवती सय बल इयािद गण- कौशल शील रसी वभाव धनष क डोरी गित- चाल दशा मो हालत धन- सपित योग धम- कित वभाव कतय सदाय नाग- हाथी साप नग- पवत व नगीना
030013
ऐस शद िजनक अनक अथ होत ह अनकाथ
शद कहलात ह दसर शद म- िजन शद क एक स अिधक
अथ होत ह उह अनकाथ शद
कहत ह अनकाथ का
अथ ह ndash एक स अिधक अथ दन
वाला
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
103
27kCn kfDr
lfp= fganh Okdjk
शद का अथ बोध करानवाली शि शद शि कहलाती ह शद-शि को सप म शि कहत ह इस वि या यापार भी कहा जाता ह िहदी क रीितकालीन आचाय िचतामिण न िलखा ह िक जो सन पड़ सो शद ह समिझ पर सो अथ अथात जो सनाई पड़ वह शद ह तथा उस सनकर जो समझ म आव वह उसका अथ ह प ह िक जो विन हम सनाई पड़ती ह वह शद ह और उस विन स हम जो सकत या मतलब हण करत ह वह उसका अथ ह शद स अथ का बोध होता ह अतः शद हआ बोधक (बोध करानवाला) और अथ हआ बोय (िजसका बोध कराया जाय) िजतन कार क शद हग उतन ही कार क शिया हगी शद तीन कार क- वाचक लक एव यजक होत ह तथा इह क अनप तीन कार क अथ- वायाथ लयाथ एव ययाथ होत ह शद और अथ क अनप ही शद क तीन शिया- अिभधा लणा एव यजना होती ह वायाथ किथत होता ह लयाथ लित होता ह और ययाथ यिजत विनत सिचत या तीत होता ह शद म अथ तीन कार स आता ह अथ क जो तीन ोत ह उह क आधार पर शद क शिय का नामकरण िकया जाता ह शद शि क कार
िया या पित क आधार पर शद-शि तीन कार क होत ह- (1) अिभधा शद-शि
(2) लणा शद-शि
(3) यजना शद-शि
अिभधा स मयाथ का बोध होता ह लणा स मयाथ स सब लयाथ का लिकन यजना स न मयाथ का बोध होता ह न लयाथ का बिक इन दोन स िभ अथ ययाथ का बोध होता ह (1) अिभधा शद-शि
िजस शि क मायम स शद का साात सक ितत (पहलामयिसचिलतपविविदत) अथ बोध हो उस अिभधा कहत ह जस- बल खड़ा ह- इस वाय को सनत ही बल नामक एक िवशष कार क जीव को हम समझ लत ह उस आदमी या िकताब नह समझत यहा बल वाचक शद ह िजसका मयाथ िवशष जीव ह (अिभधा का अथ ह नाम ) दसर शद म नामवाची अथ को बतलानवाला शि को अिभधा कहत ह नाम जाित
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
104lfp= fganh Okdjk
गण य या िया का होता ह और य सभी साात सक ितत होत ह अिभधा को शद क थमा शि भी कहा जाता ह)उदाहरण- िनराला क वह तोड़ती पथर किवता क आरभ क य पिया अिभधा क योग का उदाहरण तत करती ह- वह तोड़ती पथर
दखा उस मन इलाहाबाद क पथ पर
इन पिय म किव शद स सीध-सीध जो अथ कट करता ह वही अथ किवता का ह- किव न पथर तोड़ती हई ी को इलाहाबाद क पथ पर दखा इस शद-शि क ारा तीन कार क शद का बोध होता ह- (1) ढ़ शद (जस-कण) यौिगक शद (जस- पाठशाला) एव योगढ़ शद (जस- जलज) (2) लणा शद-शि
अिभधा क असमथ हो जान पर िजस शि क मायम स शद का अथ बोध हो उस लणा कहत ह लणा क शत लणा क िलए तीन शत ह-(i) मयाथ म बाधा- इसम मय अथ या अिभधय अथ लाग नह होता ह वह बािधत (असग त) हो जाता ह (ii) मयाथ एव लयाथ म सबध- जब मय अथ बािधत हो जाता ह पर यह दसरा अथ अिनवाय प स मय अथ स सबिधत होता ह (iii) िढ़ या योजन- मय अथ को छोड़कर उसक दसर अथ को अपनान क पीछ या तो कोई िढ़ होती ह या कोई योजन लणा क शाीय परभाषा मयाथ क बािधत होन पर िजस शि क ारा मयाथ स सबिधत अय अथ िढ़ या योजन क कारण िलया जाए वह लणा ह उदाहरण-
(i) सभी महावर व लोकोिया- सभी महावर एव लोकोिय म लणा शद-शि क सहार अथ हण िकया जाता ह जस- उसक िलए चल भर पानी म डब मरन क बात ह - (ii) एक पब उदाहरण- िनराला क वह तोड़ती पथर किवता क अितम पि-
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
105lfp= fganh Okdjk
दखा मझ उस ि स जो मार खा रोई नह
ि मार नह खाती ाणी मार खाता ह ि नह रोती ाणी रोता ह इसिलए ि जो मार खा रोई नह- इस कथन म अिभधय अथ या मय अथ लाग नह होता बािधत हो जाता ह तब हम उसस सबिधत अय अथ दसरा अथ लत ह- किव उस ी क बात कह रहा ह जो जीवन सघष म बार-बार मार खाकर या आघात झलकर रोई नह (3) यजना शद-शि
अिभधा व लणा क असमथ हो जान पर िजस शि क मायम स शद का अथ बोध हो उस यजना कहत ह यजना (िव + अजना) शद का अथ ह- िवशष कार का अजन अजन लगान स आख क योित बढ़ती ह पर िवशष कार क अजन लगान स परो वत भी िदखन लगती ह इसी कार यजना शद-शि स अकिथत अथ प होत ह जब अिभधा एव लणा अथ य करन म असमथ हो जाती ह तब यजना शि काय क िछप हए ययाथ का बोध कराती हययाथ को वयाथ सयाथ आपाथ तीयमानाथ आिद भी कहा जाता ह उदाहरण
(i) िस उदाहरण सय अत हो गया इस वाय क सनन क उपरात यक यि इसस िभन- िभन अथ हण करता ह सग िवशष क अनसार इस वाय क अनत यजनाथ हो सकत ह एक वाय स वा-ोता क अनसार न जान िकतन अथ िनकल सकत ह यहा िजसन भी अथ िदय गय ह व साात सकितत नह ह इसिलए इनम अिभधा शि नह ह इनम लणा शि भी नह ह कारण ह िक उ वाय लणा क शत मयाथ म बाधा को परा नह करता यिक यहा सय का जो मयाथ ह वह मौजद ह साफ ह िक इनम पायी जानवाली शद-शि यजना ह (ii) एक और पब उदाहरण
चलती चाक दख क िदया कबीरा रोय
दो पाटन क बीच म साबत बचा न कोय -कबीरयहा चलती चक को दखकर कबीरदास क दःखी होन क बात कही गई ह उसक ारा यह अथ यिजत होता ह िक ससार चक क समान ह िजसक जम और मय पी दो पाट क बीच आदमी िपसता रहता ह
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
106lfp= fganh Okdjk
यजना क भद
यजना क दो भद ह- (1) शादी यजना
(2) आथ यजना
(1) शादी यजना- शद पर आधारत यजना को शादी यजना कहत ह (2)आथ यजना- अथ पर आधारत यजना को आथ यजना कहत ह शद दो कार क होत ह- एकाथक एव अनकाथक िजन शद का कवल एक ही अथ होता ह उह एकाथक शद कहत ह जस- पतक दवा इयािद िजन शद क एक स अिधक अथ होत ह उह अनकाथक शद कहत ह जस- कलम [ अथ- (1) लखनी (2) पड़-पौध क टहनी (3) कलमकार क कची (4) िच-शली (जस- पटना कलम) आिद ] पानी (अथ- (1) जल (2) चमक (3) िता आिद) इयािद अनकाथक शद पर िटक यजना को शादी यजना तथा एकाथक शद पर िटक यजना को आथ यजना कहत ह
030013
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
107lfp= fganh Okdjk
030013
kCn kfDrkCn d
k vFkZampcksk d
jkuk
eq[kFkZ dk cksk
mPpkfjr vFkZ d
k cksk
okPkFkZZ dk cksk
izFkek kCn kfDr
ukeokph vFkZ cry
kuk
rhu izdkj d
s kCnksa dk cksk
lt+ kCnfrac14d
`kfrac12kSfxd
kCnfrac14ikBkky
kfrac12ksx
lt+ kCnfrac14t
ytiad
tfrac12
vkFkhZ Oat
uk
kCnh Oatuk
vfHkkk o y
kkkds v
leFkZ gksus ij
bldk izksx gksrk gS
vusd
kFkZd kCnksa d
k izksx gksrk gS
kCn dh l
gkrk ls
dks kfV s o`kHkkuqt
k os gykj d
s ohj
OaXkFkZ ysk
mnkgjk
OaXkFkZ dk cksk
vFkZ ij v
kkkfjrd
kFkZd kCnksa d
k izksx gksrk gSA
blesa eqgkojsy
ksdksfDrkiexcl
o in~c) jpuka v
krh gSatSlsamp v
kiexcl[kksa dk rkjk] t
Slh d
juh] oSlh Hkjuh
ykFkZ d
k izksxvfHkkk d
s vleFkZ gksus ij izksx
eq[kFkZ ds l
kfkr gksus ij izksx
Hksn
HksnmiHksn
miHksn
Hksn
vfHkkk
kCn kfDr
ykkk
kCn kfDr
Oatuk
kCn kfDr
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
108lfp= fganh Okdjk
030013
- काय - गण िकस कहत ह उर- काय म आतरक सौदय तथा रस क भाव एव उकष क िलए थायी प
स िवमान मानवोिचत भाव और धम या तव को काय गण ( शद गण ) कहत ह यह काय म उसी कार िवमान होता ह जस फल म सगिध
- काय - गण िकतन कार क होत ह यक का उदाहरण सिहत वणन किजए उर - काय गण मय प स तीन कार क होत ह - 1 माधय 2 ओज 3 साद
1 माधय गण - िकसी काय को पढन या सनन स दय म मधरता का सचार होता ह वहा माधय गण होता ह यह गण िवशष प स शात एव कण रस म पाया जाता ह माधय गण य काय म कान को िय लगन वाल मद वण का योग होता ह जस - क ख ग च छ ज झ त द न आिद
इसम कठोर एव सयार वाल वण का योग नह िकया जाता
उदाहरण 1 बस मोर ननन म नदलाल मोहनी मरत सावरी सरत नना बन िबसाल उदाहरण 2 पानी करा बदबदा अस मानष क जात दखत ही िछप जाएगा य तारा परभात
2 ओज गण - िजस काय को पढन या सनन स दय म ओज उमग और उसाह का सचार होता ह उस ओज गण धान काय कहा जाता ह इस कार क काय म कठोर सयार वाल वण का योग होता ह जस - ट ठ ड ढण एव र क सयोग स बन
28dkOampxqk
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
109lfp= fganh Okdjk
030013
शद सामािसक शद आिद यह गण मय प स वीर वीभस और भयानक रस म पाया जाता ह
उदाहरण 1 बदल हर बोल क मख स हमन सनी कहानी थी खब लड़ी मदानी वह तो झासी वाली रानी थी
3 साद गण - साद का अथ ह - िनमलता सनता िजस काय को पढ़न या सनन स दय या मन िखल जाए दयगत शाित का बोध हो उस साद गण कहत ह
इस गण स य काय सरल सबोध एव सा होता ह यह सभी रस म पाया जा सकता ह
उदाहरण 1 उठो लाल अब आख खोलो पानी लाई मह धोलो बीती रात कमल दल फल उनक ऊपर भर झल
उदाहरण 2 ह भो ान दाता ान हमको दीिजए शी सार दगण को दर हमस किजए
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
110lfp= fganh Okdjk
030013
dkO xqkdkO esa v
karfjdlkSUnZ rFkk jl
dks
izdkfkr d
jus okyk rRo
acircn esa vkst
] meax] mRlkg
dk l
apkj
dBksj l
aqDrkkj okkssZa dk izksx
ohj jl] ohHkRl
rFkk Hkkud
jl
acircn esa ekqjrk d
k lapkj
dkZfiz o ekqj okksZa
dk izksxkkar] d
k jl
lHkh jl
ksa esa ikk tkrk gS
ljy
] lqcksk d
kO
eu f[ky t
k] izlUu gks
fueyZrkizl
Uurk
Hksn
Hksn
Hksn
vkst
xqk
izlkn xqk
ekkqZ xqk
उदाहरण बस मोर ननन म नदलाल मोहनी मरत सावरी सरत नना बन िबसाल
उदाहरण ह भो ान दाता ान हमको दीिज
ए शी सार दग ण को दर हमस किज
ए
उदाहरण बदल हर बोल क मख
स हमन सनी कहानी थी
खब लड़ी मदा नी वह तो झासी वाली रानी थी
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
111lfp= fganh Okdjk
030013
29fojkeampfpEacute िभ-िभ कार क भाव और िवचार को प करन क िलए िजन िच का योग वाय क बीच या अत म िकया जाता ह उह िवराम िच कहत ह दसर शद म- िवराम का अथ ह - कना या ठहरना वाय को िलखत अथवा बोलत समय बीच म कह थोड़ा-बहत कना पड़ता ह िजसस भाषा प अथवान एव भावपण हो जाती ह िलिखत भाषा म इस ठहराव को िदखान क िलए कछ िवशष कार क िच का योग करत ह इह ही िवराम-िच कहा जाता ह यिद िवराम-िच का योग न िकया जाए तो अथ का अनथ हो जाता ह जस- (1) रोको मत जान दो (2) रोको मत जान दो (3) रोको मत जान दो
उपय उदाहरण म पहल वाय म अथ प नह होता जबिक दसर और तीसर वाय म अथ तो प हो जाता ह लिकन एक-दसर का उटा अथ िमलता ह जबिक तीनो वाय म वही शद ह दसर वाय म रोको क बाद अपिवराम लगान स रोकन क िलए कहा गया ह जबिक तीसर वाय म रोको मत क बाद अपिवराम लगान स िकसी को न रोक कर जान क िलए कहा गया ह इस कार िवराम-िच लगान स दसर और तीसर वाय को पढ़न म तथा अथ प करन म िजतनी सिवधा होती ह उतनी पहल वाय म नह होती अतएव िवराम-िच क िवषय म परा ान होना आवयक ह िहदी म चिलत मख िवराम िच िननिलिखत ह- (1) अप िवराम ( ) (2) अ िवराम ( ) (3) पण िवराम ( ) (4) उप िवराम [ ] (5) िवमयािदबोधक िच ( ) (6) वाचक िच ( ) (7) कोक ( () ) (8) योजक िच ( - ) (9) अवतरण िच या उरणिच ( ) (10) लाघव िच ( o ) (11) आदश िच ( - ) (12) रखाकन िच (_) (13) लोप िच ()
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
112lfp= fganh Okdjk
030013
(1)अप िवराम (Comma)() - वाय म जहा थोड़ा कना हो या अिधक वतओ यिय आिद को अलग करना हो वहा अप िवराम ( ) िच का योग िकया जाता ह अप का अथ होता ह- थोड़ा अपिवराम का अथ हआ- थोड़ा िवाम अथवा थोड़ा कना बातचीत करत समय अथवा िलखत समय जब हम बहत-सी वतओ का वणन एक साथ करत ह तो उनक बीच-बीच म अपिवराम का योग करत ह जस- जस- नताजी सभाषच बोस न कहा तम मझ खन दो म तह आजादी दगा राम लमण भरत और शन राजमहल म पधार सनो सनो वह या कह रही ह नह नह ऐसा कभी नह हो सकता
(2)अ िवराम ( ) - जहा अप िवराम स कछ अिधक ठहरत ह तथा पण िवराम स कम ठहरत ह वहा अ िवराम का िच ( ) लगाया जाता ह आम तौर पर अिवराम दो उपवाय को जोड़ता ह जो थोड़ स असब होत ह एव िजह और स नह जोड़ा जा सकता ह जस- फल म आम को सव फल माना गया ह िकत ीनगर म और ही िकम क फल िवशष प स पदा होत ह दो या दो स अिधक उपािधय क बीच अिवराम का योग होता ह जस- एम ए बी एड एम ए पी एच डी एम एस-सी डी एस-सी
(3) पण िवराम ( ) - जहा एक बात परी हो जाय या वाय समा हो जाय वहा पण िवराम ( ) िच लगाया जाता ह पणिवराम का अथ ह परी तरह कना या ठहरना सामायतः जहा वाय क गित अितम प ल ल िवचार क तार एकदम टट जाय वहा पणिवराम का योग होता ह यह हाथी ह वह लड़का ह म आदमी ह तम जा रह हो रिहमन पानी रािखय िबन पानी सब सन पानी गए न ऊबर मोती मानस चन
(4) उप िवराम ( )- जहा वाय परा नह होता बिक िकसी वत अथवा िवषय क बार म बताया जाता ह वहा अपणिवराम-िच का योग िकया जाता ह जस- कण क अनक नाम ह मोहन गोपाल िगरधर आिद
(5) िवमयािदबोधक िच ( )- इसका योग हष िववाद िवमय घणा आय कणा भय इयािद का बोध करान क िलए इस िच का योग िकया जाता ह जस- वाह आप यहा कस पधार हाय बचारा यथ म मारा गया ह ईवर सबका कयाण हो
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
113lfp= fganh Okdjk
030013
(6) वाचक िच ( ) - बातचीत क दौरान जब िकसी स कोई बात पछी जाती ह अथवा कोई पछा जाता ह तब वाय क अत म सचक-िच का योग िकया जाता ह जस- तम कहा जा रह हो वहा या रखा ह
(7) कोक( () ) - वाय क बीच म आए शद अथवा पद का अथ प करन क िलए कोक का योग िकया जाता ह जस- लता मगशकर भारत क कोिकला (मीठा गान वाली) ह
(8) योजक िच ( - ) - िहदी म अपिवराम क बाद योजक िच का योग अिधक होता ह दो शद म परपर सबध प करन क िलए तथा उह जोड़कर िलखन क िलए योजक-िच का योग िकया जाता ह इस िवभाजक-िच भी कहत ह जस- जीवन म सख-दःख तो चलता ही रहता ह रात-िदन परम करन पर ही सफलता िमलती ह दाल-रोटी दही-बड़ा सीता-राम फल-फल (9) अवतरण िच या उरणिच (Inverted Comma)( ) - िकसी क कही हई बात को उसी तरह कट करन क िलए अवतरण िच ( ) का योग होता ह जस- राम न कहा सय बोलना सबस बड़ा धम ह जीवन िवव क सपि ह - जयशकर साद
(10) लाघव िच ( o ) - िकसी बड़ तथा िस शद को सप म िलखन क िलए उस शद का पहला अर िलखकर उसक आग शय (०) लगा दत ह यह शय ही लाघव-िच कहलाता ह जस- पिडत का लाघव-िच पo डॉटर का लाघव-िच डॉo ोफसर का लाघव-िच ो०(11) आदश िच (-) - िकसी िवषय को म स िलखना हो तो िवषय-म य करन स पव आदश िच ( - ) का योग िकया जाता ह जस- वचन क दो भद ह - 1 एकवचन 2 बहवचन
(12) रखाकन िच (Underline) (_) - वाय म महवपण शद पद वाय रखािकत कर िदया जाता ह जस- गोदान उपयास मचद ारा िलिखत सव कित ह
(13) लोप िच (Mark of Omission)() - जब वाय या अनछद म कछ अश छोड़ कर िलखना हो तो लोप िच का योग िकया जाता ह जस- गाधीजी न कहा परीा क घड़ी आ गई ह हम करग या मरग
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
114lfp= fganh Okdjk
030013
30Nanछद िकस कहत ह िहदी सािहय क अनसार अर अर क स या माा गणना यित गित स सब िधत िकसी िवषय पर रचना को छद कहा जाता ह अथात िनित चरण लय गित वण माा यित तक गण स िनयोिजत प रचना को छद कहत ह छद क अग - 1 चरण और पाद 2 वण और माा
1 चरण या पाद- एक छद म चार चरण होत ह चरण छद का चौथा िहसा होता ह चरण को पाद भी कहा जाता ह हर पाद म वण या मााओ क सया िनित होती ह चरण क कार - 1 समचरण 2 िवषमचरण1 समचरण - दसर और चौथ चरण को समचरण कहत ह 2 िवषमचरण - पहल और तीसर चरण को िवषमचरण कहा जाता ह
2 वण और माा - छद क चरण को वण क गणना क अनसार यविथत िकया जाता ह छद म जो अर योग होत ह उह वण कहत ह माा क ि स वण क कार - 1 लघ या व 2 ग या दीघ1 लघ या व - िजह बोलन म कम समय लगता ह उस लघ या व वण कहत ह इसका िचह (|) होता ह 2 ग या दीघ - िजह बोलन म लघ वण स यादा समय लगता ह उह ग या दीघ वण कहत ह इसका िचह (middot) होता ह छद क अग - 1 माा 2 यित 3 गित 4 तक 5 गण
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
115lfp= fganh Okdjk
030013
1 छद म माा का अथ - वण क उचारण म जो समय लगता ह उस ही माा कहा जाता ह अथात वण को बोलन म जो समय लगता ह उस माा कहत ह 2 यित- प का पाठ करत समय गित को तोड़कर जो िवाम िदया जाता ह उस यित कहत ह सरल शद म छद का पाठ करत समय जहा पर कछ दर क िलए कना पड़ता ह उस यित कहत ह इस िवराम और िवाम भी कहा जाता ह 3 गित - प क पथ म जो बहाव होता ह उस गित कहत ह अथात िकसी छद को पढ़त समय जब एक वाह का अनभव होता ह उस गित या लय कहा जाता ह हर छद म िवशष कार क सगीतामक लय होती ह िजस गित कहत ह 4 तक- समान उचारण वाल शद क योग को ही तक कहा जाता ह छद म पदात क अर क समानता तक कहलाती ह तक क भद - 1 तकात किवता 2 अतकात किवता1 तकात किवता- जब चरण क अत म वण क आवित होती ह उस तकात किवता कहत ह 2 अतकात किवता- जब चरण क अत म वण क आवित नह होती उस अतकात किवता कहत ह नई किवता अतकात होती ह
5 गण - मााओ और वण क सया और म क सिवधा क िलए तीन वण क समह को गण मान िलया जाता ह विणक छद क गणना गण क मानसार क जाती ह तीन वण का एक गण होता ह गण क सया आठ होती ह गण क सया 8 ह ndash यगण मगण तगण रगण (ऽऽ) (ऽऽऽ) (ऽऽ) (ऽऽ) जगण भगणh नगण गण (ऽ) (ऽ) ()और स (ऽ)
छद क कार - 1 मािक छद 2 विणक छद 3 विणक वत छद 4 म छद
1 मािक छद - माा क गणना क आधार पर क गयी पद क रचना को मािक छद कहत ह अथात िजन छद क रचना मााओ क गणना क आधार पर क जाती ह उह मािक छद कहत ह िजनम मााओ क सया लघ -ग यित -गित क आधार पर पद रचना क जाती ह उस मािक छद कहत ह
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
116lfp= fganh Okdjk
030013
मािक छद क भद - 1 सममािक छद 2 अधमािक छद 3 िवषममािक छद
1 सममािक छद - जहा पर छद म सभी चरण समान होत ह उस सममािक छद कहत ह जस - ldquoमझ नह ात िक म कहा ह भो यहा ह अथवा वहा ह rdquo 2 अधमािक छद - िजसम पहला और तीसरा चरण एक समान होता ह तथा दसरा और चौथा चरण उनस अलग होत ह लिकन आपस म एक जस होत ह उस अधमािक छद कहत ह 3 िवषय मािक छद - जहा चरण म दो चरण अिधक समान न ह उस िवषम मािक छद कहत ह ऐस छद चलन म कम होत ह
2 विणक छद - िजन छद क रचना को वण क गणना और म क आधार पर िकया जाता ह उह विणक छद कहत ह
वत क तरह इनम ग और लघ का कम िनित नह होता ह बस वण सया िनित होती ह य वण क गणना पर आधारत होत हिजनम वण क सया म गणिवधान लघ-ग क आधार पर रचना होती ह
4 म छद - म छद को आधिनक यग क दन माना जाता ह िजन छद म वण और मााओ का बधन नह होता उह मक छद कहत ह अथात िहदी म वत प स आजकल िलख जान वाल छद म छद होत ह चरण क अिनयिमत असमान वछद गित और भाव क अनकल यित िवधान ही म छद क िवशषता ह इस रबर या क चआ छद भी कहत ह इनम न वण क और न ही मााओ क िगनती होती ह rdquo वह आताजस - दो टक कलज क करता पछताता पथ पर आता पट पीठ दोन िमलकर ह एक चल रहा लकिटया टक मी भर दान को भख िमटान को मह फटी परानी झोली का फलता दो टक कलज क कता पछताता पथ पर आता rdquo
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
117lfp= fganh Okdjk
030013
मख मािक छद - 1 दोहा छद 2 सोरठा छद 3 रोला छद 4 गीितका छद 5 हरगीितका छद 6 चौपाई छद 7 कडिलया छद
1 दोहा छद- यह अधसममािक छद होता ह य सोरठा छद क िवपरीत होता ह इसम पहल और तीसर चरण म 13-13 तथा दसर और चौथ चरण म 11-11 मााए होती ह इसम चरण क अत म लघ (|) होना जरी होता ह बड़ा हआ तो या हआ जस पड़ खजर पथी को छाया नह फल लाग अित दर 2 सोरठा छद- यह अधसममािक छद होता ह य दोहा छद क िवपरीत होता ह इसम पहल और तीसर चरण म 11-11 तथा दसर और चौथ चरण म 13-13 मााए होती ह यह दोहा का उटा होता ह िवषम चरण क अत म एक ग और एक लघ माा का होना जरी होता ह तक थम और ततीय चरण म होता ह तलसी-सर-िवहार-कणभ-भारिव-मखाः भाषाकिवताकार-कवयः कय न सभता 3 रोला छद - यह एक मािक छद होता ह इसम चार चरण होत ह इसक यक चरण म 11 और 13 क म स 24 मााए होती ह इस अत म दो ग और दो लघ वण होत ह सय-च यग-मकट मखला रनाकर ह 4 गीितका छद- यह मािक छद होता ह इसक चार चरण होत ह हर चरण म 14 और 12 क म स 26 मााए होती ह अत म लघ और ग होता ह ह भो आनददाता ान हमको दीिजय शी सार दगण स दर हमको किजय लीिजय हमको चरण म हम सदाचारी बन चारी धमरक वीर तधारी बन5 हरगीितका छद - यह मािक छद होता ह इसम चार चरण होत ह इसक हर चरण म 16 और 12 क म स 28 मााए होती ह इसक अत म लघ ग का योग अिधक िस ह ी राम च कपाल भजमन हरण भव भय दाणम नवकज लोचन कज मख कर कज पद कजाणम कदप अगिणत अिमत छिव नव नील नीरज सदरम पटपीत मानह तिडत िच शिच नौिम जनक सतावरम 6 चौपाई छद - यह एक मािक छद होता ह इसम चार चरण होत ह इसक हर चरण म 16 मााए
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
118lfp= fganh Okdjk030013
होती ह चरण क अत म ग या लघ नह होता ह लिकन दो ग और दो लघ हो सकत ह अत म ग वण होन स छद म रोचकता आती ह सरज िफर स ह मकाया कोयिलया न गान सनाया आम नीम जामन बौराए भवर रस पीन को आए भवन भाकर बहत दलारा मख मडल ह यारा-यारा 7 कडिलया छद - कडिलया िवषम मािक छद होता ह इसम 6 चरण होत ह श क 2 चरण दोहा और बाद क 4 चरण उलाला छद क होत ह इस तरह हर चरण म 24 मााए होती ह बोता खद ही आदमी सख या दख क बीज मान और अपमान का लटकाता ताबीज
मख विणक छद - 1 सवया छद 2 किव छद
1 सवया छद - इसक हर चरण म 22 स 26 वण होत ह इसम एक स अिधक छद होत ह य अनक कार क होत ह और इनक नाम भी अलग -अलग कार क होत ह सवया म एक ही विणक गण को बार-बार आना चािहए इनका िनवाह नह होता ह मानस ह तो वही रसखान बस ज गोकल गाव क वारन जो पस ह तो कहा बस मर ो चर िनत नद क धन मझारन पाहन ह तो वही िगर को जो धय कर छ परदर कारन जो खग ह तो बसरो कर िमिल कािलदीकल कदब क डारन 2 किव छद - यह विणक सम छद होता ह इसक हर चरण म 31स 33 वण होत ह और अत म तीन लघ होत ह 16 17 व वण पर िवराम होता ह बार बार ार प िनगाह जाय अकलाय दहरी प आज वोई पापी पाय धरह
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
119lfp= fganh Okdjk
030013
31incakपदबध िकस कहत ह उदाहरण दकर प कर
पदबध- जब एक स अिधक पद िमलकर एक याकरिणक इकाई का काम करत ह तब उस बधी हई इकाई को पदबध कहत ह
जस- सबस तज दौड़न वाला घोड़ा जीत गया
पदबध क पाच भद ह -
(1) सा-पदबध- जब एक स अिधक पद िमलकर सा का काम करत ह तो उस पदबध को सा पदबध कहत ह
जस- (a) छत स िगर पड़ा बराबर क कमर म रहन वाला आदमी
(b) राम न लका क राजा रावण को मार िगराया
उपय वाय म लाल छप शद सा पदबध ह
(2) सवनाम पदबध- जब एक स अिधक पद िमलकर सवनाम का काम करत ह तो उस पदबध को सवनाम पदबध कहत ह
जस- (a) आज रो य रह हो गलाब क तरह मकरान वाल तम
(b) आज चप य हो शर क तरह दहाड़न वाल आप
उपय वाय म लाल छप शद सवनाम पदबध ह
(3) िवशषण-पदबध- जब एक स अिधक पद िमलकर िकसी सा क िवशषता कट कर तो उस पदबध को िवशषण पदबध कहत ह|
जस- (a) गािड़या ायः दर स पहचती ह तज चलन वाली
(b) वह जासस ह उस घर क कोन म बठा हआ
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
lfp= fganh Okdjk030013
उपय वाय म लाल छप शद िवशषण पदबध ह
(4) िया पदबध- जब एक स अिधक पद िमलकर एक इकाई क प म िया का काय सपन करत ह तो उस पदबध को िया पदबध कहत ह
जस-(a) वह बाजार क ओर आया होगा
(b) मझ मोहन छत स िदखाई द रहा ह
(c) नाव नदी म डबती चली गई
(d) अब दरवाजा खोला जा सकता ह
उपय वाय म लाल छप शद िया पदबध ह
(5) िया िवशषण पदबध- जो पदबध ियािवशषण क प म य होत ह उह ियािवशषण पदबध कहत ह
जस-(a) मन रमा क तीा क आधी रात तक
(b) उसन साप को मारा पीट-पीटकर
(c) वह छत स िगर पड़ा गद क तरह लढ़ककर
(d) कछ लोग चलत ह सोत-सोत
उपय वाय म लाल छप शद िया िवशषण पदबध ह
120
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
lfp= fganh Okdjk030013 121
फ़डबक
डॉ0 िवजय कमार चावला िहदी ायापक ारा तयार िकया गया सिच िहदी याकरण का ितीय सकरण ( माइड मिपग क साथ) मन पढ़ा पढ़ कर मझ अयिधक हष का अनभव हआ डॉ0 चावला न ई-कटट क मायम स िहदी याकरण क यक पहल को उदाहरण क मायम स और भी आसान कर िदया ह परान समय म अयापक परपरागत तरीक का योग करक बच को िहदी क याकरण िसखात थ जस - लक बोड और चाWक का योग कर िफर गह काय अयास ारा तथा मौिखक सषण ारा लिकन आज क सदभ म ई-याकरण क मायम स याकरिणक िवषय क उदाहरण को ोजटर पर बच को आसानी स िदखाया जा सकता ह
डॉ0 िवजय कमार चावला ारा ई-याकरण तयार करना अपन आप म एक अनठा काय ह िजसस बहत सार िशक और बच लाभािवत हग
डॉटर िवजय चावला न िनःसदह कड़ी महनत करक ई-याकरण का जो यह सकरण हम पाठक क सम रखा ह वह एक सराहनीय यास ह
शभकामनाओ सिहत
सर कमार धानाचाय रा मासवमािव योड़क
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nhU g Of kd= jpf kl
E-Grammar
lfp= fganh Okdjk030013 122
फ़डबक
बहत ही हष का िवषय ह िक डॉ0 िवजय कमार चावला (वा िहदी राजकय मॉडल सकित वर मायिमक िवालय योड़क िजला कथल (हरयाणा) ारा ई - याकरण का ितीय सकरण ( माइड मिपग क साथ) िशा जगत को समिपत िकया गया ह यह पतक बहद सरल भाषा म व सदर व सामियक िच ारा याकरण क जिटल उपिवषय को अपन अदर सजोए हए ह सिच िहदी ई याकरण ितीय सकरण ( माइड मिपग क साथ) िहदी िशण क म एक ाितकारी कदम सािबत होगा आज िडिजटल यग क साथ आग बढ़त हए हमार बच को ई - याकरण म िच क मायम स बहद सरल याया क साथ जब याकरण क िविभन िवषय प हग तो डॉ0 िवजय कमार चावला जी क दरगामी सोच वाल इस महवपण काय क परणाम िमलन श हग डॉ0 चावला जी क उपलिध क अवसर पर यह िज करना आवयक हो जाता ह िक डॉ0 चावला नवोदय ाित परवार क नशनल मोिटवटर ह और िहदी िवभाग क राीय मागदशक व सहायक ह आपक कशल मागदशन का लाभ दश क लगभग 15 राय क बहतरीन सरकारी िशक ल रह ह आपक बहतरीन िशण शली व उम कौशल का आभास इस बात स हो जाता ह िक आप वा होत हए भी ाथिमक काओ क बच को िहदी क बारीिकया िसखात हए नज़र आत ह और बच क आपक साथ सीखन म िच भी होती ह आपक इस बहमय पतक का लाभ दश क सभी िशक को िमलगा और िनित प स िहदी भाषा िशण अिधगम म यह एक मील का पथर सािबत होगी यह पतक आधिनक सोच स जोड़कर िहदी िवषय क सही समझ बच व अयापक म िवकिसत करगी डॉ0 िवजय चावला जी को इस उपलिध क िलए हािदक बधाई व शभकामनाए
गजी सदीप िढलसथापक नवोदय ाित परवार
laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
hn U Og f kd= jpf kl
E-Grammar
esjs kjk fgUnh dh g bZampOkdjk uokpkj rduhd dk izksx djrs gq rSkj dh xbZ gSA bl Okdjk dks lfp= rSkj djus dk izkl fdk xk gSA g Okdjk bZampdaVsV dk dkZ djsxhA bl Okdjk dks cukrs le fganh ikB~Oslashe dk foksk ku j[kk xk gSA
vkids vewY lqgtko o fVIikh lknj vkeaf=r gSaA d`ik vius lqgtko o fVIikh esjs
OgkV~li uacj 94161-89435 rFkk
Mail-ID- vijaychawla95gmailcom ij HkstsaA
fgUnhO kd j klfp=
E-Learning Series laKk loZukemilxZ
fokskk
izR
fodkjh kCnvfodkjh kCn
fOslashkeqgkojs
yksdksfDrka
nh Ug Of kd= jpf kl
E-Grammar
E-Grammar
MkW- fot dqekj pkoykfgUnh izkkid
Mind Mapping d s l kFk
frh laLdjk