Top Banner
Sample Copy. Not For Distribution.
18

Sample Copy. Not For Distribution. - educreation.in · टोटके सि स्वयं वसद्ध है आपको इसको ज्यादा मेहनत करने

Aug 29, 2019

Download

Documents

vuque
Welcome message from author
This document is posted to help you gain knowledge. Please leave a comment to let me know what you think about it! Share it to your friends and learn new things together.
Transcript
  • Sample Copy. Not For Distribution.

  • i

    जीवन यात्रा

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • ii

    Publishing-in-support-of,

    EDUCREATION PUBLISHING

    RZ 94, Sector - 6, Dwarka, New Delhi - 110075 Shubham Vihar, Mangla, Bilaspur, Chhattisgarh - 495001

    Website: www.educreation.in

    ________________________________________________________________

    © Copyright, 2018, Rizwan Khan

    All rights reserved. No part of this book may be reproduced, stored in a retrieval system, or transmitted, in any form by any means, electronic, mechanical, magnetic, optical, chemical, manual, photocopying, recording or otherwise, without the prior written consent of its writer.

    ISBN: 978-93-88719-80-3 Price: ₹ 786.00

    The opinions/ contents expressed in this book are solely of the authors and do not represent the opinions/ standings/ thoughts of Educreation or the Editors . The book is released by using the services of self-publishing house.

    Printed in India

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • iii

    जीवन यात्रा

    एक रहस्यमयी खोज

    बाबा ररजवान खान

    EDUCREATION PUBLISHING (Since 2011)

    www.educreation.in

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • iv

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • v

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • vi

    पुस्तक के विषय मे

    ➢ इस पुस्तक को आप मत खरीदो , अगर

    ➢ अगर आप तंत्र मंत्र मे विश्वास नही ंरखते हैं तो

    ➢ अगर आप के ऊपर कीसी ने काला जादू नही ंक्या हो तो

    ➢ अगर आप केिल विज्ञान के भक्त हो तो

    ➢ अगर आपके पररिार मे कभी कोई हादसा नही ंहुआ हो तो

    ➢ अगर आप भूत पे्रत पर विश्वास नही ंरखते हो तो

    ➢ अगर आप ने कभी भूत पे्रत या पररयो की कहानीया नही ंसुनी हो तो

    ➢ अगर आपके दोस्त या आपके ऊपर कीसी ने तंत्र प्रयोग नही ंक्या हो तो

    ➢ अगर आपने कभी कीसी के शरीर पे भूत पे्रत या आत्मा नही ंदेखा हो तो

    ➢ अगर आपने कीसी इंसान को भूत पे्रत से खेलते हुए नही ंदेखा हो तो

    ➢ अगर आपको कोई विमारी या परेशानी नही ंहो तो

    ➢ अगर आपको तंत्र मंत्र मे वदलचस्पी ना हो तो

    ➢ अगर आपने कभी कीसी से प्यार नही ंक्या हो तो

    ➢ अगर आप नास्तस्तक हो तोअगर आप कीसी परेशानी या मुसीित मे नही ंहो

    तो

    ➢ अगर आपको आपके दुश्मन परेशान नही ंकर रहे हो तो

    ➢ अगर आप मंवदर भगिान खुदा या दरगाहो ंपे विश्वास नही ंरखते हो तो

    ➢ अगर आपको अलौक़ीक शस्तक्तयो ंऔर विद्याओ पे विश्वास ना हो तो

    ➢ अगर आपको टोने टोटके या अमल या अमवलयात पर विश्वास ना हो तो

    ➢ अगर आप भविष्य मे कभी आगे िढ़ना नही ंचाहते हो तो

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • vii

    इस पुस्तक को मैंने आम िोल चाल मे िोली जाने िाली भाषा मे वलखने की पूरी

    कोवशश की हैं मैंने इस पुस्तक मे कीसी भी शुद्ध वहन्दी, संसृ्कत, या ऐसे शब्दो का

    प्रयोग नही ंक्या है जो आपके सर के ऊपर से जाये ,आपको समझ मे नही ंआए और

    आप उस पुस्तक को िंद करके एक कोने मे रख दे ,जो सिाल आपके वदमाग मे

    वहचकोले खाये और आप उसी सिाल को मुझसे पूछने मे अपना िक़्त ििााद कर दे

    की गुरुजी आपने ये कौन सा शब्द वलखा हैं जो समझ मे नही ंआ रहा है

    कू्यकी हर व्यस्तक्त ज्ञानी नही ंहोता मैं जानता हु ,मेरा इस पुस्तक को वलखने का

    उदे्दस्य अंध विश्वास को िढ़ािा देना नही ंहैं और ना ही लोगो के मन मे कोई भ्रम पैदा

    करना हैं और ना ही मैंने धमा के विरुद्ध जाकर कोई ऐसा काया क्या हैं वजस िात का

    िुरा कीसी को लगे मैंने केिल अपने जीिन का अनुभि और जो मैंने अपने गुरु के

    साथ रहकर जो कुछ वसखा या जो कुछ देखा या जो कुछ जाना िही तंत्र विद्या यानी

    अमवलयात को इस पुस्तक के माध्यम से िताने की कोशीश की हैं

    ताकी इसको सरल और आसान तरीके से समझा जा सके, मैंने ज़ी नू्यज़

    समाचार मे पोल खोल नामक एवपसोड में कई ऐसे ढोगंी पाखंडी तांवत्रको का

    पदााफाश भी क्या हैं जो भोली भाली जनता को िेिकूफ िनाकर लूट रहे हैं ,नीिूं

    काट खून वनकालते हैं नाररयल मे से टाचनी और िाल वनकालते हैं खोलते तेल मे

    हाथ डालकर वदखाते हैं

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • viii

    अपने आप आग लगाकर वदखाते हैं मुह मे कपूर रखकर जलाते हैं ,उन सभी

    िािाओ और पाखंडी तांवत्रको का पदााफाश क्या हैं और करता ही रहुगा मेरे आने

    िाली पुस्तक मे और भी ऐसे झुठे रहस्यो को खोलूगा जो भोली भाली जानता को

    िेिकूफ िना रहे हैं क्योकी अि तंत्र केिल 10 प्रवतशत िचा हुआ हैं िाकी का तो

    सि मानवसक प्रभाि लक्षण होते हैं

    मन की िीमाररयो ंहोती हैं और मैंने इस पुस्तक को उन लोगो के वलए आम

    भाषा मे वलखने का प्रयत्न इसीवलए क्या की जो तंत्र मागा मे रुवच रखते हैं

    और अमवलयात यानी तंत्र विद्या को सीख कर दूसरो ंकी भलाई करना चाहते हैं

    समाज सेिा करना चाहते हैं दूसरो ं का दुख दूर करना चाहते हैं अगर मेरी इस

    पुस्तक मे वलखी हुई कीसी भी िात पे अगर आपको िुरा लगे या आपके वदल को

    चोट पहुचे तो मैं आप लोगो से हाथ जोड़कर अभी से माफी मांगता हु और आप लोग

    मुझे माफ कर देना

    कू्यकी इस पुस्तक की मदद से जो भी पैसा आएगा उन पैसो को मैं अपंग संस्था

    के वलए उपयोग करुगा मैं उन तमाम अपावहजो के वलए कुछ करना चाहता हु

    सहारा हंवडकेप्पप्पड फ़ाउंडेशन के वलए की हर एक व्यस्तक्त को मैं चाहता हु हर अपंग

    व्यस्तक्त अपने पैरो पे खडे हो सके,

    मेरे पुस्तक वलखने का मकसद उदे्दस्य केिल लोगो तक सच्चाई को पहुचाना हैं

    तंत्र विद्या को आम लोगो तक पहुचाना और उसे समझाना हैं की आप भी मेरी इस

    पुस्तक की मदद से कुछ ऐसे तंत्र प्रयोग टोने टोटके कर सकते है ऐसी साधनाए कर

    सकते है

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • ix

    जो आपके जीिन मे िहोत उपयोगी वसद्ध होगंी और आपके िहुत काम आएगे मेरे

    गुरु ने जो मुझे िताया या मुझे जो विद्या वसखाई हैं मैं चाहता हु िो विद्या आप लोगो के

    सामने आये कू्यकी अगर मैं मर गया तो मेरी सारी विद्या मेरे साथ मेरे वसने मे दफन

    हो जाएगी जो की िहोत प्राचीन और लुप्त है कू्यकी मेरे गुरु की उम्र ही 119 साल थी

    मैंने इस पुस्तक मे िही िताने की कोवशश क्या हु जो मैंने प्रस्तिकल क्या हैं

    और कुछ ऐसे साधनाए जो गुरु के मागा दशान से ही संभि हैं कू्यकी गुरु विना ज्ञान

    नही,ं उनके िताए हुए रासे्त पर चलकर ही आप कुछ कवठन विद्याओ को प्राप्त कर

    सकते हैं कू्यकी जीिन का दुसरा नाम ही संघषा हैं संघषा भरे जीिन मे मनुष्य को

    मेहनत तो करते रहना ही होगा घर िैठे कुछ नही ंवमलता उसके वलए हाथ पैर और

    मुह चलाना होता ही हैं मैं उन तमाम यूटू्यि दशाक और चैन्नल चलाने िाले और

    कीतािो ं के लेखक सभी लोगो का धन्यिाद करता हु जो लोगो तक विवडयो के

    माध्यम से और पुस्तको ंके जररये अपना संदेश लोगो तक पहुचाते रहते है

    और लोगो को सच्चाई का सामना करिाते रहते हैं मैं कभी कीसी को गलत

    नही ंकहता हु की कौन सही हैं और कौन गलत हैं सि अपनी जगह पर सही है

    उन लोगो ंने भी जो मेहनत की हैं मैं उसके वलए उन लोगो ंको िहोत िहोत धन्यिाद

    कहता हु और मैं आशा करता हु की हम सि वमलकर लोगो तक सच्चाई पहुचाते रहे

    इसके वलए

    आप लोगो का सहयोग िहोत जरूरी हैं

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • x

    मदद करना ही हैं

    तो कू्य ना अपंग संस्था की करे ताकी िो

    अपने पैरो पर खड़े हो सके ,इस पुस्तक के माध्यम से जो पैसा आएगा िो संस्था

    को मदद के वलए जायेगा तावक कोई मुझ जैसा अपावहज लाचार व्यस्तक्त अपने

    पैरो पे चल सके और सर उठाकर जी सके ,मैंने जल्द ही आप लोगो को

    अध्यास्तत्मक ज्ञान वजतना मेरे पास है उतना वसखाने के वलए जल्द ही आश्ताना

    और आश्रम की शुरुिात करने िाला हु अगर आपका सहयोग वमले तो

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • xi

    इस कीताि के िारे में वसफा इतना िताना चाहता हु ,की हर इंसान कीसी न कीसी

    समस्या से परेशांन है कीसी ने काला जादू कर वदया है कीसी ने टोना टोटका ,मैली

    विद्या ,सीफ्ली विद्या ,अघोरी विद्या ,रूहानी विद्या ,कोई कीसी की मोहब्बत में परेशान

    है तो कोई दुश्मनो ंसे ,कोई अपनी औलाद से परेशान है ,तो कोई पड़ोवसयो ंसे ,कोई

    भुत पे्रत से परेशान है तो कोई वजन्न वजन्नातो से,कोई िीमाररयो ंसे ग्रस्त है अस्पतालो ं

    के चक्कर काटते काटते थक चूका है तो कोई ,उपरी हिािो का चक्कर है, जादू

    टोना, मूठ ,करनी, कजा ,नोकरी धंदा ,विमारी ,परेशानी हर इंसान की वजंदगी में िनी

    ही रहती है,आज कौन अन्दर से परेशान नही ंहै ,उस मााँ से पुछो की उसके वदल पे

    क्या िीतती है वजसका िच्चा नशा करता हो ,और उसी मााँ के सामने अपना दम तोड़

    रहा हो

    ,हर इंसान ऊपर िाले से यही दुआ करता है की ए परिर वदगार ,ए खुदा,हे

    भगिान् हे मावलक हमें रास्ता िताओ की हम क्या करे ,वफर िािा ओ का चक्कर

    तांवत्रको का माया जाल ,पाखंडी अघोररयो का छल कपट,ढोगंी मक्कार िािा ओ की

    दुवनया ,वफर दरगाह वफर मंवदर वफर गुरु द्वारा,वफर चचा, पर ऊपर िाला कही न

    कही हमको देख रहा है ,और हमको उसपर पूरा भरोसा है की िो हमारी जरुर

    सुनेगा ,ये सच है जैसा कमा करोगे िैसा ही फल वमलेगा ,अगर आपने अपनी वजंदगी

    में कभी कीसी का िुरा नही ंहो

    वफर भी आप परेशान है तो समझ लो उपरी आसरात है यानी काला जादू, मैं

    कोई िहोत िड़ा ज्ञानी पंवडत ओझा िािा या तांवत्रक नही ं हु, न कोई िहोत िड़ा

    महाराज ,मैं िस आप लोगो के जैसा ही एक साधारण मनुष्य हु, वजसने वजंदगी में

    कई ठोकर खाई और आगे िढता गया ,जि ति इंसान के ऊपर खुद न िीते िो दुसरे

    के ददा को कभी महसूस नही ंकर सकता ,कब्र का हाल तो वसफा मुदाा ही जानता है

    ,की उसको अन्दर कीतनी तकलीफ है,आज की इस तकवनकी दुवनया में इंसान एक

    मवशवनरी पाट्ास की तरह िन चूका है, सुिह से जो भाग दौड़ भरी वजंदगी शुरू

    करता है तो रातो को जाकर कही रुकता है ,िो इस रोजी रोटी की दुवनया में खुदको

    भूल चूका है की ,ऊपर िाले ने मनुष्य के भीतर भी कोई शस्तक्त छुपाकर रख्खी है

    ,िस जरुरत है तो उसे जानने की ,

    जो जान गया िो आवमल िो ज्ञानी जो ना समझा िो अज्ञानी , िस जरुरत है

    आपको गुरु की ,पर मेरी इस िुक में आप वसफा मेरे गुरु की तस्वीर रख कर भी

    उनको इज्जत और सम्मान देंगे तो काफी है,इस पुस्तक में िताये गए सभी मंत्र टोन

    टोटके सि स्वयं वसद्ध है आपको इसको ज्यादा मेहनत करने की जरुरत नही ंहोगी

    ,िस जैसा जैसा कीताि में वलखा है उसको पढ़कर भी आप अपनी समसयाओ का

    समाधान कर सकते है ,िस मैं खुदा से जि भी हाथ उठाकर दुआ करुगा तो यही

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • xii

    करुगा की ए खुदा सिकी जायज तम्मनाओ को पूरा कर ,और मेरे गुरु के िताये हुए

    मागा पर पर चलने िालो पर अपना आशीिााद िनाए रखना और उनके काया को पूरा

    कर और उनमे इतनी शस्तक्त जरुर समावहत करदे की िो आपने साथ साथ दुसरो का

    भी भला कर सके ,

    इस पुस्तक के माध्यम से िो लोगो का जगत कल्याण कर सके ,और िस मेरी

    यही विनती रहेगी मेरे वशष्यो ंसे को कभी आपने आप को िािा तांवत्रक अघोरी ,या

    आवमल ना कहे ,िस जनता का सेिक कहे तो मेरे गुरु की आत्मा िहोत खुस होगी

    ,मैं इस पुस्तक के माध्यम से आप लोगो तक सचे्च तंत्र मंत्र का ज्ञान पहुचाना चाहता

    हु जो कुछ मैंने अपने गुरु से वसखा हु िो आपको जरुर दंूगा ,िस मैं आप लोगो को

    कीसी का िुरा करने की विद्या कभी नही ंवसखाऊंगा ,और ना ही मारण कमा आपको

    वसखाऊंगा ,मैं आपको शांवत कमा,िशीकरण,,उच्चाटन कमा,स्तम्भन कमा ,आकषाण

    कमा,,विदे्वषण कमा,और टोन टोटके वसखाऊंगा जो मुझे मेरे महान परम पूज्य गुरुदेि

    श्री मोती वसंह राथोठ जुनागड़ से वमला है ,

    मैं इस पुस्तक में रूहानी और सीफ्ली दोनो ंअमल के िारे में िताऊंगा, इस

    पुस्तक को वलखने का मेरा उदे्दद्य कीसी भ्रम को या अंध विश्वास को फैलाना या

    िढ़ाना नही ंहै िस्ति उन लोगो ंतक तंत्र मंत्र को पहुचाना है जो सचे्च वदल से लोगो

    का और अपना भला करना चाहते हैं , मैं आशा करता हु की आप लोग भी मेरे गुरु

    के िताये हुए मागा पे चलकर एक सचे्च साधक िने,औए जगत कल्याण में अपना

    सहयोग दे

    आपका

    सेिक

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • बाबा रिजवान खान एक िहस्यमयी खोज { जीवन यात्रा }

    1

    मेरी कहानी

    नमस्कार, अस्सलाम अलय्कुम, मेरा नाम ररजिान खान है मेरा जन्म १४ वदसम्बर

    १९७५ मंुिई महाराष्ट्र भारत में हुआ है मेरा परीिार िहोत गरीि िगा का है हम दो

    भाई और दो िहन थी मेरी मेरे वपताजी एक टैक्सी डर ाईिर थे जैसे तैसे रोजी रोटी का

    गुजारा हो जाता था हम कीराये के मकान में रहते थे उनका एक िहोत िड़ा सपना

    था मै िड़ा होकर डॉिर िनू, आयु ६ साल अचानक से एक अजीि सा िुखार शरीर

    को जकड लेता है वपताजी अस्पताल लेकर जाते है तो पता चलता है की ये िुखार

    कोई और नही ं िस्ति ये पोवलयो का िुखार है वजसकी िजह से मेरा एक पैर

    अपावहज हो गया जान तो िच गयी मगर मुझे अि सहारे की जरुरत पड गयी

    वपताजी का सपना मानो टूट सा गया ,उनकी आाँखो ंमें खुसी के िजाय दुुःख के आशु

    वदखे, जैसे वजंदगी ठहर सी गयी हो उन्ोनें आपने आप को िहोत संभाला और

    जीिन के संघषा को जारी रक्खा वदन रात मेहनत करते रहे और मुझे अस्पताल में

    इलाज कराने िरािर पहुच जाते उनकी मेहनत रंग लाई मै िैशाखी यानी लकवडयो

    के सहारे खड़ा हो गया और चलने लगा

    अपावहज होना मानो एक श्राप से कम नही ं होता उनको पूछो वजन पर ये

    िीतती है ऊपर िाला इंसान को उठाले मगर कीसी का मोहताज नही ंिनाये न आाँखो ं

    से न हाथ पैरो से ,एक अपावहज की वजंदगी कौन जीना चाहता है उन्ोनें मुझे सू्कल

    पढ़ाया वलखाया िो मुझे आपने साथ सू्कल ले जाते और ले आते उनके इस पररश्रम से

    मैंने १२ कक्षा तक पढाई पूरी कर ली

    उम्र १७ साल अचानक एक तूफ़ान आ जाता है जीिन में एक ऐसा तूफ़ान वजस

    पर विज्ञान यकीनं नही ंकरता भुत पे्रत ,,,वजंदगी मानो थम सी जाती है मेरी छोटी

    िहन के शरीर में एक पे्रत आत्मा का िाश हो जाता है वजससे हमारे घर का

    िातािरण िदल जाता है वजसको िचाने के वलए हम ने डॉिर का सहारा वलया

    िहोत सारे इलाज करिाए मगर कुछ नही ंहुआ ,ति कीसी ने सुझाि वदया की आप

    लोगो के ऊपर कीसी ने जादू टोना कर वदया है आप कीसी तांवत्रक या िािा को

    वदखाओ ,एक ऐसा उपाय लोग िता रहे थे लोग अपनी अपनी राय रख रहे थे िड़े

    िुजुगा सलाह दे रहे थे की कीसी दरगाह या मंवदर मस्तिद में इसे ले जाओ कौन

    यकीनं करता ये विज्ञान की दुवनया में कौन यकीनं करता की भुत पे्रत आत्मा रूह

    िगेराह िगेराह होती है

    कुछ वदन िीतने लगे उसके ितााि में अजीि सा कुछ महसूस होने लगा ,की

    कही न कही कुछ तो गड़िड़ है डॉिरो ने हाथ उठा वदए की आप इसे कही और ले

    जाये इसकी मेवडकल ररपोटा स्तियर है मगर उसके मुह से खून आना िंद नही ंहुआ

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • बाबा रिजवान खान एक िहस्यमयी खोज { जीवन यात्रा }

    2

    िो चीखती वचल्लाती दीिारो ं पे अपना सर फोडती और यही कहती की िहां कोई

    खड़ा है ,,, िो मुझे अपने साथ लेकर जाना चाहता है

    िो मुझे िुला रहा है और उसका रोना शुरू हो जाता है हम लोग उसको कस

    कर पकड़ते है मगर उसके शरीर को जैसे १०० आदवमयो ंका िल वमल गया हो सभी

    को िो उठाकर एक तरफ फेक देती कोई उसको पकड़ नही ंपाता ,िो जि रोती की

    िहोत रोती हस्ती तो िहोत हस्ती वचल्लाती तो मानो कान के परदे फट जाये, एक

    अजीि सी गंद ने उसके चारो तरफ कब्जा कर वलया हो कुछ समझ नही ंआ रहा था

    हम लोग तंत्र मंत्र पर यकीन नही ंकरते थे और ना ही यकीनं था ,

    मैं पढ़ा वलखा विज्ञान का सू्टडेंट था मेरे वपताजी ठहरे गााँि के इंसान उनको इस

    चीज की समझ नही ंथी ,जि ददा हद से गुजर गया तो मेरे दादा ने कहा िेटा अि

    इसको कीसी हाकीम या ओझा को वदखाओ या कीसी आवमल के पास इसको लाकर

    जाओ कोई दुआ या कोई तािीज ही िनिा लो इसके वलए ताकी इसको कोई आराम

    पड जाए ,यही सोच कर पास ही की एक मस्तिद के िाहर शाम के िक़्त खड़े हो गए

    एक कतार सी िनी हुई थी लोगो की भीड़ जमी हुई थी कोई अपने िच्चो को लेकर

    खड़ा था तो कोई हाथो में पानी की िोतल तो कोई हाथो में नजर के वलए काला धागा

    ,मेरी कुछ समझ में नही ंआ रहा था की यहााँ हो क्या रहा है थोड़ी देर िाद मगररि

    की नमाज पूरी हुई पूरी हुई एक सफ़ेद लम्बी दाढ़ी िाला जो िहोत ही खुिसूरत

    वलिास में वलपटा हुआ शख्स मस्तिद के दरिाजे से िाहर आया तो लगा की कोई

    फ़ररश्ता आ रहा हो

    कोई खुदा का नेक िंदा हो िो एक एक दुआ पढ़कर फंूक मारते हुए पानी पर

    दम करके देते हुए काले धागो ंपर िंवदश यानी रक्षा किच की दुआ पढ़ते हुए मेरी

    तरफ िड रहे थे जि िो पास आ रहे थे तो मेरी िहन की सााँसे िहोत तेजी से चलने

    लगी िो मेरे वपताजी की गोद में थी उनके एक एक कदम मेरी िहन की िेचैनी को

    िड़ा रहे थे और जैसे ही उन्ोनें पास आकर पुछा की तुम्हारा नाम क्या है अचानक

    से एक जोर की चीख आई की मैं इस लड़की को नही ंछोड़ूगा मार दंूगा

    इसे और िो जोर जोर से चीखती और वचल्लाती रही और िो हजरत उसी तेजी

    के साथ उस पर दुआ पढ पढ कर फंूकते रहे ,काफी देर िाद िो शांत हो गयी ति

    हजरत ने कहा की आपके ऊपर कीसी ने काला जादू कर वदया है इसको सीफ्ली

    इलम कहते है इसका कोई तोड़ नही ंहै ये इंसान के ऊपर अगर कोई जादू कर दे तो

    आदमी वदन ि वदन सूखता चला जाता है और उसपर शैतान का असर हो जाता है

    और िो मौत के मुह में समां जाता है दुवनया में इसका कोई तोड़ कोई काट नही ंहै

    आप इसको कीसी सीफ्ली अमल करने िालो को वदखाओ शायद कोई उम्मीद

    की कीरण जाग जाए , क्योकी हजरत रूहानी अमल करने िाले जानकार थे नमाजी

    थे कुराने हावफ़ज़ थे और िो हजरत िहां से चले गए , हम मायुश से होकर घर पर

    लौट गए सारी रात नीदं नही ंचैन नही ंन वपताजी को ना मााँ को न भाई और िहन को

    की आस्तखर ये मांजरा क्या है ये सीफली अमल होता क्या है कौन करता है क्यो ं

    करता है कोई कीसी के ऊपर काला जादू क्या लोग इतने िुरे िन चुके है की अपनो ं

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • बाबा रिजवान खान एक िहस्यमयी खोज { जीवन यात्रा }

    3

    के ऊपर अपने ही कर रहे है या कोई गैर सारी रात मैं करिट िदलता रहा आाँख तो

    नीदं में जाने का नाम तक नही ंले रही थी सारी रात छत की तरफ तो कभी अपनी

    िहन की तरफ देखता रहा पता ही नही ं चला की कि सुिह हो गयी वदल की

    धड़कन जैसे थम गयी हो कीसी ने घडी के कांटो को िााँध वदया हो मरता क्या न

    करता वफर उम्मीद के सहारे सुिह उठकर नहा धोकर उसको दिा स्तखलाकर उसी

    हजरत के मस्तिद के दरिाजे के पास जाकर हम लोग खड़े हो गए ,

    हजरत िाहर वनकले और कहा आप लोग वफर आ गए मुझसे क्या चाहते हो

    हमने कहा की आप इसका इलाज कर दो तो उन्ोनें ना कर वदया और कहा की

    अगर मेरे िस में होता तो मैं जरुर करता शायद अल्लाह को यही मंजूर है तो हमने

    कहा की आप ही हमको कीसी सीफ्ली अमल िाले का पता िता दो हम िही चले

    जाते है ,मगर उन्ोनें कहा की मैं कीसी को नही ंजानता और पानी की उस िोतल पे

    दम करके देकर चले गए जो हम साथ लाये थे ,वफर हम उदास मायूस अपने घर की

    तरफ लौट रहे थे की सामने से एक ररशे्तदार आया और उसने पुछा क्या हुआ हमने

    कहा इसको भुत लग गया तो उसने कहा की आप इसको िंगाली िािा या तांवत्रक

    को वदखाओ िो लोग पैसा िहोत लेते है मगर काम करते है हम अखिार ख़रीदा और

    लगे उसमे िंगाली िािा ओ का फोन न वनकालने ,और पहुच जाते उनके िह

    मुलाक़ात का समय लेकर

    कभी, कोई िािा मटकी को आपने आप वहलाकर वदखाता, तो कोई िािा

    मटकी को हिा में उड़ाकर वदखाता ,तो कभी कोई िािा मटकी में आग वनकाल के

    वदखाता ,कभी कोई वनमू्ब काटकर खून वनकालता ,तो कभी कोई नाररयल में से टाच्नी

    और िाल वनकाल के वदखाता ,तो कभी कोई रुमाल में से आग वनकाल के वदखाता

    ,िस यही चलता रहा ,मगर हमने आस नही ंछोड़ी ,मंवदर मस्तिद के दरिाजे पे खड़े

    होकर िस यही दुआ मांगी की मेरी िहन जल्द से जल्द अच्छी हो जाये कभी मंवदर

    कभी मस्तिद कभी गुरुद्वारा कभी चचा ,िस भटकते रहे की कही कोई भगिान् होगा

    कही कोई खुदा होगा जो मासूम सी िच्ची को िचा लेगा मेरी िहन की उम्र ११ साल

    ३० वदन तक िािा को चक्कर में भटकते रह गए और उसकी विमारी और परेशानी

    हद से ज्यादा िढती रही ,खून तो मुह से रुकने का नाम तक नही ंले रहा था , और

    उस पर िैठा िो शैतान उसको चैन से वजने नही दे रहा था िार िार उस पर हािी हो

    जाता अि उसकी हालत िहोत नाजुक िन चुकी थी , उसने भी वहम्मत हार चुकी थी

    एक आिाज आई मेरे कानो में भाई घर चलो मुझे नीदं आ रही है मैं चैन से सोना

    चाहती हु .हम सि रो पडे और घर की तरफ रिाना हो गए घर आने पर िो कभी

    अपनी मााँ को देखती कभी मुझको उसने आपने पास मुझको िुलाया और कहा भाई

    मैं आपके गोद में सर रख कर सोना चाहती हु मैंने कहा िहन सोजा और मैंने

    उसको आपने गोद में सर रख वलया उसने कहा भाई तुम मुझसे िहोत प्यार करते हो

    मैंने कहा हां िहन मैं तुझको िहोत प्यार करता हु िोल क्या िोलना चाहती है उसने

    कहा भाई इस भुत को मत छोड़ना इसने मुझको िहोत मारा और मेरा खून चूस

    वलया ,तुम सिको रुलाया परेशांन क्या भाई इसको मत छोड़ना,पता नही ंमुझ जैसी

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • Get Complete Book At Educreation Store

    www.educreation.in

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • Sample Copy. Not For Distribution.