5171 GI/2020 (1) रजजरी सं. डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99 xxxGIDHxxx xxxGIDExxx ऄसाधारण EXTRAORDINARY भाग II—खड 3—ईप-खड (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) ाजधकार से काजित PUBLISHED BY AUTHORITY नवीन और नवीकरणीय उजाा मंालय ऄजधसूचना नइ ददली, 23 ऄतूबर, 2020 का.अ. 3798(ऄ).—यतः केर सरकार ने ऄनुसूची म सजममजलत 6 ईपाद हेतु ददनांक 05 जसतमबर, 2017 के का.अ. 2920(ऄ) के तहत ‘सौर कािवोटीय, णाजलया , ईपकरण और घटक सामी (ऄजनवाया पंजीकरण की अवयकता) अदेि, 2017’ जारी दकया था, जजसके भावी होने की तारीख 5 जसतमबर, 2018 थी। और यतः भारतीय मानक यूरो (बीअइएस) सजहत जवजभ जहतधारक के साथ जवचार-जवमिा के ईपरात का.अ. सं. 2183(ऄ) के तहत ददनांक 30 मइ, 2018 को ऄजधसूजचत भारत के राजप म काजित और 30 जून, 2018 तक भावी अदेि के साथ ऄनुब ऄनुसूची म म सं. 1-5 के ईपाद के जलए जवजनमााता ारा वतः माणन देने की िता पर ई अदेि के भावी होने की तारीख को पहले करके 16 ऄैल, 2018 कर ददया गया था, जजसे ददनांक 13.07.2018 के का.अ. सं. 3449(ऄ) के खंड 2 के तहत ददनांक 4 जसतमबर, 2018 तक और अगे बढाया गया था। 2. आसके ऄलावा, ऐसे माूल जनमााता को जजनकी वािक ईपादन मता 50 मेगावाट से कम है , भारत के राजप म ऄजधसूजचत का.अ. सं. 3449(ऄ) के खंड 3 के तहत बीअइएस माणीकरण के जलए 04.09.2020 तक दो विा तक की छूट दी गइ है , बिते ईनक े पास आस ऄवजध के जलए वैध अइइसी माण प (या तो 2005 ऄथवा 2016) या ईस ऄवजध जजसके जलए अइइसी माणप, जो भी पहले हो, वैध था, तथा आसके ऄलावा, आस िता पर दक ईनके ारा 16.04.2018 से पहले अइइसी माणप ा दकए गए ह । 3. और यतः ऄजखल भारतीय सौर ईोग संघ (एअइएसअइए), नइ ददली ने यह सूजचत दकया है दक कोजवड 19 की घटना के चलते घरेलू सौर ईोग को बचाए रखने की गंभीर चुनौजतयां सामने अइ ह और ईनके ईपाद के जलए अइइसी माण प की वैधता तक एसपीवी माूल के जलए बीअइएस माणन छू ट को अगे बढाने की मांग की है , ऄत: सं . 3369] नइ ददली, िु वार, ऄतूबर 23, 2020/कातक 1, 1942 No. 3369] NEW DELHI, FRIDAY, OCTOBER 23, 2020/KARTIKA 1, 1942 सी.जी.-डी.एल.-अ.-23102020-222693 CG-DL-E-23102020-222693
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5171 GI/2020 (1)
रजजस्ट्री स.ं डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99
xxxGIDHxxx
xxxGIDExxx
ऄसाधारण
EXTRAORDINARY
भाग II—खण् ड 3—ईप-खण् ड (ii)
PART II—Section 3—Sub-section (ii)
प्राजधकार स ेप्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
नवीन और नवीकरणीय उजाा मतं्रालय
ऄजधसचूना
नइ ददल्ली, 23 ऄक् तूबर, 2020
का.अ. 3798(ऄ).—यतः केन्द्र सरकार न ेऄनुसूची में सजममजलत 6 ईत्पादों हतेु ददनांक 05 जसतमबर, 2017 के
का.अ. 2920(ऄ) के तहत ‘सौर प्रकािवोल्टीय, प्रणाजलयााँ, ईपकरण और घटक सामग्री (ऄजनवाया पंजीकरण की
अवश्यकता) अदिे, 2017’ जारी दकया था, जजसके प्रभावी होने की तारीख 5 जसतमबर, 2018 थी। और यतः भारतीय
मानक ब्यूरो (बीअइएस) सजहत जवजभन्न जहतधारकों के साथ जवचार-जवमिा के ईपरान्द्त का.अ. सं. 2183(ऄ) के तहत
ददनांक 30 मइ, 2018 को ऄजधसूजचत भारत के राजपत्र में प्रकाजित और 30 जून, 2018 तक प्रभावी अदेि के साथ
ऄनुबद्ध ऄनुसूची में क्रम सं. 1-5 के ईत्पादों के जलए जवजनमााता द्वारा स्ट्वतः प्रमाणन देने की िता पर ईक्त अदेि के प्रभावी
होने की तारीख को पहले करके 16 ऄप्रलै, 2018 कर ददया गया था, जजसे ददनांक 13.07.2018 के का.अ. सं. 3449(ऄ)
के खंड 2 के तहत ददनांक 4 जसतमबर, 2018 तक और अगे बढाया गया था।
2. आसके ऄलावा, ऐसे माड्यूल जनमााताओं को जजनकी वार्षिक ईत्पादन क्षमता 50 मेगावाट से कम ह,ै भारत के
राजपत्र में ऄजधसूजचत का.अ. सं. 3449(ऄ) के खंड 3 के तहत बीअइएस प्रमाणीकरण के जलए 04.09.2020 तक दो विा
तक की छूट दी गइ ह,ै बिते ईनके पास आस ऄवजध के जलए वैध अइइसी प्रमाण पत्र (या तो 2005 ऄथवा 2016) या ईस
ऄवजध जजसके जलए अइइसी प्रमाणपत्र, जो भी पहले हो, वैध था, तथा आसके ऄलावा, आस िता पर दक ईनके द्वारा
16.04.2018 से पहले अइइसी प्रमाणपत्र प्राप्त दकए गए हों ।
3. और यतः ऄजखल भारतीय सौर ईद्योग संघ (एअइएसअइए), नइ ददल्ली न ेयह सूजचत दकया ह ैदक कोजवड 19
की घटना के चलत े घरेलू सौर ईद्योग को बचाए रखने की गंभीर चुनौजतयां सामन ेअइ हैं और ईनके ईत्पादों के जलए
अइइसी प्रमाण पत्र की वैधता तक एसपीवी माड्यलूों के जलए बीअइएस प्रमाणन छूट को अग ेबढान ेकी मागं की ह,ै ऄत: