604 GI/2021 (1) रजिरी सं. डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99 xxxGIDHxxx xxxGIDExxx असाधारण EXTRAORDINARY भाग III—खड 4 PART III—Section 4 ाजधकार से काजित PUBLISHED BY AUTHORITY कीय सतक क ता आयोग अजधसूचना नई दिली, 8 जनवरी, 2021 फा. सं . 016/हीजीएल/073 (अ).—कीय सतक क ता आयोग, कीय सतक क ता आयोग अजधजनयम, 2003 (2003 का 45) की धारा 3 की उप-धारा (4) के साथ पठित धारा 21 की उप-धारा (2) के खंड (क) ारा ि िजिय का योग करते ए, क ीय सरकार के पूक अनुमोिन से , जननजलजखत जजनयम ननाता है , अथाकत्: -- अयाय 1 ारंजभक 1. संजित नाम और ारंभ--(1) इन जजनयम का संजित नाम कीय सतक क ता आयोग (सजच के कतकय और िजियां ) जजनयम, 2021 है । (2) ये रािप म उनके कािन की तारीख को ृत हगे । अयाय 2 पठरभाषाएं 2. पठरभाषाएं --(1) इन जनयम म , िन तक संिभक से अयथा अपेजित न हो,-- (क) “अजधजनयम” से कीय सतक क ता आयोग अजधजनयम, 2002 (2003 का 45) अजभेत है ; और (ख) “धारा” से अजधजनयम की धारा अजभेत है । सं . 46] नई दिली, िुार, िनरी 29, 2021/माघ 9, 1942 No. 46] NEW DELHI, FRIDAY, JANUARY 29, 2021/MAGHA 9, 1942 सी.जी.-डी.एल.-अ.-30012021-224830 CG-DL-E-30012021-224830
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604 GI/2021 (1)
रजिस्ट्री स.ं डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99
xxxGIDHxxx xxxGIDExxx
असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग III—खण् ड 4
PART III—Section 4
प्राजधकार स ेप्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
कें द्रीय सतकक ता आयोग
अजधसचूना नई दिल्ली, 8 जनवरी, 2021
फा. स.ं 016/व्हीजीएल/073 (अ).—कें द्रीय सतकक ता आयोग, कें द्रीय सतकक ता आयोग अजधजनयम, 2003 (2003 का 45) की धारा 3 की उप-धारा (4) के साथ पठित धारा 21 की उप-धारा (2) के खंड (क) द्वारा प्रित्त िजियों का प्रयोग करते हुए, कें द्रीय सरकार के पूर्क अनुमोिन से, जनम् नजलजखत जर्जनयम ननाता ह,ै अथाकत:् --
अध् याय 1
प्रारंजभक 1. सजंिप् त नाम और प्रारंभ--(1) इन जर्जनयमों का संजिप् त नाम कें द्रीय सतकक ता आयोग (सजचर् के कतकव् य और िजियां)
जर्जनयम, 2021 ह ै।
(2) ये रािपत्र में उनके प्रकािन की तारीख को प्रर्ृत् त होंगे ।
अध् याय 2
पठरभाषाएं 2. पठरभाषाएं--(1) इन जनयमों में, िन तक संिभक से अन् यथा अपेजित न हो,--
(क) “अजधजनयम” से कें द्रीय सतकक ता आयोग अजधजनयम, 2002 (2003 का 45) अजभप्रेत ह ै; और
2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC.4]
(2) उन िब् िों और पिों के, िो इन जर्जनयमों में प्रयुक् त ह और पठरभाजषत नह है, ककंतु अजधजनयम में पठरभाजषत है, क्रमि: र्ही अथक होंगे, िो उनके अजधजनयम में ह ।
अध् याय 3
सजचर् के कतकव् य और िजक् तया ं 3. सजचर् के कतकव् य और िजक् तया—ं(1) आयोग का सजचर्, आयोग के सजचर्ालय का प्रिासजनक प्रधान होगा ।
(2) आयोग के सजचर् के कतकव् य, िजक् तयां और कृत् य जनम् नजलजखत होंगे,--
(क) आयोग के दिन-प्रजतदिन प्रिासन की िखेभाल करना और उसके अजधकाठरयों और कमकचाठरयों पर प्रिासजनक जनयंत्रण
करना ;
(ख) दकसी जर्जनश् चय या उस पर आििे के जलए आयोग को जिकायतें प्रस्ट् तुत करना या प्रस्ट् तुत करर्ाना ;
(ग) जिकायतों, याजचकाओं, आर्ेिनों या अभ् यार्ेिनों से संनंजधत जर्षय में कोई आरंजभक सत् यापन करना या करर्ाना और
आर्श् यक स्ट् पष् टीकरण अजभप्राप् त करना ;
(घ) आयोग के आििेों और जनििेों के उजचत प्रर्तकन को सुजनजश् चत करना या करर्ाना ;
(ङ) भारत की संजचत जनजध से भाठरत दकए िाने र्ाले आयोग के व् यय को अनुमोदित करना ;
(च) आयोग द्वारा संिाय दकए िाने र्ाले र्ेतन और अन् य संिायों को आहठरत करने और संजर्तठरत करने के जलए आयोग के
अजधकारी को प्राजधकृत करना ;
(छ) आयोग के निट प्राक् कलनों को अनुमोदित करना ;
(ि) कें द्रीय सरकार के जनयमों और मागकििी जसद्ांतों के अनुरूप अधीनस्ट् थ अजधकाठरयों को जर्त् तीय िजक् तयां प्रत् यायोजित
करना ;
(झ) आयोग के अजभलेखों का उजचत रूप में रखरखार् करने के जलए तथा उसकी मुद्राओं और स्ट् टांपों की अजभरिा करने के
जलए आयोग के दकसी अजधकारी को प्राजधकृत करना ;
(ञ) आयोग के अजभलेखों की प्रजतधारण अनुसूची और उनके जर्नष् ट दकए िाने की अनुसूची को अनुमोदित करना ;
(ट) आयोग की र्ार्षकक ठरपोटक तैयार करने, उसके प्रस्ट् तुत दकए िाने को सुजनजश् चत करना या करर्ाना ;
(ि) आयोग द्वारा िारी आििेों, सूचनाओं या जनििेों की प्रजतयों को अजधप्रमाजणत करना या उन् हें अजधप्रमाजणत करने के
जलए आयोग के अर्र सजचर् से अजनम् न पंजक् त के दकसी अजधकारी को प्राजधकृत करना ;
(ड) रोकड़ नही के रखरखार् को तथा अजतिेष को नंि दकए िाने को सुजनजश् चत करना या करर्ाना ;
(ढ) ठरपोटों, व् यय जर्र्रण,निट प्राक् कलनों को, जिनकी अपेिा की िाए, तैयार करना या करर्ाना ;
(ण) आयोग के कमकचाठरर्ृंि द्वारा दकए िा रहे कायक के मूल् यांकन का पुनर्र्कलोकन करना या पुनर्र्कलोकन करर्ाना और िन
कभी आर्श् यक समझा िाए, आयोग की मानर् संसाधन अपेिाओं का भी पुनर्र्कलोकन करना या पुनर्र्कलोकन करर्ाना और कें द्रीय
सतकक ता आयोग के पूर्क अनुमोिन से कार्मकक और प्रजििण जर्भाग को ऐसे प्रस्ट् तार् को उसके द्वारा जर्चार करना और मंिूरी के जलए
प्रस्ट् तुत करना ;
(त) ऐसे दकन् ह अन् य कृत् यों का पालन करना, िो आयोग द्वारा समय-समय पर उसे सौंपे िाए ;
(थ) आयोग की सभी मामलों में सहायता करना, िैसा आयोग जनििे ि े।