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ikf/dkj ls izdkf'kr - lexcomply.com...1963 GI/2019 (1) jftLVªh lö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99 vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx II—[k.M 3—mi&[k.M (i) PART II—Section

Nov 07, 2020

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  • 1963 GI/2019 (1)

    jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    vlk/kj.k

    EXTRAORDINARY

    Hkkx II—[k.M 3—mi&[k.M (i)

    PART II—Section 3—Sub-section (i)

    izkf/dkj ls izdkf'kr

    PUBLISHED BY AUTHORITY

    la- 227] ubZ fnYyh] शिनवारशिनवारशिनवारशिनवार] ekpZ 30] 2019@pS=k 9] 1941 No. 227] NEW DELHI, SATURDAY, MARCH 30, 2019/ CHAITRA 9, 1941 कारपोरेटकारपोरेटकारपोरेटकारपोरेट काय� काय� काय� काय� मं�ालयमं�ालयमं�ालयमं�ालय अिधसूचनाअिधसूचनाअिधसूचनाअिधसूचना नई �द�ली, 30 माच, 2019 सासासासा. . . . काकाकाका. . . . िनिनिनिन.... 274274274274((((अअअअ....).).).).————क� �ीय सरकार, कंपनी अिधिनयम, 2013 (2013 का 18) क� धारा 469 के साथ प%ठत धारा 133 (ारा )द* शि,य- का )योग करते 0ए रा2ीय िव*ीय %रपो4टग )ािधकरण के परामश स ेकंपनी (भारतीय लेखा मानक) िनयम, 2015 का और संशोधन करने के िलए िन9िलिखत िनयम बनाती ह,ै अथात्:- 1. संि?@ नाम और )ारंभ – (1) इन िनयम- का नाम कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन िनयम, 2019 ह।ै (2) ये िनयम 01 अ)ैल, 2019 से )वृ* ह-गे। 2. कंपनी (भारतीय लेखा मानक) िनयम, 2015 (िजFह� इसम� इसके पGात् मूल िनयम कहा गया ह)ै के, “उपाबंध” म�, शीषक “ख. भारतीय लेखा मानक (इंड एएस)” के अधीन, -

    I. “भारतीय लेखा मानक (इंड ए एस) 101” म� - (i) अनुKछेद 39कग के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कये जाय�गे, अथात्:- “39कघ * 39कङ * * देख� प�र�शट 1

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    39कच भारतीय लेखा मानक 12 के प%रिशN ग आयकर �वहार म� अिनि�तता (ारा अनुKछेद ङ8 जोड़ा गया ह ै। )ितPान उस सशंोधन को तब लागू करेगा जब वह भारतीय लेखा मानक 12 के प%रिशN ग को लागू करेगा।” ; (ii) प%रिशN ङ म�, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कये जाय�गे, अथात्:- “ङ1 * ङ2 * ङ3 * ङ4 * ङ5 * ङ6 * ङ7 * आयकर �वहार पर अिनि�तता आयकर �वहार पर अिनि�तता आयकर �वहार पर अिनि�तता आयकर �वहार पर अिनि�तता ङ8 एक )थम बार अंगीकता िजसक� भारतीय लेखा मानक- के संRमण क� ितिथ इस प%रिशN क� अिधसूचना ितिथ से पहले क� ह,ै अपने )थम भारतीय लेखा मानक िव*ीय िववरण- म� तलुनाSमक सूचना, म� भारतीय लेखा मानक 12, आयकर के प%रिशN ग, आयकर �वहार पर अिनि�तता के )योग को ना दशाने का चयन कर सकता ह।ै जो )ितPान इसका चयन करता है वह अपने )थम भारतीय लेखा मानक %रपो4टग अविध के आरंभ म� )ितधा%रत अजन के )ारंिभक अितशेष (अथवा इ�Uटी के अFय घटक जो उपयु, हो) म� समायोजन के Wप म� भारतीय लेखा मानक 12 के प%रिशN ग के )योग के संिचत )भाव को माFयता दगेा।” ; (iii) प%रिशN 1 म�, (क) अनुKछेद 9 के Xथान पर िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “9. आईएफआरएस1 के प%रिशN ङ के अनुKछेद ङ1-ङ2 ‘आईएफआरएस स ेअ�पकालीन छूट�’ देते ह ैजब�क भारतीय लेखा मानक 101, पूव[, अ�पकालीन छूट नह\ दतेा । आईएफआरएस 1 क� अनुKछेद सं]या^ के साथ Rमब_ता बनाए रखने के िलए उनको भारतीय लेखा मानक 101 म� जारी रखा गया ह ै।” (ख) अनुKछेद 12 क� मद (vii) के बाद, िन9िलिखत मद सिMमलत क� जाएगी, अथात्:- “(viii) अनुKछेद ङ3-ङ7” ; (ग) अनुKछेद 14 के Xथान पर िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “14. आईएफआरएस1 के अनुKछेद 34 स े39व एवं 39म 39कख एवं 39कघ भारतीय लेखा मानक 101 म� सिMमिलत नह\ �कए गए ह ̀aय-�क ये अनुKछेद Rमशः )भावी ितिथ से संबंिधत ह ̀जो भारतीय सदंभ म� )ासंिगक नह\ ह।ै अनुKछेद 39कङ सिMमिलत नह\ �कया गया ह ैaय-�क वह आईएफआरएस 17, बीमा अनुबंध, के जारी होने स े0ए संशोधन- पर चचा करता ह,ै िजसके तcनुWप भारतीय लेखा मानक तैयार �कया जा रहा ह।ै तथािप, आईएफआरएस 1 क� अनुKछेद सं]या के साथ Rमब_ता को बनाए रखने के िलए अनुKछेद सं]या^ को भारतीय लेखा मानक 101 म� जारी रखा गया ह।ै”। * दखे� प�रिश� 1

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    II. “भारतीय लेखा मानक (इंड ए एस) 103” म� :- (i) अनुKछेद 42 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “42क जब एक संयु, dवXथा (भारतीय लेखा मानक 111, संयु� �व�थाएं म� प%रभािषत) क� पाटe एक dवसाय जो संयु, प%रचालन (भारतीय लेखा मानक 111 म� प%रभािषत) ह,ै का िनयंfण )ा@ करती ह,ै तथा उस संयु, प%रचालन स े संबंिधत आिXतय- के अिधकार तथा दाियSव- क� बाgयताएं अिधhहण तारीख से पहले ही थ,े ऐसा लेन-दने चरण- म� )ा@ dावसाियक संयोजन है। इसिलए अिधhहणकता एक चरण- म� )ा@ dावसाियक संयोजन के िलए अपे?ा^ को लागू करेगा, िजसम� संयु, प%रचालन म� पहले से धा%रत िहत- को अनुKछेद 42 म� वjणत तरीके से पुनमाप मापना शािमल ह।ै ऐसा करने म�, अिधhहणकता अपने संयु, प%रचालन म� पहले स ेधा%रत सभी िहत- का पुनः माप करेगा ।”; (ii) अनुKछेद 64ड के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “64ढ * 64ण भारतीय लेखा मानक म� वा�षक सुधार (2018) के अंतगत अनुKछेद 42क जोड़ा गया ह।ै एक )ितPान उन संशोधन- को उन dवसाियक संयोजन- के िलए लागू करेगा िजनक� अिधhहण ितिथ �दनांक 01 अ)ैल, 2019 अथवा इसके बाद )ारंभ होने वाली )थम वाjषक अविध का )ारंभ ह ैया उसके बाद क� ह।ै”; (iii) प%रिशN 1 म�, अनुKछेद 5 के Xथान पर िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “5 आईएफआरएस 3 के अनुKछेद 64-64ञ एवं 64ठ भारतीय लेखा मानक 103 म� सिMमिलत नह\ �कए गए ह ̀aय-�क ये अनुKछेद Rमशः )भावी ितिथ से संबंिधत ह ̀जो भारतीय संदभ म� )ासंिगक नह\ ह।ै अनुKछेद 64ढ सिMमिलत नह\ �कया गया ह ैaय-�क वह आईएफआरएस 17, बीमा अनुबंध, के जारी होने से 0ए संशोधन- के संदभ म� ह,ै िजसके तcनुWप भारतीय लेखा मानक तैयार �कया जा रहा ह।ै तथािप, आईएफआरएस 3 क� अनुKछेद सं]या के साथ Rमब_ता को बनाए रखने के िलए अनुKछेद स]ंया^ को भारतीय लेखा मानक 103 म� जारी रखा गया ह।ै”।

    III. “भारतीय लेखा मानक (इंड ए एस) 109” म� :- (i) अनुKछेद 7.1.5 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कये जाय�गे, अथात्:- 7.1.6 * 7.1.7 ऋणा*मक +ितपू�त के साथ पूव- भुगतान िवशेषताएं (भारतीय लेखा मानक 109 म� सशंोधन) (ारा अनुKछेद 7.2.1-7.2.34 तथा ख4.1.12क को जोड़ा तथा अनुKछेद ख4.1.11(ख) तथा ख4.1.12(ख) को संशोिधत �कया गया ह।ै एक )ितPान इन संशोधन- को 01 अ)ैल, 2019 को अथवा उसके पGात आरंभ होने वाली वाjषक अविधय- के िलए लागू करेगा। * देख� प�र�शट 1

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    7.2 7.2 7.2 7.2 सं�मणसं�मणसं�मणसं�मण 1111 7.2.1 एक )ितPान इस मानक को भारतीय लेखा मानक 8 लेखा नीितयां, लेखा 1ा2लन म� प3रवत-न तथा 4ु3टयां के अनुसार पूववतe )भाव स ेलागू करेगा, अनुKछेद 7.2.4-7.2.14 म� िविनmदN को छोड़कर। यह मानक उन मद- पर लागू नह\ होगा िजFह� )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर पहले स ेही अमाFय कर �दया गया ह।ै 7.2.2 * वग�करण तथा माप (अ�याय 4 तथा 5) के िलए सं�वग�करण तथा माप (अ�याय 4 तथा 5) के िलए सं�वग�करण तथा माप (अ�याय 4 तथा 5) के िलए सं�वग�करण तथा माप (अ�याय 4 तथा 5) के िलए सं�मणमणमणमण 7.2.3 )ारंिभक लागू क� तारीख पर एक )ितPान समी?ा करेगी �क aया िव*ीय आिXत उस तारीख पर िवnमान तoय- तथा प%रिXथितय- के आधार पर अनुKछेद 4.1.2क अथवा 4.1.2क(क) म� दी गई शतp को पूरा करती ह।ै प%रणामत् वगeकरण को पूव %रपो4टग अविध म� )ितPान के dापार मॉडल पर िवचार �कए िबना पूववतe )भाव स ेलागू �कया जाएगा। 7.2.4 य�द )ारंिभक लागू क� तारीख पर, एक )ितPान के िलए उन तoय- तथा प%रिXथितय- जो िव*ीय आिXत क� )ारंिभक माFयता पर िवnमान थी के आधार पर अनुKछेद ख4.1.9ख-ख4.1.9घ के अनुसार संशोिधत धन के समय मू�य तSव का िनधारण करना अdवहा%रक ह ै(जैसा�क भारतीय लेखा मानक 8 म� प%रभािषत ह)ै, तो वह )ितPान तoय- तथा प%रिXथितय- के आधार पर, जो िव*ीय आिXत क� )ारंिभक माFयता पर, उस िव*ीय आिXत क� अनुबंधाSमक नकदी )वाह- िवशेषता^ का िनधारण करेगा, अनुKछेद ख4.1.9ख-ख4.1.9घ म� धन के समय मू�य तSव के संशोधन से संबंिधत अपे?ा^ को िबना िवचार म� िलए। 7.2.5 य�द )ारंिभक लागू क� तारीख पर, एक )ितPान के िलए उन तoय- तथा प%रिXथितय- के आधार पर जो िव*ीय आिXत क� )ारंिभक माFयता पर िवnमान थी, अनुKछेद ख4.1.12(ग) के अनुसार यह िनधा%रत करना अdवहा%रक ह ै (जैसा �क भारतीय लेखा मानक 8 म� प%रभािषत ह)ै �क aया पूवभगुतान गुण का उिचत मू�य महSवहीन था, तो वह )ितPान उन तoय- तथा प%रिXथितय- जो अनुKछेद ख4.1.12 म� �दए गए पूव भुगतान िवशेषता^ के िलए अपवाद को िवचार म� िलए िबना िव*ीय आिXत क� )ारंिभक माFयता पर िवnमान थी, के आधार पर उस िव*ीय आिXत क� अनुबंधाSमक नकदी )वाह- का िनधारण करेगी। 7.2.6 * 7.2.7 * 7.2.8 )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर, एक )ितPान िन9 )कार से नामो�दN कर सकती ह:ै (क) एक िव*ीय आिXत िजसे अनुKछेद 4.1.5 के अनुसार लाभ या हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापते 0ए; अथवा (ख) इ�Uटी िलखत म� िनवेश िजसे अनुKछेद 5.7.5 के अनुसार अFय dापक आय के माgयम स ेउिचत मू�य पर मापते 0ए। इस )कार के नामोदशेन को उन तoय- तथा प%रिXथितय- जो )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर िवnमान ह,ै के आधार पर �कया जाएगा। उस वगeकरण को पूववतe Wप से लागू �कया जाएगा। 1 ‘सं�मण’ शीष� के अंतग�त अनु�छेद 7.2.1-7.2.8 को ऋणा�मक �ितपू�त के साथ पूव� भुगतान िवशेषताएं (इंड एएस 109 का संशोधन), तथा ��तािवत इंड एएस 117, बीमा संिवदा, के जारी होने के प�रणाम�व प जोड़ा गया ह।ै त!नुसार इन सं�मणकालीन �ावधान% को केवल उपरो( संशोधन% अथवा जहां पर िविश� प से व)णत *कया ह ैके िलए, िवचार म� िलया जा सकता ह।ै * दखे� प�रिश� 1

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    7.2.9 )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर एक )ितPान : (क) एक िव*ीय आिXत के पूव नामोदशेन को रv कर देगा िजसके (ारा िव*ीय आिXत को लाभ या हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापा गया ह ैय�द वह िव*ीय आिXत अनुKछेद 4.1.5 म� दी गई शत को पूरा नह\ करती ह।ै (ख) एक िव*ीय आिXत का के पूव नामोदशेन को रv कर सकता ह ैिजसके (ारा िव*ीय आिXत को लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापा गया ह,ै य�द वह िव*ीय आिXत अनुKछेद 4.1.5 क� शत को पूरा करती ह।ै इस )कार का खंडन उन तoय- तथा प%रिXथितय- के आधार पर �कया जाएगा जो )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर िवnमान होती ह।ै उन वगeकरण को पूववतe Wप से लागू �कया जाएगा। 7.2.10 )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर, एक )ितPान : (क) िव*ीय दाियSव का नामोदशे अनुKछेद 4.2.2(क) के अनुसार लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापे गए के Wप म� कर सकता ह।ै (ख) िव*ीय दाियSव के उस पूव नामोदशे को रv कर दगेा िजसके (ारा िव*ीय दाियSव के लाभ अथवा हािन के माgयम स ेउिचत मू�य पर मापा गया ह ैय�द वह नामोदशे अनुKछेद 4.2.2(क) म� दी गई शत के अनुसार )ारंिभक माFयता पर �कया गया था तथा अब वह नामोदेश )ारंिभक लागू क� तारीख पर उस शत को पूरा नह\ करता। (ग) िव*ीय दाियSव के उस पूवगत नामोदशे को रv कर सकता ह ै िजसके (ारा िव*ीय दाियSव को लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापा गया ह ै य�द वह नामोदेश अनुKछेद 4.2.2(क) क� शत के अनुसार )ारंिभक माFयता पर �कया गया था तथा अब वह नामोदशे )ारंिभक लागू होने क� ितिथ पर उस शत को पूरा करता ह।ै इस )कार का नामोदशे तथा खंडन को उन तoय- तथा प%रिXथितय- जो )ारंिभक लाग ूहोने क� तारीख पर िवnमान ह ैके आधार पर �कया जाएगा। यह वगeकरण पूववतe Wप स ेलागू होगा। 7.2.11 य�द एक )ितPान के िलए )भावी wयाज़ प_ित को पूववतe )भाव स ेलागू करना अdवहा%रक ह ै(जैसा इंडएएस 8 म� प%रभािषत �कया है), )ितPान िन9 )कार से dवहार करेगा : (क) )Sयेक )Xतुत तुलनाSमक अविध के अंत पर िव*ीय आिXत क� सकल अhणीत (कैyरग) रािश अथवा िव*ीय दाियSव क� प%रशोिधत लागत के Wप म� )Sयेक िव*ीय संपि* अथवा िव*ीय दाियSव के उिचत मू�य को मापेगा य�द )ितPान पूव अविधय- को पुनक िथत करती ह;ै और (ख) इस मानक का )ारंिभक लागू होने क� ितिथ पर उस िव*ीय दाियSव क� नई प%रशोिधत लागत अथवा िव*ीय आिXत क� नई सकल अhणीत (कैyरग) रािश के Wप म� )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर िव*ीय आिXत अथवा िव*ीय दाियSव के उिचत म�ूय को मानेगा। 7.2.12 * 7.2.13 * 7.2.14 )ारंिभक लागू होने क� ितिथ पर एक )ितPान िनधारण करेगा �क aया अनुKछेद 5.7.7 म� �दया गया dवहार उन तoय- तथा परिXथितय- जो )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर िवnमान ह,ै के आधार पर लाभ अथवा हािन म� लेखा िवसगंित को सृिजत करेगा अथवा बढ़ाएगा। यह मानक उस िनधारण के आधार पर पूववतe Wप से लागू होगा। 7.2.14क* * दखे� प�रिश� 1

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    7.2.15 * 7.2.16 * 7.2.17 * 7.2.18 * 7.2.19 * 7.2.20 * 7.2.21 * 7.2.22 * 7.2.23 * 7.2.24 * 7.2.25 * 7.2.26 * 7.2.27 * 7.2.28 * ऋणा�मक �ितपूव�क के साथ पूव�भगुतान िविश�ताएंऋणा�मक �ितपूव�क के साथ पूव�भगुतान िविश�ताएंऋणा�मक �ितपूव�क के साथ पूव�भगुतान िविश�ताएंऋणा�मक �ितपूव�क के साथ पूव�भगुतान िविश�ताएं के िलए सं�मणके िलए सं�मणके िलए सं�मणके िलए सं�मण 7.2.29 एक )ितPान अनुKछेद 7.2.30-7.2.34 म� िनmदN को छोड़कर भारतीय लेखा मानक 8 के अनुसार पूववतe Wप स,े ऋणाSमक ?ितपूjत के साथ पूव भुगतान िवशेषताएं (भारतीय लेखा मानक 109 म� सशंोधन), को लागू करेगा। 7.2.30 एक )ितPान जो इन संशोधन- को पहली बार उसी समय लागू करता ह ैजब यह मानक पहली बार लागू करता ह ैअनुKछेद 7.2.31-7.2.34 के Xथान पर भारतीय लेखा मानक 101 के )ासंिगक )ावधान- को लागू करेगा। 7.2.31 एक )ितPान जो इन संशोधन- को इस मानक को पहली बार लागू करने के पGात् लागू करता ह ैअनुKछेद 7.2.32-7.2.34 को लागू करेगा। )ितPान इन संशोधन- को लागू करने के िलए आव|यक इस मानक म� अFय सRंमण अपे?ा^ को भी लागू करेगा। उस उvे|य के िलए, )ारंिभक लागू करने क� तारीख के सदंभ को उस %रपो4टग अविध के आरंभ के संदभ म� पढ़ा जाएगा। िजस अविध म� )ितPान इन सशंोधन- को )थम बार लागू करता ह ै(इन संशोधन- क� )ारंिभक उपयोग क� तारीख)। 7.2.32 िव*ीय आिXत अथवा िव*ीय दाियSव के लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापे जाने के नामोदशेन के संबंध म� एक )ितPान : * दखे� प�रिश� 1

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    (क) एक िव*ीय आिXत को लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापे जाने के िलए गत नामोदशेन को रv करेगा य�द वह नामोदशेन पहले अनुKछेद 4.1.5 क� शत के अनुसार �कया गया था परंतु इन संशोधन- के लागू होने के प%रणामXवWप वह शत} अब पूरी नह\ होती ह;̀ (ख) िव*ीय आिXत का नामोदेश लाभ अथवा हािन के माgयम स ेउिचत म�ूय पर मापे जाने के िलए कर सकता ह ैय�द उस नामोदशेन ने अनुKछेद 4.1.5 क� शत को पहले पूरा नह\ �कया था परंतु इन संशोधन- के लागू होने के प%रणामXवWप अब वह शत पूरी होती ह;ै (ग) िव*ीय दाियSव को लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापे जाने के गत नामोदशेन को रv करेगा य�द उस नामोदशेन को अनुKछेद 4.2.2(क) क� शत के अनुसार पहले �कया था परंतु वह शत इन संशोधन- के लागू होने के प%रणामXवWप पूरी नह\ होती ह;ै और (घ) िव*ीय दाियSव का नामोदशे लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापे जाने के िलए कर सकता ह ैय�द उस नामोदशेन ने अनुKछेद 4.2.2(क) क� शत को पहले पूरा नह\ �कया था परंतु इन संशोधन- के लागू होने के प%रणामXवWप वह शत अब पूरी होती ह।ै इस )कार का नामोदशेन तथा खंडन को उन तoय- तथा प%रिXथितय- जो इन संशोधन- क� )ारंिभक लागू होने क� ितिथ पर िवnमान होती ह,ै के आधार पर �कया जाएग। वह वगeकरण पूववतe Wप से लागू होगा। 7.2.33 एक )ितPान को इन संशोधन- को प%रलि?त करने के िलए पूव अविधय- को पुनक िथत करने क� आव|यकता नह\ ह।ै )ितPान पूव अविधय- को केवल तभी पुनक िथत कर सकता ह ैय�द यह पGदिृN के उपयोग के िबना सभंव ह ैतथा पुनक िथत िव*ीय िववरण इस मानक म� सभी अपे?ा^ को प%रलि?त करते ह।̀ य�द )ितPान पूव अविध पुनक िथत नह\ करता वह उस वाjषक %रपो4टग अविध के आरंभ पर िजसम� इन संशोधन- के )ारंिभक लागू होने क� तारीख सिMमिलत ह,ै अhणीत रािश तथा गत अhणीत रािश के मgय अंतर को उस वाjषक %रपो4टग अविध के आरंिभक धा%रत अजन- म� (अथवा इ�Uटी के अFय घटक म�, जैसा उपयु, हो), िजसम� इन सशंोधन- के )ारंिभक लागू होने क� तारीख संिMमिलत ह।ै 7.2.34 उस %रपो4टग अविध म� िजसम� इन संशोधन- के )ारंिभक लागू होने क� तारीख सिMमिलत ह,ै )ितPान िव*ीय आिXत तथा िव*ीय दाियSव जो इन संशोधन- के (ारा )भािवत 0ए थे, के )Sयेक वग के िलए )ारंिभक लागू होने क� तारीख पर िन9 सूचना को )कट करेगा : (क) इन संशोधन- को लागू करने से एकदम पूव िनधा%रत अhिणत रािश तथा गत माप वग; (ख) इन संशोधन- को लागू करने के पGात् िनधा%रत अhणीत रािश तथा नया माप वग; (ग) तुलनपf म� �कFह\ िव*ीय आिXतय- तथा िव*ीय दाियSव- क� अhणीत रािश िजFह� पहले लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापे जाने के Wप म� नामोदशे �कया था परंतु अब उनका इस )कार नामोदशेन नह\ रहा; और (घ) िव*ीय आिXतय- अथवा िव*ीय दाियSव- को लाभ अथवा हािन के माgयम से उिचत मू�य पर मापे जाने के Wप म� �कसी नामोदशेन अथवा गैर-नामोदशेन के कारण।” ; (ii) प%रिशN ख म�, (क) अनुKछेद ख4.1.11 क� मद (ख) के Xथान पर िन9िलिखत मद )ितXथािपत क� जाएगी, अथात्:- “(ख) एक अनुबंधाSमक शत जो जारीकता (अथात् ऋणी) को यह अनुमित दतेी ह ै�क वह ऋण िलखत का िनिGत समय से पहले ही भुगतान करे अथवा धारक (अथात् ऋणदाता) को यह अनुमित देती ह ै�क वह ऋण िलखत को प%रपUता स ेपहले ही ऋण को वापस द ेद ेतथा पूव म� �कए गए भुगतान क� रािश

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    वXतुतः यह मूलधन क� रािश व बकाया मूलधन पर wयाज दशाती ह ै िजसम� अनुबंध के समय से पूव समा@ होने के िलए पया@ उिचत ?ितपूjत शािमल होगी, तथा” ; (ख) अनुKछेद ख4.1.12 क� मद (ख) के Xथान पर िन9िलिखत मद )ितXथािपत क� जाएगी, अथात्:- “(ख) पूव भुगतान रािश अिधकांशतया अनुबंधाSमक सम रािश और उपjजत परंतु अद* (बकाया) अनुबंधाSमक wयाज, िजसम� अनुबंध के प%रपUता के पूव �दए जाने हतुे उिचत ?ितपूjत शािमल ह,ै को दशाता ह;ै तथा” ; (ग) अनुKछेद ख4.1.12 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “ख4.1.12क अनुKछेद ख4.1.11(ख) तथा ख4.1.12(ख) को लागू करने के िलए उस घटना अथवा प%रिXथित पर िवचार �कए िबना जो अनुबंध क� ज�दी समाि@ का कारण ह,ै एक प? उस ज�द समाि@ के िलए उिचत, ?ितपूjत का भुगतान कर सकता ह ैअथवाअथवाअथवाअथवा )ा@ कर सकता ह।ै उदाहरण के िलए, एक प? उिचत ?ितपूjत का भुगतान अथवा उसे )ा@ कर सकता ह ैजब यह अनुबंध को पहले समा@ करने के िलए चुनता ह ै(अथवा अFयथा ज�द समाि@ का कारण होता ह)ै। ” ; (iii) प%रिशN 1 म�, (क) अनुKछेद 3 के Xथान पर िलए िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “3. आईएफआरएस 9 के अनुKछेद 7.1.1 से 7.1.3 भारतीय लेखा मानक 109 म� सिMमिलत नह\ �कए गए ह ̀ aय-�क ये अनुKछेद Rमशः )भावी ितिथ से संबंिधत ह ̀ जो भारतीय संदभ म� )ासंिगक नह\ ह।ै अनुKछेद 7.1.6 आईएफआरएस 17, बीमा अनुबंध, के जारी होने स े0ए संशोधन- के सदंभ म� ह,ै िजसके तcनुWप भारतीय लेखा मानक तैयार �कया जा रहा ह।ै तथािप, आईएफआरएस 9 क� अनुKछेद सं]या के साथ Rमब_ता को बनाए रखने के िलए अनुKछेद स]ंया^ को भारतीय लेखा मानक 109 म� जारी रखा गया ह।ै”; (ख) अनुKछेद 3 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “4. संRमण से संबंिधत िन9 अनुKछेद- को सिMमिलत नह\ �कया गया ह ै aय-�क ये अनुKछेद भारतीय संदभ म� )ासंिगक नह\ ह।ै तथािप, आईएफआरएस 9 क� अनुKछेद सं]या के साथ ससंुगता को बनाए रखने के िलए भारतीय लेखा मानक 109 म� अनुKछेद सं]या को रखा गया ह ै: (i) अनुKछेद 7.2.2 (ii) अनुचछेद 7.2.6-7.2.7 (iii) अनुKछेद 7.2.12-7.2.13 (iv) अनुKछेद 7.2.14क-7.2.28” । IV. “भारतीय लेखा मानक (इंड ए एस) 111” म� :-

    (i) प%रिशN ख म� अनुKछेद ख33ग के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “ख33गक एक पाटe जो संयु, प%रचालन म� िहXसा लेती ह ैपरंतु उसके पास सयुं, िनयंfण नह\ ह,ै वह उस संयु, प%रचालन म� संयु, िनयंfण )ा@ कर सकती ह,ै िजसम� सयुं, प%रचालन क� गितिविध भारतीय

  • [Hkkx II—[k.M 3(i)] Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 9

    लेखा मानक 103 म�, प%रभािषत dवसाय होती ह।ै इन मामल- म�, संयु, प%रचालन म� पहले से धा%रत िहत का पुनमाप नह\ �कया जाएगा।” ; (ii) प%रिशN ख के बाद, िन9िलिखत प%रिशN सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “प�रिश�प�रिश�प�रिश�प�रिश� गगगग यह प3रिश6 भारतीय लेखा मानक का अिभ7 अंग ह,ै और इसका वही 1ािधकार ह ैजो =क भारतीय लेखा मानक के अ>य भाग का ह।ै भावी ितिथ भावी ितिथ भावी ितिथ भावी ितिथ ग1 * ग1क * ग1कक * ग1कख भारतीय लेखा मानक म� वा�षक सुधार (2018) के अंतगत अनुKछेद ख33ग को जोड़ा गया ह।ै एक )ितPान उन संशोधन- को उन लेन-दने- पर लागू करेगा िजनम� वह संयु, िनयंfण �दनांक 01 अ)ैल, 2019 को अथवा इसके बाद )ारंभ होने वाली वाjषक अविध क� शु~आत पर या उसके बाद )ा@ 0आ ह।ै” ; (iii) प%रिशN 1 म�, अनुKछेद 1 के Xथान पर िन9िलिखत अनु�छेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “1 आईएफआरएस 11 के प%रिशN ग म� अनुKछेद ग1 )भावी ितिथ से संबंिधत ह ̀जो सिMमिलत नह\ �कया गया ह ̀ ये )ासंिगक नह\ ह ै aय-�क लागु करने क� ितिथ कंपनी अिधिनयम के अFतग* अिधसिूचत क� जाएगी। अनुKछेद ग1क तथा ग1कक सिMमिलत नह\ �कये गये ह ̀aय-�क भारतीय लेखा मानक- से संबंिधत सभी सRंमणकालीन उपबंध जहां उिचत समझा गया आईएफआरएस 1, अंतरा2ीय िव*य %रपो4टग मनको का )थमवार अंगीकरण के तcनुWप भारतीय लेखा मानक (इंड ए एस) 101, भारतीय लखेा मानक का 1थमवार अंगीकरण म� सMमिलत �कये गये ह।̀ तथािप, आईएफआरएस 11 क� अनुKछेद सं]या के साथ Rमब_ता को बनाए रखने के िलए अनुKछेद स]ंया^ को भारतीय लेखा मानक 111 म� जारी रखा गया ह।ै”।

    V. “भारतीय लेखा मानक (इंड ए एस) 12” म� :- (i) अनुKछेद 52ख को लोिपत �कया जाएगा; (ii) अनुKछेद 52ख के बाद शwद और अंक “अनु%छेद अनु%छेद अनु%छेद अनु%छेद 52525252क तथा क तथा क तथा क तथा 52525252खखखख को )प� करते *ए उदाहरणको )प� करते *ए उदाहरणको )प� करते *ए उदाहरणको )प� करते *ए उदाहरण””””, के Xथान पर, िन9िलिखत शwद और अकं )ितXथािपत �कये जाय�गे, अथात्:- “अनु%छेद 52क तथा 57अनु%छेद 52क तथा 57अनु%छेद 52क तथा 57अनु%छेद 52क तथा 57क को )प� करते *ए उदाहरणक को )प� करते *ए उदाहरणक को )प� करते *ए उदाहरणक को )प� करते *ए उदाहरण” ; (iii) अनुKछेद 57 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “57क एक )ितPान एक लाभांश क� अदायगी करने के िलए जब एक दाियSव को माFयता दतेा है तो वह भारतीय लेखा मानक (इंड एएस) 109 म� यथा-प%रभािषत आयकर प%रणाम- को माFयता दगेा। लाभांश- के

    * दखे� प�रिश� 1

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    आयकर प%रणाम Xवािमय- के संिवतरण- क� बजाय भतूकाल के लनेदने- या घटना^ से उSप संिवतरणीय लाभ- से अिधक सीधे संबंिधत होते ह।̀ अतः एक )ितPान लाभांश- के आयकर प%रणाम- को लाभ या हािन, अFय dापक आय या ‘इ�Uटी’ म� माFयता वहां दगेा जहां )ितPान ने भूतकाल के लेनदने- या घटना^ को मूलWप से माFयता दी थी।”; (iv) अनुKछेद 98ज के बाद िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “98झ भारतीय लेखा मानक म� वा�षक सुधार (2018) के अंतगत अनुKछेद 57क जोड़ा गया और अनुKछेद 52ख को हटाया गया है। एक )ितPान उन संशोधन- को 01 अ)ैल, 2019 को अथवा इसके पGात् )ारंभ होने वाली वाjषक %रपो4टग अविधय- से लागू करेगा।”; (v) प%रिशN ख के बाद, िन9िलिखत प%रिशN सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “प�रिश� ग, प�रिश� ग, प�रिश� ग, प�रिश� ग, आयकर �वहार� क अिनि"तताआयकर �वहार� क अिनि"तताआयकर �वहार� क अिनि"तताआयकर �वहार� क अिनि"तता यह प3रिश6 भारतीय लेखा मानक का अिभ7 अंग ह,ै और इसका वही 1ािधकार ह ैजो =क भारतीय लेखा मानक के अ>य भाग का ह।ै पृ1भूपृ1भूपृ1भूपृ1भूिमिमिमिम 1. भारतीय लेखा मानक 12, आयकर, चाल ूऔर आXथिगत कर आिXतय- और दाियSव- के िलए अपे?ा^ को िविनmदN करता ह।ै एक )ितPान, लागू कर कानून- के आधार पर भारतीय लेखा मानक 12, क� अपे?ा^ को लागू करता ह।ै 2. यह हो सकता ह ै�क �कसी िवशेष लेन-देन या िXथित म� कर कानून कैसे लागू होगा यह XपN नह\ हो। कई बार कर कानून के अंतगत �कसी िविशN कर dवहार के माFय होने क� जानकारी तब तक नह\ होती जब तक कोई )ासंिगक कर )ािधकरण या Fयायालय भिवय म� कोई िनणय नह\ लेता ह।ै प%रणामXवWप, एक मतभेद या कर )ािधकरण (ारा �कसी िविशN कर dवहार क� जांच एक )ितPान के चालू या आXथिगत कर आिXतय- या दाियSव- के िलए लेखा को )भािवत कर सकते ह।̀ 3. इस प%रिशN म� : (क) ‘कर dवहार’ का संदभ �कसी )ितPान (ारा आयकर फाइलग म� )योग �कया गया या भिवय म� )योग �कया जाने वाला dवहार ह।ै (ख) ‘कर )ािधकरण’ का संदभ उन िनकाय का िनकाय- से ह ैजो यह तय करते ह ̀ �क कर dवहार कर कानून के अंतगत माFय ह ैया नह\। इसम� Fयायालय भी सिMमिलत हो सकता ह।ै (ग) एक ‘अिनिGत कर dवहार’ वह कर dवहार ह ैिजसके संबंध म� यह अिनिGत हो �क aया यह कर dवहार कर कानून के अंतगत )ासिंगक कर )ािधकरण (ारा माFय होगा। उदाहरण के िलए, एक )ितPान (ारा कर ?ेfािधकार म� �कसी आयकर फाइलग जमा न करवाने या �कसी िविशN आय को कर योय लाभ म� सिMमिलत न करन ेका िनणय एक अिनिGत कर dवहार ह ैय�द कर कानून के अंतगत उसक� माFयता अिनिGत है। काय�3े� काय�3े� काय�3े� काय�3े� 4. यह प%रिशN XपN करता ह ै�क जब आयकर dवहार- पर अिनिGतता हो तब भारतीय लेखा मानक 12, के अंतगत, माFयता और माप क� अपे?ा^ को कैसे लागू करना ह।ै ऐसी प%रिXथित म�, )ितPान इस प%रिशN को लागू करते 0ए िनधा%रत कर योय-लाभ (कर हािन), कर आधार-, अ)यु, कर हािनय-, अ)यु, कर Rेिडट और कर दर- के आधार पर भारतीय लेखा मानक 12, को लागू कर अपने चालू या आXथिगत कर आिXत के या दाियSव को माFयता द�गे और माप कर�गे।

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    मु4ेमु4ेमु4ेमु4े 5. जब आयकर dवहार- म� अिनिGतता हो तब यह प%रिशN िन9िलिखत को संबोिधत करता ह ै: (क) aया एक )ितPान अिनिGत कर-dवहार- पर अलग से िवचार करता ह;ै (ख) कर )ािधकरण (ारा कर dवहार- क� जांच के संदभ म� )ितPान (ारा बनाई गई धारणाएं; (ग) एक )ितPान कर योय लाभ (कर हािन), कर आधार-, अ)यु, कर हािनयाँ, अ)यु, Rेिडट- और कर दर- को कैस ेिनधा%रत करता ह;ै और (घ) तoय- और प%रिXथितय- म� प%रवतन- पर एक )ितPान कैसे िवचार करता ह।ै लेखा िस6ांत लेखा िस6ांत लेखा िस6ांत लेखा िस6ांत 7या एक ित1ान अिनि8त कर 9वहार: पर अल7या एक ित1ान अिनि8त कर 9वहार: पर अल7या एक ित1ान अिनि8त कर 9वहार: पर अल7या एक ित1ान अिनि8त कर 9वहार: पर अलग से िवचार करता हैग से िवचार करता हैग से िवचार करता हैग से िवचार करता है 6. एक )ितPान (ारा यह िनधा%रत करना �क aया )Sयेक अिनिGत कर dवहार पर अलग से िवचार करना चािहए। अथवा अFय �कसी एक या अिधक अिनिGत कर dवहार- के साथ िवचार करना चािहए, इस बात पर िनभर करेगा �क कौन सा तरीका अिनिGतता का बेहतर समाधान करता ह।ै इस बात का िनधारण करने के िलए �क कौन सा तरीका अिनिGतता का बेहतर समाधान कर सकता ह ैएवं )ितPान यह िवचार कर सकता ह,ै उदाहरणतया (क) वह अपनी आयकर फाइलग को �कस )कार तैयार करता ह ैऔर dवहार- का समथन करता ह;ै या (ख) एक )ितPान कर )ािधकरण स ेकैस ेअपे?ा करता ह ै�क वह अपनी जाचं करे और जो मुvे उस जांच म� सामने आए उसका समाधान कर�। 7. य�द अनुKछेद 6 को लागू करते 0ए )ितPान एक स ेयादा अिनिGत कर dवहार- पर एक साथ िवचार करता ह ै तो )ितPान इस प%रिशN म� ‘अिनिGत कर dवहार’ के संदभp को एक साथ िवचाराधीन अिनिGत कर dवहार- के समूह के संदभ म� पढ़ेगा। कर ािधकरण

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    क� आशा करता ह,ै उस पर िनभर करते 0ए )ितPान िन9 म� से एक तरीके का )योग करते 0ए )Sयेक अिनिGत कर dवहार के िलए अिनिGतता के )भाव को दशाएगा : (क) अित संभािवत रािश – संभािवत प%रणाम- क� ंृखला म� से एकमाf सबसे अित सभंािवत रािश। य�द संभािवत प%रणाम ि(चर या एक मू�य पर क� ��त हो तब अित संभािवत रािश अिनिGतता के समाधान का बेहतर पूवानुमान कर सकती ह।ै (ख) )Sयािशत मू�य – संभािवत प%रणाम- क� ंृखला म� अिधसंभdता – भा%रत रािशय- का जोड़। जहां संभािवत प%रणाम- क� एक ंृखला जो ना ि(चर हो और ना एक मू�य पर क� ��त हो वहा ं)Sयािशत मू�य अिनिGतता का बेहतर समाधान अनुमािनत कर सकता ह।ै 12. य�द एक अिनिGत कर dवहार चालू कर और आXथिगत कर को )भािवत करता ह ै(उदाहरणतया य�द वह चालू कर के िनधारण के िलए )यु, करयोय लाभ और आXथिगत कर के िनधारण म� )यु, कर आधार- दोन- को )भािवत करता ह)ै, तो )ितPान चालू कर और आXथिगत कर दोन- के िलए सुसंगत Wप से िनणय और )ालन बनाएगा। तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न 13. य�द तoय और प%रिXथितयां िजन पर िनणय और )ालन आधा%रत हो बदलते ह ̀ या �कसी नई सूचना के प%रणामXवWप जो �क िनणय एवं )ालन को )भािवत करती ह,ै तब )ितPान इस प%रिशN (ारा अपेि?त िनणय और )ालन का पुनःआंकलन करेगा। 14. एक )ितPान भारतीय लेखा मानक 8, लेखा नीितया,ं लेखा 1ा2लन म� प3रवत-न एवं 4ु3टयां, को लागू करते 0ए तoय- एवं प%रिXथितय- म� प%रवतन अथवा नई सूचना के )भाव को लेखा )ालन म� प%रवतन के Wप म� दशाएगा। %रपो4टग अविध के बाद होने वाला प%रवतन समायोय या असमायोय घटना ह ै इस े िनधा%रत करने के िलए )ितPान भारतीय लेखा मानक 10, 3रपो@टग अविध के बाद कC घटनाए,ं को लागू करेगा। योग योग योग योग ---- संबंधी Iदशासंबंधी Iदशासंबंधी Iदशासंबंधी Iदशा----िनदJश िनदJश िनदJश िनदJश यह 1योग संबंधी =दशा-िनदEश प3रिश6 ग का अिभ7 अंग ह,ै और इसका वही 1ािधकार ह ैजो =क प3रिश6 ग के अ>य अंग का ह।ै तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न (अनु%छेद 13)तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न (अनु%छेद 13)तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न (अनु%छेद 13)तFय: एवं प�रि)थितय: मG प�रवत�न (अनु%छेद 13) क1 इस प%रिशN के अनुKछेद 13 को लागू करते 0ए, )ितPान तoय- एवं प%रिXथितय- म� प%रवतन अथवा �कसी नई सूचना क� )ासंिगकता और )भाव का लागू कर कानून- के संदभ म� आंकलन करेगा। उदाहरण के िलए �कसी िविशN घटना का प%रणाम एक कर dवहार के िलए िलये गए िनणय एवं बनाए गए )ालन का पुनः आकलन हो सकता ह ैजो �क अFय कर dवहार के िलए नह\ ह ैय�द वे कर dवहार िभ कर कानून- के अधीन हो। क2 तoय- एवं प%रिXथितय- म� प%रवतन- अथवा नई सूचना के उदाहरण म�, िजनका प%रिXथितय- के आधार पर, प%रणाम इस प%रिशN (ारा अपेि?त िनणय और )ालन का पुनः आकलन हो सकता ह,ै िन9 सिMमिलत ह ̀परंतु उन तक ही सीिमत नह\ ह ै: (क) कर )ािधकरण (ारा जांच और कायवाही। उदाहरण के िलए : (i) )ितPान (ारा )योग �कए गए कर dवहार या समान कर dवहार के साथ कर )ािधकरण क� सहमित अथवा असहमित;

  • [Hkkx II—[k.M 3(i)] Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 13

    (ii) �कसी अFय )ितPान (ारा )योग �कए गए समान कर dवहार पर कर )ािधकरण क� सहमित अथवा असहमित क� जानकारी; और (iii) समान कर dवहार के िनपटान के िलए दी गई अथवा )ा@ रािश क� जानकारी। (ख) कर )ािधकरण (ारा Xथािपत िनयम- म� प%रवतन; (ग) कर )ािधकरण (ारा एक कर dवहार क� जांच या पुनः जांच के अिधकार क� समाि@। क3 �कसी कर dवहार के साथ कर )ािधकरण क� सहमित या असहमित क� अनुपिXथित का Xवतंf Wप से तoय- और प%रिXथितय- म� उस प%रवतन या उस नई सूचना जो �क इस प%रिशN (ारा अपेि?त िनणय- और )ालन- को )भािवत करती ह,ै को ग%ठत नह\ करती ह।ै कटन कटन कटन कटन क4 जब आयकर dवहार- पर अिनिGतता हो तब )ितPान को यह िनधा%रत करना होगा �क aया िन9िलिखत का )कटन करना ह ै: (क) भारतीय लेखा मानक 1, िवFीय िववरण का 1�तुितकरण के अनुKछेद 122 को लागू करते 0ए कर योय लाभ (कर हािन), कर आधार-, अ)यु, कर हािनय-, अ)यु, कर Rैिडट- और कर दर- के िनधारण म� िलए गए िनणय; और (ख) भारतीय लेखा मानक 1 के अनुKछेद 125-129 को लागू करते 0ए कर योय लाभ (कर हािन), कर आधार-, अ)यु, कर हािनय-, अ)यु, कर Rैिडट- और कर दर- के िनधारण म� बनाई गई अवधारणा^ एवं )ालन- क� जानकारी। क5 य�द )ितPान यह िनकष िनकालता ह ै �क यह सभंव ह ै �क कर )ािधकरण एक अिनिGत कर dवहार को Xवीकार करेगा तो )ितPान को यह िनधा%रत करना होगा �क भारतीय लेखा मानक 12 के अनुKछेद 88 को लागू करते 0ए कर - संबंिधत आकिXमकता जैसी अिनिGतता के संभािवत )भाव का )कटन करना ह ैया नह\। भावी ितिथ एवं सं भावी ितिथ एवं सं भावी ितिथ एवं सं भावी ितिथ एवं सं�मणकाल�मणकाल�मणकाल�मणकाल यह खंड प3रिश6 ग का अिभ7 अंग ह ैऔर इसका वही 1ािधकार ह ैजो प3रिश6 ग के अ>य अंग का ह।ै भावी ितिथ भावी ितिथ भावी ितिथ भावी ितिथ ख1 एक )ितPान, इस प%रिशN को 1 अ)ैल, 2019 या उसके बाद आरंभ होने वाली वाjषक %रपो4टग अविधय- के िलए लागू करेगा। सं�मणकालसं�मणकालसं�मणकालसं�मणकाल ख2 आरंिभक )योग पर एक )ितPान इस प%रिशN को िन9 म� से एक )कार से लागू करेगा : (क) भारतीय लेखा मानक 8 का )योग करते 0ए भूतल?ी )भाव से, य�द वह पGदिृN का )योग �कए िबना संभव होता ह;ै अथवा (ख) आरंिभक )योग क� ितिथ को इस प%रिशN के आरंिभक )योग के सिंचत )भाव को भूतल?ी )भाव से माFय करते 0ए। य�द )ितPान संRमण के इस तरीके का चयन करती ह ैतो वह तुलनाSमक जानकारी को �फर से )कट नह\ करेगा। उसक� बजाय )ितPान प%रिशN के

  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    आरंिभक )योग के संिचत )भाव को )ितधा%रत अजन के )ारंिभक अितशेष (अथवा इ�Uटी के अFय घटक म� जो उपयु, ह-), म� समायोजन के Wप म� माFयता देगा। आरंिभक )योग क� ितिथ उस वाjषक %रपो4टग अविध क� शु~आत होगी िजस वाjषक अविध म� पहली बार )ितPान इस प%रिशN का )योग करेगा।” ; (vi) प%रिशN 1 म�, (क) संबंिधत %टपणी म�, शwद ‘आयकर,’ के पGात् तथा शwद और आंकड़े ‘और एस आई सी 25’ से पूव, ‘आई एफ आर आई सी 23, आयकर �वहार कC अिनि�तता’ शwद और आंकड़ ेसिMमिलत �कय ेजाय�गे ; (ख) शीषक म�, शwद ‘आयकर’ के पGात् ‘एवं आई एफ आर आई सी 23’ शwद और आंकड़ ेसिMमिलत �कये जाय�गे ; (ग) अनुKछेद 4 म� मद� (iv) स े(x) के Xथान पर िन9िलिखत मद� )ितXथािपत क� जाएगी:

    (iv) अनुKछेद 52ख (v) अनुKछेद 61 (vi) अनुKछेद 62(ख) और (घ) (vii) अनुKछेद 69 (viii) अनुKछेद 70 (ix) अनुKछेद 77क (x) अनुKछेद 81(ख) (xi) अनुKछेद 83” ।

    VI. “भारतीय लेखा मानक (इंड ए एस) 19” म� :- (i) अनुKछेद 57 म� मद (ग) क� उप-मद (i) के Xथान पर िन9िलिखत उप-मद )ितXथािपत क� जाएगी, अथात्:- “(i) वतमान सेवा लागत (अनुKछेद 70-74 तथा अनुKछेद 122क को दखे�) ।”; (ii) अनुKछेद 99 के Xथान पर िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “99 जब गत सवेा लागत अथवा99 जब गत सवेा लागत अथवा99 जब गत सवेा लागत अथवा99 जब गत सवेा लागत अथवा िनपटान पर लाभ अथवा हािन का िनधा�रण Iकया जाता है, एक ित1ान िनपटान पर लाभ अथवा हािन का िनधा�रण Iकया जाता है, एक ित1ान िनपटान पर लाभ अथवा हािन का िनधा�रण Iकया जाता है, एक ित1ान िनपटान पर लाभ अथवा हािन का िनधा�रण Iकया जाता है, एक ित1ान योजनागत आि)तय: का वत�मान उिचत मूMय तथा वत�मान बीमांIकक अवधारणाN जसै ेवत�मान Oयाज योजनागत आि)तय: का वत�मान उिचत मूMय तथा वत�मान बीमांIकक अवधारणाN जसै ेवत�मान Oयाज योजनागत आि)तय: का वत�मान उिचत मूMय तथा वत�मान बीमांIकक अवधारणाN जसै ेवत�मान Oयाज योजनागत आि)तय: का वत�मान उिचत मूMय तथा वत�मान बीमांIकक अवधारणाN जसै ेवत�मान Oयाज दर: तथा अPय वत�मान बाजार मूMय: सिहत का योग करते *ए िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का दर: तथा अPय वत�मान बाजार मूMय: सिहत का योग करते *ए िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का दर: तथा अPय वत�मान बाजार मूMय: सिहत का योग करते *ए िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का दर: तथा अPय वत�मान बाजार मूMय: सिहत का योग करते *ए िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का पुनमा�पुनमा�पुनमा�पुनमा�प करेगा जो िनRिलिखत को दSशत करेगी :प करेगा जो िनRिलिखत को दSशत करेगी :प करेगा जो िनRिलिखत को दSशत करेगी :प करेगा जो िनRिलिखत को दSशत करेगी : ((((कककक)))) योजनागत सशंोधन, कटौती अथवा िनपटान से पूव� योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत सशंोधन, कटौती अथवा िनपटान से पूव� योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत सशंोधन, कटौती अथवा िनपटान से पूव� योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत सशंोधन, कटौती अथवा िनपटान से पूव� योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत आि)तयां; योजनागत आि)तयां; योजनागत आि)तयां; योजनागत आि)तयां; औरऔरऔरऔर ((((खखखख)))) योजनागत संशोधन कटौती अथवा िनपटान के प8ात् योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत संशोधन कटौती अथवा िनपटान के प8ात् योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत संशोधन कटौती अथवा िनपटान के प8ात् योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत संशोधन कटौती अथवा िनपटान के प8ात् योजना के अधीन )तािवत लाभ तथा योजनागत आि)तयां।योजनागत आि)तयां।योजनागत आि)तयां।योजनागत आि)तयां।”; (iii) अनुKछेद 101 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “101क जब एक योजनागत संशोधन, कटौती अथवा िनपटान घ%टत होता ह,ै तब एक )ितPान अनKुछेद 99-101 तथा अनुKछेद 102-112 के अनुसार �कसी गत सेवा लागत, अथवा िनपटान पर लाभ अथवा हािन को माFयता देगा तथा मापेगा। ऐसा करने म�, एक )ितPान आिXत सीमा के )भाव पर िवचार

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    नह\ करेगी। एक )ितPान तब योजनागत संशोधन, कटौती अथवा िनपटान के पGात् आिXत सीमा के )भाव का िनधारण करेगा तथा अनुKछेद 57(घ) के अनुसार उस )भाव म� बदलाव को माFयता दगेा।” ; (iv) अनुKछेद 120 क� मद (क) के Xथान पर िन9िलिखत मद )ितXथािपत क� जाएगी, अथात्:- “(क) लाभ अथवा हािन मG सवेा लागत (अनु%छेद 66(क) लाभ अथवा हािन मG सवेा लागत (अनु%छेद 66(क) लाभ अथवा हािन मG सवेा लागत (अनु%छेद 66(क) लाभ अथवा हािन मG सवेा लागत (अनु%छेद 66----112 तथा अनु%छेद 122क देखG)112 तथा अनु%छेद 122क देखG)112 तथा अनु%छेद 122क देखG)112 तथा अनु%छेद 122क देखG);;;;” ; (v) अनुKछेद 122 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “वत�मान सेवा लागत वत�मान सेवा लागत वत�मान सेवा लागत वत�मान सेवा लागत 122क एक ित1ान वाSष122क एक ित1ान वाSष122क एक ित1ान वाSष122क एक ित1ान वाSषक �रपो[टग अविध के आरंभ पर िनधा��रत बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग करके क �रपो[टग अविध के आरंभ पर िनधा��रत बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग करके क �रपो[टग अविध के आरंभ पर िनधा��रत बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग करके क �रपो[टग अविध के आरंभ पर िनधा��रत बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग करके वत�मान सवेा लागत का िनधा�रण करेगा। तथािप, एक ित1ान अनु%छेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त वत�मान सवेा लागत का िनधा�रण करेगा। तथािप, एक ित1ान अनु%छेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त वत�मान सवेा लागत का िनधा�रण करेगा। तथािप, एक ित1ान अनु%छेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त वत�मान सवेा लागत का िनधा�रण करेगा। तथािप, एक ित1ान अनु%छेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का पुनमा�प करता है, वह अनु%छेद 99लाभ दाियQव (आि)त) का पुनमा�प करता है, वह अनु%छेद 99लाभ दाियQव (आि)त) का पुनमा�प करता है, वह अनु%छेद 99लाभ दाियQव (आि)त) का पुनमा�प करता है, वह अनु%छेद 99((((खखखख)))) के अनुसार िनवल िनि8त लाभ के अनुसार िनवल िनि8त लाभ के अनुसार िनवल िनि8त लाभ के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाियदाियदाियदाियQव (आि)त) के पनुमा�प के िलए युA बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग कर योजनागत सशंोधन, Qव (आि)त) के पनुमा�प के िलए युA बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग कर योजनागत सशंोधन, Qव (आि)त) के पनुमा�प के िलए युA बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग कर योजनागत सशंोधन, Qव (आि)त) के पनुमा�प के िलए युA बीमांIकक अवधारणाN का उपयोग कर योजनागत सशंोधन, कटौती अथवा िनपटान के प8ात् वाSषक �रपो[टग अविध के शेष के िलए वत�मान सवेा लागत का कटौती अथवा िनपटान के प8ात् वाSषक �रपो[टग अविध के शेष के िलए वत�मान सवेा लागत का कटौती अथवा िनपटान के प8ात् वाSषक �रपो[टग अविध के शेष के िलए वत�मान सवेा लागत का कटौती अथवा िनपटान के प8ात् वाSषक �रपो[टग अविध के शेष के िलए वत�मान सवेा लागत का िनधा�रण करेगा।िनधा�रण करेगा।िनधा�रण करेगा।िनधा�रण करेगा।”; (vi) अनुKछेद 123 के Xथान पर िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “123 एक ित1ान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) पर िनवल Oयाज का िनधा�रण अनु%छेद 83 मG 123 एक ित1ान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) पर िनवल Oयाज का िनधा�रण अनु%छेद 83 मG 123 एक ित1ान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) पर िनवल Oयाज का िनधा�रण अनु%छेद 83 मG 123 एक ित1ान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) पर िनवल Oयाज का िनधा�रण अनु%छेद 83 मG िन^द� ब_ा दर को िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) से गुणा करके करेगी।िन^द� ब_ा दर को िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) से गुणा करके करेगी।िन^द� ब_ा दर को िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) से गुणा करके करेगी।िन^द� ब_ा दर को िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) से गुणा करके करेगी।” ; (vii) अनुKछेद 123 के बाद, िन9िलिखत अनुKछेद सिMमलत �कया जाएगा, अथात्:- “123क 123क 123क 123क अनु%छेद 123 के अनुसार, िनवल Oयाज का िनधा�रण करने के िलए ित1ान वाSषक �रपो[टग अनु%छेद 123 के अनुसार, िनवल Oयाज का िनधा�रण करने के िलए ित1ान वाSषक �रपो[टग अनु%छेद 123 के अनुसार, िनवल Oयाज का िनधा�रण करने के िलए ित1ान वाSषक �रपो[टग अनु%छेद 123 के अनुसार, िनवल Oयाज का िनधा�रण करने के िलए ित1ान वाSषक �रपो[टग अविध के आरंभ पर िनधा��रत ब_ागत दर तथा िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का उपयोग अविध के आरंभ पर िनधा��रत ब_ागत दर तथा िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का उपयोग अविध के आरंभ पर िनधा��रत ब_ागत दर तथा िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का उपयोग अविध के आरंभ पर िनधा��रत ब_ागत दर तथा िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का उपयोग करेगा। तथािप, यIद एक ित1ान अन%ुछेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाकरेगा। तथािप, यIद एक ित1ान अन%ुछेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाकरेगा। तथािप, यIद एक ित1ान अन%ुछेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाकरेगा। तथािप, यIद एक ित1ान अन%ुछेद 99 के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) का ियQव (आि)त) का ियQव (आि)त) का ियQव (आि)त) का पुनमा�प करता है, ित1ान योजनागत संशोधन, कटौती या िनपटान के प8ात् िनR का योग करते *ए पुनमा�प करता है, ित1ान योजनागत संशोधन, कटौती या िनपटान के प8ात् िनR का योग करते *ए पुनमा�प करता है, ित1ान योजनागत संशोधन, कटौती या िनपटान के प8ात् िनR का योग करते *ए पुनमा�प करता है, ित1ान योजनागत संशोधन, कटौती या िनपटान के प8ात् िनR का योग करते *ए वाSषक �रपो[टग अविध का शषे के िलए िनवल Oयाज का िनधा�रण करेगा। वाSषक �रपो[टग अविध का शषे के िलए िनवल Oयाज का िनधा�रण करेगा। वाSषक �रपो[टग अविध का शषे के िलए िनवल Oयाज का िनधा�रण करेगा। वाSषक �रपो[टग अविध का शषे के िलए िनवल Oयाज का िनधा�रण करेगा। (i)(i)(i)(i) अनु%छद 99(ख) के अनुसार िनधा��रत िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त); तथाअनु%छद 99(ख) के अनुसार िनधा��रत िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त); तथाअनु%छद 99(ख) के अनुसार िनधा��रत िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त); तथाअनु%छद 99(ख) के अनुसार िनधा��रत िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त); तथा (ii)(ii)(ii)(ii) अनु%छेद 99(ख) के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) के पुनमा�प के िलए युA अनु%छेद 99(ख) के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) के पुनमा�प के िलए युA अनु%छेद 99(ख) के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) के पुनमा�प के िलए युA अनु%छेद 99(ख) के अनुसार िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) के पुनमा�प के िलए युA ब_ागत दर।ब_ागत दर।ब_ागत दर।ब_ागत दर। अनु%छेद 123क को लागू करने मG, ित1ान अशंदान अथवा लाभ भगुतान के प�रणाम)व`प अनु%छेद 123क को लागू करने मG, ित1ान अशंदान अथवा लाभ भगुतान के प�रणाम)व`प अनु%छेद 123क को लागू करने मG, ित1ान अशंदान अथवा लाभ भगुतान के प�रणाम)व`प अनु%छेद 123क को लागू करने मG, ित1ान अशंदान अथवा लाभ भगुतान के प�रणाम)व`प अविध के दौरान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) मG Iकसी प�रवत�न को भी िवचारअविध के दौरान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) मG Iकसी प�रवत�न को भी िवचारअविध के दौरान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) मG Iकसी प�रवत�न को भी िवचारअविध के दौरान िनवल िनि8त लाभ दाियQव (आि)त) मG Iकसी प�रवत�न को भी िवचार मG मG मG मG लेगा।लेगा।लेगा।लेगा।”;

    (viii) अनुKछेद 125 के Xथान पर िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “125 योजनागत आिXतय- पर wयाज आय योजनागत आिXतय- पर )ा@ )ितफल घटक होता ह ै तथा अनुKछेद 123क म� िविनmदN बागत दर को योजनागत आिXतय- के उिचत मू�य से गुणा करके िनधा%रत �कया जाता ह।ै एक )ितPान वाjषक %रपो4टग अविध के आरंभ पर योजनागत आिXतय- के उिचत मू�य का िनधारण करेगा। तथािप य�द )ितPान अनुKछेद 99 के अनुसार िनवल िनिGत लाभ दाियSव (आिXत) का पुनमाप करता ह ैतो वह अनुKछेद 99(ख) के अनुसार िनवल िनिGत लाभ दाियSव (आिXत) के पुनमाप के िलए )यु, योजनगत आिXतय- का )योग करते 0ए। योजनागत संशोधन, कटौती अथवा िनपटान के पGात् वाjषक %रपो4टग अविध के शेष के िलए wयाज आय का िनधारण करेगा। अनुKछेद 125 को लागू करने म�, )ितPान अंशदान अथवा लाभ

  • 16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    भुगतान के प%रणामXवWप अविध के दौरान धा%रत योजनागत आिXतय- म� प%रवतन को भी िवचार म� लेगा। योजनागत आिXतय- पर wयाज आय तथा योजनागत आिXतय- पर )ा@ )ितफल के मgय अतंर को िनवल िनिGत लाभ दाियSव (आिXत) के पुनमाप म� सिMमिलत �कया जाता है।”; (ix) अनुKछेद 126 के Xथान पर िन9िलिखत अनुKछेद )ितXथािपत �कया जाएगा, अथात्:- “126 आिXत ऊपरी सीमा के )भाव पर wयाज आिXत ऊपरी सीमा के )भाव म� 0ए कुल प%रवतन का भाग होता ह ैतथा इसका िनधारण अनुKछेद 123क म� िविनmदN बागत दर से आिXत क� ऊपरी सीमा के )भाव को गुणा करके �कया जाता ह।ै एक )ितPान वाjषक %रपो4टग अविध के आरंभ पर आिXत क� ऊपरी सीमा के )भाव का िनधारण करेगा। तथािप, य�द एक )ितPान अनुKछेद 99 के अनुसार िनवल िनिGत लाभ दाियSव (आिXत) का पुनमाप करती ह,ै तो वह )ितPान अनुKछेद 101क के अनुसार िनधा%रत आिXत ऊपरी सीमा के )भाव म� �कसी प%रवतन को िवचार म� लेते 0ए योजनागत संशोधन कटौती अथवा ि