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22 अगत समाचार वलेषण सामाय अययन 1 से संबंधत : गोल : जीवाम से पता चलता है कछ रेगतान कभी जंगल था : संग : भारतीय और ांसीसी शोधकताओं एक टम ने पाया है कछ का गम रेगतान कभी नम उपोणकटबंधीय जंगल करता थाखोज : यह नकष लगभग 14 मलयन वष गभय जीवाम एक खेप खोज पर आधारत है , िजसे गभय काल मयोसीन (Miocene) कहा जाता थापसलय और दाँत और हडय के हस से ये जीवाम, जरात के कछ के रापर ताल के पलासवा गांव पाए गए थे खोज के बाद, शोध टम को वलेषण करने लगभग 12 साल लग गए' वन' का ववरण : जीवाम से पता चला है जीव और वनपतय सम ववधता उण, / नम, उणकटबंधीय से उपोणकटबंधीय पयावरणीय परिथतय बनी थीऐसा अन मान है उस समय जंगल कई कार के पयाँ, मीठे पानी मछलयाँ और संभवतः िजराफ और गडे पाए जाते रहे हगे
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Jan 30, 2020

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dariahiddleston
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  • 22 अग�त समाचार �व�लेषण

    सामा�य अ�ययन ��न प� 1 से सबंं�धत : भगूोल : जीवा�म� से पता चलता है �क क�छ रे�ग�तान कभी जंगल था :

    �संग : • भारतीय और �ांसीसी शोधकता�ओ ंक� एक ट�म ने पाया है �क क�छ का गम� श�ुक रे�ग�तान कभी नम आ�� उपो�णक�टबंधीय जंगल हुआ करता था।

    खोज : • यह �न�कष� लगभग 14 �म�लयन वष� पवू� क� भगूभ�य जीवा�म� क� एक खेप क� खोज पर आधा�रत है, िजसे भगूभ�य काल म� �मयोसीन (Miocene) कहा जाता था।

    • पस�लय� और दाँत� और ह��डय� के �ह�स� से य�ुत ये जीवा�म, गजुरात के क�छ के रापर तालकु के पलासवा गांव म� पाए गए थे।

    • खोज के बाद, शोध ट�म को �व�लेषण करने म� लगभग 12 साल लग गए।

    'वन' का �ववरण : • जीवा�म से पता चला है �क जीव� और वन�प�तय� क� सम�ृध �व�वधता उ�ण, आ�� / नम, उ�णक�टबधंीय से उपो�णक�टबधंीय पया�वरणीय प�रि�थ�तय� म� बनी हुई थी।

    • ऐसा अनमुान है �क उस समय जंगल म� कई �कार के प��याँ, मीठे पानी क� मछ�लयाँ और संभवतः िजराफ और ग�ड ेपाए जात ेरहे ह�गे।

  • • अरब सागर म� �नकटता के कारण क�छ म� अब तक पाए गए जीवा�म� के ढ़ेर म�ुय �प से सम�ु� जीव ह�। • शोधकता�ओ ंका मानना है �क अतंतः भगूभ�य प�रवत�न� ने सम�ु से सॉ�ट-�लटै� (salt-flats) के सपंक� को बंद कर �दया और यह �े� एक बड़ी झील म� बदल गया और अतंतः नमक�न आ��भ�ूम बन गया।

    खोज का मह�व : • �न�कष� बतात ेह� �क कैसे, जब भारत लगभग 300 �म�लयन वष� पहले मौजदू ग�डवानाल�ड महा�वीप का �ह�सा था, तो अ��का और भारतीय उपमहा�वीप के बीच �तनधा�रय� का फैलाव हुआ।

    • पा�क�तान से नेपाल तक फैले �सवा�लक म� जीवा�म� के कश�ेक�करण क� संभा�वत �नरंतरता के साथ �न�कष� ने क�छ को �तनपायी जीवा�म� के एक संभा�वत खजाने के �प म� भी �दखाया है।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : राजनी�त : पवू� �व� मं�ी �गर�तार :

    �संग : • क� ��य अ�वेषण �यरूो (CBI) ने INX मी�डया मामले म� आरोप� म� �घरे पवू� �व� म�ंी पी. �चदंबरम को उनके �हरासत म� ले �लया है।

    �ववरण : • पी. �चदंबरम ने �गर�तार� से ठ�क पहले एक �ेस कॉ��� स क� िजसम� उ�ह�ने अपने �खलाफ लगे सभी आरोप� का खंडन �कया।

  • • �वत�न �नदेशालय (ED) क� एक ट�म के साथ CBI क� एक ट�म ने उ�ह� �हरासत म� लेने के �लए उनके �नवास �थान म� �वेश �कया था।

    • अ��म जमानत के �लए उनक� या�चका को �द�ल� उ�च �यायालय ने खा�रज कर �दया था और उ�चतम �यायालय ने भी इस पर सनुवाई से इंकार कर �दया था। अवधै �वदेशी �व� सवंध�न बोड� (FIPB) नोड ? • म�ुय अपराध पवू� �व� मं�ी �वारा अपने काय�काल के दौरान �वदेशी �नवेश संवध�न बोड� (FIPB) �वारा कुछ 'अवधै' अनमुोदन और शले कंप�नय� के मा�यम से उनके बेटे �वारा �ा�त क� गई क�थत �र�वत के आसपास घमूता है।

    • एज��सय� का आरोप है �क एयरसेल-मिै�सस और INX मी�डया स�हत कई मामल� म�, गैरकाननूी ’मंजरू� द� गई थी।

    भतूपवू� �वदेशी �व� संवध�न बोड� : • �व� मं�ालय के आ�थ�क मामल� के �वभाग के तहत �वदेशी �नवेश संवध�न बोड� (FIPB) संचा�लत �कया गया था।

    • यह �वदेशी ��य� �नवेश (FDI) ��ताव� पर �वचार करने के �लए सरकार क� मजंरू� क� आव�यकता के �लए समयब�ध और पारदश� त�ं �दान करता था।

    • 2017 म� क� ��य मं��मंडल ने FIPB के उ�मलून को मंजरू� दे द� है।

    शले कंप�नयां : • शले कंपनी को एक गरै-�यापा�रक सगंठन के �प म� व�ण�त �कया जाता है जो �कसी भी ग�त�व�ध म� शा�मल नह�ं होती ह� ले�कन �कसी अ�य संगठन क� �यावसा�यक ग�त�व�ध के �लए केवल एक मा�यम के �प म� मौजदू होती ह�।

  • • शले कंप�नयां आमतौर पर �टॉक ए�सच�ज म� सचूीब�ध होती ह� और ये �वाभा�वक �प से अवधै नह�ं होती ह�।

    • हालां�क, इनम� से कई कंप�नय� का उपयोग अवधै ग�त�व�धय� जसेै �क कर से बचने आ�द के �लए एक साधन के �प म� �कया जाता है। • ये कंप�नयां केवल कागज पर मौजदू होती ह� और इनक� कोई भौ�तक उपि�थ�त नह�ं होती है।

    शले कंप�नय� पर आधा�रत आरोप : • एक शले कंपनी म� 300 करोड़ से अ�धक �पये जमा �कए गए थे।

    • एक फम� को एक ���टश विज�न आइल��स-आधा�रत कंपनी से भगुतान �मला िजसका नाम पनामा पेपस� म� आया था।

    • ED भारत और य.ूके., �पेन और मले�शया जसेै देश� म� चल / अचल सपं�� म� �नवेश और धन-शोधन के आरोप� क� जाँच कर रह� है।

    • इसने दो दज�न से अ�धक �वदेशी ब�क खात� क� पहचान करने का दावा �कया है।

    • ED के अनसुार, म�ुय शले कंप�नय� के शयेरधारक� और �नदेशक� ने परेू शयेरहोि�डगं को �चदंबरम क� पोती के नाम �ांसफर कर �दया था।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : अतंरा����य संबधं : अफगान रा��प�त ने अमे�रका और पा�क�तान के बीच सभंा�वत समझौत ेपर भारत को आगाह �कया :

    �संग :

  • • अफगा�न�तान के रा��प�त असरफ गनी अहमदजई ने कहा �क भारत को अफगा�न�तान म� संभा�वत अमे�रका-पा�क�तान समझौत ेसे सावधान रहना चा�हए।

    �ववरण : • �ी अहमदजई जो �धान म�ंी नर�� मोद�, �वदेश मं�ी एस जयशंकर से �मलने के �लए �द�ल� आये हुए थे, ने ता�लबान समझौत ेम� पा�क�तान के शा�मल होने से जड़ु ेडर और �चतंा से अवगत कराया। • उ�ह�ने कहा �क अफगान� को अमे�रक�-पा�क�तानी सौदे के कारण बड़ ेपमैाने पर बरेु प�रणाम भगुतने पड़ ेह�।

    • उ�ह�ने पा�क�तान क� इस धमक� को भी खा�रज कर �दया �क अन�ुछेद 370 पर भारत के कदम का अफगान शां�त ���या �भा�वत होगी।

    • उनके अनसुार, दोन� को जोड़ने क� पा�क�तान क� इ�छा बताती है �क यह अभी भी अफगा�न�तान को 'रणनी�तक गहराई' के �लए एक जगह के �प म� देखता है। '

    प�ृठभ�ूम : • अमे�रक� �वशषे दतू जलमे खल�लज़ाद ने दोहा म� वाता� का एक और दौर श�ु करने क� को�शश क� और ता�लबान के साथ एक समझौत ेपर पहंुचने क� को�शश क�।

    • अफगा�न�तान ने राजदतू खल�लजाद को �प�ट कर �दया है �क वे परू� तरह से �सफ� शां�त के �लए बातचीत कर�गे।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : अतंरा����य संबधं �ीनल�ड को लेकर ��प ने डनेमाक� पर �नशाना साधा :

  • �संग : • अमे�रक� रा��प�त डोना�ड ��प ने डनेमाक� �वारा �ीनल�ड को बेचने से इनकार करने के बाद डनेमाक� क� या�ा र�द कर द�।

    �ववरण : • डनेमाक� , अमे�रका का एक नाटो सहयोगी देश है। • �ीनल�ड द�ुनया का सबसे बड़ा �वीप है और �ाकृ�तक संसाधन� से भरपरू एक �वाय� ड�ेनश �े� है। • �ीनल�ड म�, य.ूएस.-ड�ेनश सं�ध, 1951 के तहत थलेु एयर बेस म� य.ूएस. क� स�ैय उपि�थ�त है।

    • �ीनल�ड अपनी रणनी�तक ि�थ�त और ख�नज सपंदा के कारण चीन, �स और अमे�रका का �यान आक�ष�त कर रहा है।

    • यह अ�वक�सत है और आ�थ�क सहायता के �लए डनेमाक� पर �नभ�र है।

    प�रणाम : • �थम ��टया ��प के इस ��ताव ने डनेमाक� के राजनेताओ ंसे �व�मय और �वनोद को आक�ष�त �कया।

    • ��प ने �धानमं�ी मे�टे �ेड�ेरकसेन �वारा उनके �वचार को 'बेतकुा' कहने के बाद अपनी या�ा को �थ�गत कर �दया।

    • ड�ेनस ने या�ा र�द करने को गलत बताया, हालां�क �धानम�ंी �ेड�रकसन ने कहा �क उनका मानना है �क इसी दोन� देश� के म�य सबंंध �भा�वत नह�ं ह�गे।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत :

  • सामािजक �याय : सपुर 50 : आ�दवासी छा�� के �लए एक पहल

    �संग : • महारा�� के आ�दवासी �वकास �वभाग ने डॉ�टर और इंजी�नयर बनने के इ�छुक यवुा आ�दवासी छा�� के �लए एक श�ै�णक काय��म श�ु �कया है।

    �ववरण : • काय��म का शभुारंभ पेस एजकेुशनल ��ट के सहयोग से �कया गया है। • यह पटना के आनदं कुमार और उनके सपुर 30 के काम से �े�रत है, जो आईआईट� �वेश पर��ाओ ंम� बठैने के �लए �माट� ले�कन कमज़ोर छा�� को तयैार करता है।

    • सपुर 50 काय��म रा�य के 50 सबसे मेधावी आ�दवासी छा�� का चनुाव करेगा और उ�ह� इंजी�नय�रगं और मे�डकल पर��ा के �लए तयैार करेगा।

    • 34 छा�� को इंजी�नय�रगं कोस� के �लए और 16 को मे�डकल कोस� ��श�ण काय��म के �लए चनुा गया है।

    • यह दो साल का आवासीय काय��म होगा, जहां छा�� को हॉ�टल और मेस क� स�ुवधा, एक टैबलेट, एनसीईआरट� क� �कताब� और क�रयर कॉउंस�लगं क� स�ुवधा �दान क� जाएगी।

    • सभी चय�नत छा� सरकार �वारा संचा�लत आ�दवासी आ�म �कूल, एकल�य �नवास आ�म �कूल और अ�ेंजी मा�यम आ�म �कूल से ह�।

    साव�ज�नक-�नजी भागीदार� : • पेस अकादमी ने उन आ�दवासी छा�� के �लए प�रयोजना का ��ताव करने का बीड़ा उठाया है जो अपनी दसवीं क�ा क� पर��ा दे चकेु ह�।

  • • जनजातीय �वकास �वभाग ने इसके म�ूयांकन के �लए एक काय� स�म�त का गठन �कया और क� � सरकार को एक ��ताव ��ततु �कया।

    • अनमुोदन �ा�त करने के बाद, �वभाग ने काय��म के �लए �वेश पर��ा के दो दौर आयोिजत �कए।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : सामािजक �याय आ�य गहृ� के ब�चे काम पाने म� असमथ� : �संग : • पांच रा�य� म� एक NGO �वारा �कए गए एक अ�ययन म� पाया गया �क जो ब�चे 18 साल क� उ� के बाद आ�य गहृ छोड़ देत ेह�, वे �कूल� �श�ा परू� नह�ं कर पात ेह�, वेतन आधा�रत काम नह�ं पात ेह� और काननू के तहत अपनी देखभाल के अ�धकार� से अनजान होत ेह�।

    अ�ययन : • अ�ययन �द�ल�, गुजरात, कना�टक, महारा�� और राज�थान म� उदयन केयर NGO �वारा आयोिजत �कया गया था और इसे टाटा ��ट और य�ूनसेफ (संय�ुत रा�� बाल कोष) �वारा समथ�न �ा�त था।

    • यह अ�ययन 435 "केयर ल�वस�" और 100 अ�य �मखु �हतधारक� जसेै बाल सरं�ण के �लए जमीनी �तर पर काम करने वाले अ�धका�रय� क� गवाह� पर आधा�रत है।

    • देखभाल करने वाल� क� आय ु17 वष� से 30 वष� के बीच थी।

    �न�कष� : • यह पाया गया �क उन ब�च� म� से जो 18 साल क� उ� के बाद आ�य घर� को छोड़ देत ेह�-

  • लगभग 40% �कूल� �श�ा परू� करने म� असमथ� ह�। • घर से �वत�ं रहने के �लए सं�मण के दौरान 34% बाहर हो गए। • 48% के पास कमाई का एक �वत�ं �ोत नह�ं था और िज�ह�ने कमाया उनका औसत मा�सक वेतन 7,500 और 8,500 के बीच था। • लगभग 70% काननू के तहत अपनी देखभाल के अ�धकार से अनजान थे।

    • जब�क इन यवुा वय�क� म� से 48% सरकार �वारा संचा�लत सं�थान� से थे 52% NGO �वारा संचा�लत स�ंथान� से थे।

    • कुल केयर ल�वस� (देखभाल करने वाले) म� से 55% प�ुष थे और बाक� म�हलाएं थीं।

    देखभाल के बाद का �ावधान : • सव��ण, 18 वष� क� आय ुम� चाइ�डकेयर सं�थान� को छोड़ने वाल� के �लए ,�कशोर �याय अ�ध�नयम (जेजे ए�ट), 2015 के तहत �नधा��रत देखभाल के �ावधान� के खराब काया��वयन पर �काश डालता है।

    • 27% ब�च� को उनके आ�य घर छोड़ने के बाद देखभाल �ावधान, जसेै �क आवास, �च�क�सा स�ुवधाएँ, काननूी जाग�कता, या भावना�मक समथ�न आ�द �कसी भी �कार का समथ�न नह�ं �मला।

    • उनम� से 78% के पास �वा��य बीमा नह�ं था।

    • 67% इन सेवाओ ंऔर उनके �लए तयैार क� गई अ�य योजनाओ ंसे अवगत नह�ं थे।

    • उनम� से 44% को कभी भी घर पर रहने के दौरान उनक� देखभाल और पनुवा�स योजना के बारे म� सलाह नह�ं द� गई थी, जसैा �क जेजे ए�ट के तहत �ावधान है।

  • प�रवार क� आव�यकता : • �न�कष� ब�च� के स�ंथागतकरण से दरू जाने के मह�व पर जोर देत ेह�। • ��येक ब�चे को पा�रवा�रक वातावरण म� बड़ ेहोने का अ�धकार है। • �कसी सं�था म� ब�च� को रखना अ�ंतम उपाय है। • दभुा��य से, �व�ृ� इसके �वपर�त है। • �व�व �तर पर, सा�य स�ंथागतकरण के नकारा�मक प�रणाम� को दशा�ता है।

    • जब ब�च� को उनके प�रवार� के साथ �फर से नह�ं जोड़ा जा सकता है, तो उ�ह� वकैि�पक प�रवार जसेै वातावरण म� रखा जाना चा�हए जसेै �क �ायोजक या पालक-देखभाल के मा�यम से।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत : पया�वरण : पया�वरण क� र�ा के �लए दधू क� थ�ैलय� के संबधं म� �र�यसू, �रबेट और �रयजू क� काय�नी�त : �संग : • क� � ने सभी द�ुध सहकार� स�म�तय� और �नजी डये�रय� को 2 अ�टूबर तक �लाि�टक के इ�तमेाल को आधा करने के �लए कहा है।

    प�ृठभ�ूम : • अपने �वत�ंता �दवस के भाषण म�, �धानम�ंी नर�� मोद� ने एकल उपयोग �लाि�टक को ख�म करने का आ�वान �कया था।

    • दधू �व�ेता एकल-उपयोग वाले �लाि�टक के सबसे बड़ ेउपयोगकता�ओ ंम� से एक है।

    काया��वयन : • 1 ल�टर के पकै पर सि�सडी देकर 500 �मल�ल�टर पकै के उपयोग को हतो�सा�हत करना। • दधू के पाउच को पनुच��ण करने के �लए एक �ोटोकॉल और ए�शन �लान बनाना।

  • • पाउच का पनु: उपयोग करना।

    �व�ता�रत �नमा�ता िज�मेदार� : • �लाि�टक अप�श�ट �बधंन (PWM) �नयम� के �व�ता�रत �नमा�ता िज�मेदार� घटक के तहत, 2018 म� संशो�धत, उ�योग� को पहले से ह� �लाि�टक पकेैिजंग का जो �ह�सा वे उ�प�न करत ेह� उसे पनु�ा��त और पनु: च��त करना आव�यक होता है।

    • डयेर� उ�योग को उन �ाहक� को छूट देने के �लए कहा गया है जो �लाि�टक के पाउच को वापस करत ेह�, िजसे �फर से पनुच���त �कया जा सकता है।

    चनुौती : • देश क� सबसे बड़ी दधू कॉप, जो ��त �दन लगभग 2.8 करोड़ �लाि�टक पकेैट बनाती है, ने कहा �क ऐसी बायबकै योजनाएं �यवहाय� नह�ं ह�।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत : आतं�रक सरु�ा : सेना म�ु यालय को पनुग��ठत करने के �नण�य को मंजरू� :

    �संग : • र�ा मं�ी ने सेना म�ु यालय को पनुग��ठत करने के बारे म� कुछ �नण�य� को अपनी मजंरू� दे द� है।

    �ववरण : • सेना म�ु यालय �वारा �कए गए �व� ततृ आतं�रक अ� ययन के आधार पर यह मजंरू� द� गई है। �नण�य �न� नानसुार ह�:-

  • (क) तीन� सेनाओ ंके ��त�न�ध� व स�हत सेना �मखु (COAS) के अधीन एक अलग सतक� ता �को� ठ – �फलहाल अनेक एज��सय� के मा� यम से सेना �मखु के �लए सतक� ता सबंंधी ��याकलाप �कया जाता है और इसम� �कसी एक एज�सी का ह� त�ेप नह�ं है। सेना �मखु के अधीन एक � वत�ं सतक� ता �को� ठ को चाल ू�कया जाएगा। इसके अनसुार, इस उ�दे�य क� प�ूत � के �लए सेना �मखु के अधीन सीधे-सीधे अपर महा�नदेशक (सतक� ता) को पद� था�पत �कया जाएगा। इसम� कन�ल �तर के तीन अ�धकार� (भारतीय सेना, भारतीय वाय ुसेना और भारतीय नौसेना म� से एक-एक अ�धकार�) शा�मल ह�गे। यह सेना म�ु यालय के मौजदूा पद� के तहत �कया जाएगा।

    (ख) मानवा�धकार� के म�ुद� पर �यान क� ��त करने के �लए उप-सेना �मखु के अधीन क� ��त संगठन – मानवा�धकार से जड़ु ेकरार� और म�ूय� के पालन को उ�च �ाथ�मकता देने के �लए, सीधे-सीधे उप-सेना �मखु के अधीन अपर महा�नदेशक (मेजर जनरल र�क के अ�धकार�) के नेत�ृ व म� एक �वशषे मानवा�धकार अनभुाग �था�पत करने का �नण�य �लया गया है। यह मानव संसाधन संबंधी �कसी �कार के उ�लघंन क� �रपोट� क� जांच करने के �लए शीष� �बदं ुहोगा। पारद�श�ता बढ़ाने के �लए और सव��े� ठ जांच �वशषे�ता स�ुनि�चत करने के �लए, अनभुाग म� एसएसपी/एसपी र�क के एक प�ुलस अ�धकार� को ��त�नय�ुत �कया जाएगा। (ग) फ��ड आम� के फॉम�शन�/य�ूनट� म� सेना म�ु यालय के 206 सेना अ�धका�रय� को पद� था�पत �कया जाएगा।

    कदम के पीछे कारण : • वत�मान म�, COAS का सतक� ता काय� कई एज��सय� के मा�यम से होता है और कोई एकल-�बदं ुइंटरफ़ेस नह�ं है।

    • मानवा�धकार से संबं�धत अ�धकार� के स�मेलन और म�ूय� को उ�च �ाथ�मकता देने क� आव�यकता है।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत :

  • अथ��यव�था : सेबी ने �वदेशी �नवेशक� (FPI) के �लए �नयम �कए आसान :

    �संग : • �नयामक ढांचे को अ�धक �नवेशक-अनकूुल बनाने के �लए भारतीय ��तभ�ूत और �व�नमय बोड� (सेबी) ने �वदेशी पोट�फो�लयो �नवेशक� (FPI) के �लए अनपुालन और प�रचालन आव�यकताओ ंको सरल बनाया है।

    प�ृठभ�ूम : • यह कदम उस अव�ध के दौरान उठाया गया है जब �वदेशी �नवेशक भार� मा�ा म� भारतीय शयेर बेच रहे ह�। • FPI ने जलुाई और अग�त म� 22,000 करोड़ से अ�धक म�ूय के शयेर बेचे ह�।

    • सेबी ने सरकार �वारा सचूीब�ध कंप�नय� म� साव�ज�नक होि�डगं क� �यनूतम सीमा को मौजदूा 25% से बढ़ाकर 35% करने के हा�लया ��ताव पर �चतंा �य�त क� है।

    �ववरण : • सेबी बोड� ने इस आव�यकता को दरू करने का �नण�य �लया �क हर FPI म� कम से कम 20 �नवेशक होने चा�हए। • इसने �वदेशी �नवेशक� के �लए KYC (नो-योर-क�टमर) द�तावेज क� आव�यकता को भी सरल बनाया है।

    • इसने उन देश� के क� ��य ब�क� को भी अनमु�त द� है जो भारत म� FPI के �प म� पजंीकरण करने के �लए ब�क ऑफ इंटरनेशनल सेटलम�ट (BIS) के सद�य नह�ं ह�।

    • सेबी के अनसुार, इस तरह क� इकाइयाँ "अपे�ाकृत द�घ�का�लक, कम जो�खम वाले �नवेशक" ��य� / अ��य� �प से सरकार �वारा �बं�धत क� जाती ह�।

  • भे�दया कारोबार पर कार�वाई : • सेबी ने कहा �क भे�दया कारोबार के बारे म� सट�क जानकार� देने वाले �यि�तय� को इनाम �दया जाएगा। इनाम क� रा�श संबं�धत रकम का 10 फ�सद� और अ�धकतम एक करोड़ �पये तक होगी। साथ ह� कहा �क सचूना देने वाले �यि�त क� पहचान को गोपनीय रखा जाएगा।

    उ�दे�य : • ��ता�वत �नयम� का म�ुय उ�दे�य प�रचालन बाधाओ ंऔर अनपुालन आव�यकताओ ंको कम करना है।

    • यह FPI माग� को ज�र� बढ़ावा देगा, जो �पछले कुछ मह�न� म� कई म�ुद� के कारण ख�म हो गया था।

    चनुौती : • सचूीब�ध साव�ज�नक �े� के उप�म� क� एक साथ�क सं�या अभी भी 25% साव�ज�नक होि�डगं मानक का अनपुालन करने म� पीछे है और अनपुालन के �लए इ�हे अग�त 2020 तक का समय �दया गया है।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत : अथ��यव�था : क� � खनन प�ट� के �लए अनमुोदन ���या को आसान बनाएगा : �संग : • क� � कंप�नय� को खनन प�टे देने से पहले क� � से अनमुोदन लेने क� रा�य सरकार� क� आव�यकता को समा�त करने क� योजना बना रहा है।

    �ववरण :

  • • क� ��य कोयला स�चव ने कोयला �े� के म�ुद� पर एक �हतधारक परामश� ���या को आरंभ करत ेहुए इस योजना को �य�त �कया।

    • ससंद म� एक सशंोधन के मा�यम से इसे लाग ूकरने क� आव�यकता है।

    प�ृठभ�ूम : • वत�मान म�, खनन प�टे देने से पहले, रा�य सरकार� को 'अ��म अनमुोदन' नामक एक ���या के मा�यम से, ��ता�वत प�रयोजना को ��ततु करना आव�यक है।

    • इस ���या के तहत, रा�य सरकार� को क� � के साथ एक आवेदन दा�खल करना था ता�क एक प�रयोजना के �लए उसक� अनमु�त मांगी जा सके, िजसके �लए पहले ह� मंजरू� दे द� गई थी।

    • कोयला प�रयोजनाओ ंम� तजेी लाने के �लए �कए जा रहे कई उपाय� के बीच, �व�श�ट अ�ंतम उपयोग वाले संय�ं� के आवंटन के मामले म� कोयले क� 25% �ब�� क� अनमु�त थी।

    इस कदम के पीछे कारण : • रा�य-�तर क� मंजरू� आव�यक है ले�कन अ��म अनमुोदन से �सफ� ��त�ल�पकरण और समय क� बबा�द� होती है।

    • य�य�प 2014 के बाद से, कोयला खनन के �लए लगभग 80 आवंटन नीलाम �कए गए या नामां�कत �कए गए, ले�कन उ�पादन म� �पांतरण अ�छा नह�ं रहा है। • खदान� के संचालन के �लए आवं�टत स�ंथाओ ंक� ओर से अ�न�छा थी �य��क उनके पास अभी भी कोयला �लकेंज ह�।

    • िजस �कार �बजल� �े� म� संरचना�मक म�ुद� के आयात-��त�थापन और सधुार के �लए कदम उठाए जात ेह�, उसी �कार कोयला �े� को सामा�य व�ृ�ध से परे 400 से 425 �म�लयन टन ��त वष� (MTPA) क� अ�त�र�त मांग को परूा करने के �लए कमर कसने क� ज�रत है।

  • उ�दे�य : • यह कोयला खदान� के प�रचालन को ग�त देने के �लए सरकार क� पहल के बीच होगा।

    • इस कदम से परू� ���या लगभग एक साल समयाव�ध से कम हो जाएगी।

    • सरकार एक ओर आसानी से �यापार करने को बढ़ावा देने और दसूर� ओर मौजदूा �नयम� को स�ती से लाग ूकरने के �लए एक दाम और दंड क� नी�त (carrot-and-stick policy) अपना रह� है। • इससे प�रयोजनाओ ंको लागू करने वाल� कंप�नय� क� लाभ�दता बढ़ेगी।

    • इस कदम से कोयला उ�खनन म� और भी �हतधारक भाग ल�गे।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : पया�वरण : संपादक�य : अ�य ऊजा� : �वक�प और चनुौ�तयाँ

    �संग : • ऊजा� आज परू� द�ुनया म� आध�ुनक जीवनशलै� का अ�भ�न �ह�सा बन चकु� है। ऊजा� के �बना आध�ुनक स�यता क� क�पना ह� नह�ं क� जा सकती, �य��क इसी से �वकास के नए-नए रा�त े�नकलत ेह�। हमारा सम�त जीवन अब इसी ऊजा� पर �नभ�र है। प�ृवी पर ऊजा� के परंपरागत साधन बहुत ह� सी�मत रह गए ह�। ऐसे म� यह खतरा मंडरा रहा है �क अगर ऊजा� के पारंप�रक �ोत� का इसी �कार दोहन �कया जाता रहा तो इन परंपरागत �ोत� के समा�त होने पर गंभीर सम�या उ�प�न हो जाएगी और ऊजा� के �बना आध�ुनक स�यता के अि�त�व पर ह� बहुत बड़ा ��न�च�न लग जाएगा।

  • पारंप�रक ऊजा� �ोत �या ह�? पारंप�रक ऊजा� �ोत वे ह�, जो लबें समय से �योग म� ह�। ये �कृ�त म� तय तथा सी�मत मा�ा म� उपल�ध होत ेह�- • ये गैर नवीकरणीय (non renewable) होत ेह�। • पारंप�रक �ोत कुछ समय प�चात ल�ुत हो जाएँगे (exhaustible), यानी ख़�म हो जाएँगे। • इन �ोत� से �दषूण होता है- जल, वाय ुतथा थल �दषूण। • यह �दषूण �कृ�त को बड़ े�तर पर �भा�वत करता है तथा �लोबल वा�म�ग का एक बहुत बड़ा कारण भी है। • म�ुय �प से ये �ोत औ�यो�गक तथा �यावसा�यक उ�दे�य� क� प�ूत � के �लए �योग होत ेह�। • ये बहुत ह� महंगे होत ेह�। • इनके उदाहरण ह� – कोयला, पे�ोल , डीजल, क�चा तले आ�द।

    अ�य ऊजा� (नवीकरणीय ऊजा�) ऊजा� �ोत �या ह�? • अ�य ऊजा�, िजसे ‘नवीकरणीय ऊजा�’ के नाम से भी जाना जाता है, वा�तव म� ऐसी ऊजा� है िजसके �ोत सयू�, जल, पवन, �वार-भाटा, भ-ूताप आ�द ह� और ये �ोत �दषूणकारक नह�ं होत।े इनका कभी �य भी नह�ं होता। �कृ�त �द� सौर ऊजा�, पवन ऊजा�, जल-�व�यतु ऊजा�, �वार-भाटे से �ा�त ऊजा�, बायोमास, जवै ◌�इंधन इ�या�द अ�य ऊजा� के मह�वपणू� उदाहरण ह�।

    �व�लेषण : • आध�ुनकता क� ओर तजेी से बढ़ती द�ुनया के �लए ऊजा� के परंपरागत �ोत� और ससंाधन� का उपयोग करना ज�र� भी है। ऐसे म� सवाल उठता है �क अगर आने वाले समय म� परंपरागत ऊजा� के �ोत समा�त हो गए तो हम �या कर�गे? आने वाले व�त क� इसी सम�या के म�देनजर अब ऊजा� के ऐसे गरै परंपरागत �ोत� क� खोज करना बेहद ज�र� हो गया है िजनका�य भी न हो और वे �दषूणकारक भी न ह�। • हमारे पास अ�य ऊजा� के इन �व�वध �ोत� का अपार भडंार है और �कसी भी रा�� को �वक�सत बनाने के �लए इन �दषूणर�हत �ोत� का सम�ुचत उपयोग �कए जाने क� आव�यकता भी है। यह�

  • कारण है �क भारत सरकार ने वष� 2004 म� अ�य ऊजा� के �वकास को लेकर जाग�कता अ�भयान चलाने के उ�दे�य से अ�य ऊजा� �दवस क� श�ुआत क� थी।

    • आज देश म� ऊजा� क� मांग और आप�ूत� के बीच अतंर तजेी से बढ़ रहा है। रा���य पावर पोट�ल के अनसुार वत�मान म� देश म� साढ़े तीन लाख मेगावाट से भी अ�धक �बजल� का उ�पादन �कया जा रहा है ले�कन यह भी हमार� कुल मांग से कर�ब ढाई फ�सद कम है। अ�य ऊजा� �ोत� के उपयोग को बढ़ावा देने से हमार� ऊजा� क� मांग एवं आप�ूत� के बीच का अतंर भी ख�म हो जाएगा और इससे ��य�-अ��य� �प से सामािजक जीवन �तर म� भी सधुार होगा।

    • अ�य ऊजा� उ�पादन क� देशभर म� कई छोट�-छोट� इकाइयां ह� िज�ह� एक ��ड म� लाना बेहद चनुौतीभरा काम है। इससे �बजल� क� गणुव�ा �भा�वत होती है।

    • भारत म� अपार मा�ा म� जवैीय पदाथ�, सौर ऊजा�, पवन ऊजा�, बायोगसै व लघ ुपन�बजल� उ�पादक �ोत ह� ले�कन इनसे ऊजा� उ�पादन करने वाले उपकरण� का �नमा�ण देश म� नह�ं के बराबर होता है।

    • अभी तक ऐसे अ�धकांश उपकरण आयात �कए जात ेह�। �वगत तीन वष� म� सौर ऊजा� के �लए ह� कर�ब न�बे फ�सद उपकरण आयात �कए गए। इससे �बजल� उ�पादन क� लागत काफ� बढ़ जाती है, िजसका सीधा-सीधा असर देश क� अथ��यव�था पर भी पड़ता है। इस�लए बेहद ज�र� है �क देश के भीतर ह� इन उपकरण� के �नमा�ण के �लए अपे��त कदम उठाए जाएं।

    20वीं ऊजा� सांि�यक� �रपोट� : • भारत सरकार के सांि�यक� और काय��म ��या�वयन म�ंालय �वारा �का�शत बीसवीं ऊजा� सांि�यक� �रपोट� के अनसुार वष� 2011-12 से 2016-17 के बीच ��त �यि�त ऊजा� क� खपत 3.54 फ�सद बढ़ गई है। आकंड़� पर नजर डाल� तो वष� 2005-06 से 2018-19 के दौरान ��त �यि�त �बजल� उपभोग म� कर�ब दो गुना व�ृ�ध दज� क� गई है।

  • • क� ��य �व�यतु �ा�धकरण क� अ�लै 2019 क� �रपोट� के अनसुार देश म� ��त �यि�त ��त वष� 1181 �कलोवाट �बजल� का उपभोग �कया जाता है। इसका एक अहम कारण देश म� तजेी से बढ़ती जनस�ंया भी है। �वशषेकर �बजल� और �धन के �प म� उपभोग क� जा रह� ऊजा� क� मांग घरेल ूव कृ�ष �े� के अलावा औ�यो�गक �े�� म� भी लगातार बढ़ रह� है।

    • औ�यो�गक �े�� म� ह� �बजल� और पे�ो�लयम जसेै ऊजा� के मह�वपणू� �ोत� का कर�ब 58 फ�सद उपभोग �कया जाता है। इसके अलावा कृ�ष �े� और घरेल ूकाय� म� भी ऊजा� क� मांग और खपत �पछले कुछ वष� म� काफ� बढ़� है।

    चनुौ�तयाँ : • हम िजस �बजल� से अपने घर�, दकुान� या द�तर� को रोशन करत ेह�, िजस �बजल� या पे�ो�लयम इ�या�द ऊजा� के अ�य �ोत� का इ�तमेाल कर खेती-बाड़ी या उ�योग-धंध� के ज�रए देश को �वकास के पथ पर अ�सर �कया जाता है, �या हमने कभी सोचा है �क वह �बजल� या ऊजा� के अ�य �ोत हम� �कतनी बड़ी क�मत पर हा�सल होत ेह�? यह क�मत न �सफ� आ�थ�क बि�क पया�वरणीय �ि�ट से भी धरती पर �व�यमान हर �ाणी पर बहुत भार� पड़ती है।

    • भारत म� थम�ल पावर �टेशन� म� �बजल� पदैा करने के �लए कोयला, सौर ताप, ना�भक�य ताप, कचरे और बायो ◌�इंधन का उपयोग �कया जाता है। ले�कन अ�धकांश �बजल� कोयले के इ�तमेाल से ह� पदैा होती है। ताप �बजल� घर� म� भाप पदैा करने के �लए कोयला जलाने से पया�वरण को भार� नकुसान पहंुचता है �य��क इस ���या म� �नकलने वाल� हा�नकारक गैस� हवा म� �मल कर पया�वरण को बरु� तरह �द�ूषत करती ह�, साथ ह� कोयला या अप�श�ट जलाने के बाद बचने वाले अवशषे� के �नबटारे क� भी बड़ी चनुौती बनी रहती है।

    • साव�ज�नक �े� के सवा सौ से भी अ�धक थम�ल पावर �टेशन� म� ��त�दन कर�ब 18.17 लाख टन कोयले क� खपत होती है।

  • • अमे�रका के व�ड� �रसोस�ज इं�ट��यटू के एक शोध के अनसुार वष� 2005 से 2013 के बीच भारत म� 25.54 अरब टन काब�न डाइआ◌ॅ�साइड का उ�सज�न हुआ और उस दौरान उसम� ��तवष� साढ़े पांच फ�सद क� व�ृ�ध भी होती रह�।

    • एक अ�य �रपोट� के अनसुार भारत म� 2005 से 2013 के बीच कुल काब�न उ�सज�न म� 68 फ�सद क� �मखु वजह ऊजा� �े� ह� रहा। यहां उ�लेखनीय त�य यह है �क ऊजा� �े� म� सतह�र फ�सद काब�न उ�सज�न �बजल� उ�पादन से ह� होता है। इ�ह�ं पया�वरणीय खतर� को देखत ेहुए �बजल� पदैा करने के �लए द�ुनयाभर म� अब सौर ऊजा� तथा पवन ऊजा� जसेै अ�य ऊजा� के अ�य �ोत� को �वशषे मह�व �दया जाने लगा है।

    अ�य ऊजा� उ�पादन म� अ�णी देश : • आईसल�ड आज द�ुनया का एकमा� ऐसा देश बन चकुा है जहां अ�य ऊजा� से ह� सौ फ�सद �बजल� पदैा क� जा रह� है। इसके अलावा �वीडन, जम�नी, ��टेन, को�टा�रका, �नकरागआु, उ��वे इ�या�द देश भी आगामी दो वष� के भीतर अ�य ऊजा� से ह� सौ फ�सद �बजल� उ�पादन के ल�य के साथ आगे बढ़ रहे ह�।

    • यरूोपीय संघ और अमे�रका भी कोयले से �बजल� बनाने वाले अ�धकांश �बजल� सयं�ं� को बंद करने का फैसला कर चकेु ह�। ��टेन म� कोयले से चलने वाले जो �गने-चनेु �बजल�घर बचे ह� और उ�ह� भी 2025 तक बदं कर �दए जाने क� उ�मीद है।

    �न�कष� : • भारत द�ुनया का एकमा� ऐसा देश है जहां अ�य ऊजा� के �वकास के �लए अलग म�ंालय ग�ठत है और ‘रा���य पवन-सौर �व�छता नी�त-2018’ के अनसुार पवन-सौर ऊजा� उ�पादन के वत�मान ल�य अ�सी गीगावाट को वष� 2022 तक दोगनेु से भी �यादा यानी 225 गीगावाट तक पहंुचाने का ल�य है। आज समय है आ�थ�क बदहाल� औरै भार� पया�वरणीय �वनाश क� क�मत पर ताप, जल व परमाण ुऊजा� जसेै पारंप�रक ऊजा� �ोत� के बजाय अपे�या बेहद स�त ेऔर

  • काब�न र�हत पया�वरण �हतषैी ऊजा� �ोत� के �यापक �तर पर �वकास के �लए तजेी से काम हो ले�कन साथ ह� हम� ऊजा� क� बचत क� आदत� भी अपनानी ह�गी।

    मह�वपणू� त�य :

    नोट : रा���य पहल ‘�न� ठा’ के बारे म� जानकार� के �लए 21 अग�त का PIB �व�लेषण देख�।

    1. �नलाकल (�नल�कल) बेस क� प : • सबर�माला के आधार पर पंबा नद� से लगभग 20 �कमी दरू �नल�कल म� अय�पा तीथ�या��य� के �लए एक पणू� आधार �श�वर �था�पत करने क� योजना बनाई जा रह� है।

    • बेस क� प आगामी मडंलम-मकर�वल�कू (Mandalam-Makaravilakku ) सीजन को देखत ेहुए �था�पत �कया जाएगा।

    • 15,000 लोग� को समायोिजत करने के �लए मौजदूा स�ुवधा के अलावा �नल�कल म� 20,000 लोग� के �लए ‘वीर�’ (�रटाय�रगं क� स�ुवधा), �दान क� जाएगी।

    • एक �दन म� 10,000 �म�लयन ल�टर क� कुल �मता वाले तीन सीवेज ��टम�ट �लांट भी लगाए जाएंगे।

    • वन �वभाग और �ावणकोर देवा�वोम बोड� (TDB) के सहयोग से राज�व �वभाग के एक सव��ण ने ट�डीबी को सबर�माला म� 94.428 एकड़ जमीन आवं�टत क� थी।

    • हालां�क, वन �वभाग ने आप�� जतात ेहुए दावा �कया �क TDB के पास केवल 63 एकड़ जमीन थी।

    2. �त�र वे��ला (Tirur Vettila) :

  • • केरल का एक उ�पाद, �त�र वे��ला (सपुार�), को भौगो�लक संकेत (GI) टैग �दया गया है। • यह �त�र और मल�परुम िजले के आस-पास के �े�� म� उगाया जाता है। • ताजा प��य� म� �लोरो�फल और �ोट�न क� उ�च सां�ता के कारण यह अ��वतीय है। • यिुजनॉल (Eugenol) �त�र सपुार� म� �मखु आव�यक तले है जो इसक� ती�णता म� योगदान देता है।

    3. काड� के �लए ई-जनादेश : • भारतीय �रजव� ब�क (RBI) ने आवत� लेनदेन के �लए काड� पर ई-जनादेश के �स�ंकरण क� अनमु�त देने का �नण�य �लया है।

    • यह पजंीकरण के दौरान एक अ�त�र�त कारक �माणीकरण (AFA) के साथ �कया जाएगा।

    • ई-जनादेश-आधा�रत आवत� लेनदेन �ृंखला म� पहले लेनदेन को संसा�धत करत ेसमय, AFA स�यापन �कया जाएगा।

    • य�द ई-जनादेश के पंजीकरण के साथ-साथ पहला लेनदेन �कया जा रहा है, तो इसके साथ AFA स�यापन �कया जा सकता है। • यह सभी �कार के काड�, ड�ेबट और �े�डट काड� और �ीपेड पेम�ट इं��म��स का उपयोग करत ेहुए �कए गए लेनदेन के �लए लाग ूहोगा।

    • इस तरह के लेनदेन के �लए अ�धकतम सीमा 2,000 �पये होगी।

    4. 1 लाख �पये का ई-�ै�टर : • स��ल मकेै�नकल इंजी�नय�रगं �रसच� इं�ट��यटू (CMERI) ने कहा �क वह एक छोटा इले��ॉ�नक �ै�टर �वक�सत कर रहा है, िजसक� क�मत 1 लाख के आसपास होगी और भारतीय बाजार म� यह सबसे स�ता ई-�ै�टर होगा।

  • • यह अपनी पि�चम बंगाल ि�थत स�ुवधा क� � म� अगले एक वष� के भीतर पहला पर��ण करने का ल�य बना रहा है।

    • यह कम वजन वाला उ�पाद होगा, जो छोटे भ�ूम पास�ल वाले �कसान� के �लए उ�म होगा।

    • CMERI व�ैा�नक और औ�यो�गक अनसुधंान प�रषद (CSIR) सं�थान है। 5. ग�ु र�वदास मं�दर : • गु� र�वदास का ज�म 15वीं शता�द� म� वाराणसी म� हुआ था।

    • वह एक समाज सधुारक के �प म� भि�त आदंोलन का �ह�सा थे जो व�ंचत वग� के सशि�तकरण के �लए खड़ ेथे।

    • 16वीं शता�द� क� श�ुआत म� ग�ु र�वदास के अनयुायी, �सकंदर लोधी ने �द�ल� म� एक म�ंदर बनाने के �लए जमीन द� थी।

    • 1959 म�, क� ��य मं�ी जगजीवन राम ने इसक� नींव रखी।

    • स�ुीम कोट� के एक आदेश के बाद �द�ल� �वकास �ा�धकरण �वारा इस मह�ने क� श�ुआत म� मं�दर को �व�त कर �दया गया था।

    • हाल ह� म�, तगुलकाबाद वन �े� म� गु� र�वदास मं�दर के �व�वसं के �खलाफ द�लत सगंठन� �वारा �कया गया �वरोध �दश�न द��ण-पवू� �द�ल� म� �हसंक हो गया है।

    • 50 से अ�धक �दश�नका�रय� को प�ुलस ने �हरासत म� �लया है।

    • �दश�नकार� उसी �थान पर मं�दर के पनु�न�मा�ण क� मांग कर रहे ह� जहां यह �व�वंस से पहले था।

  • 6. आयधु �नमा�णी बोड� (OFB) : • आयधु �नमा�णी बोड� र�ा उ�पादन �वभाग के अतंग�त (OFB) काय� करता है।

    • आयधु कारखाने आ�म�नभ�रता के �ाथ�मक उ�दे�य के साथ र�ा हाड�वेयर और उपकरण� के �वदेशी उ�पादन के �लए एक एक�कृत आधार बनात ेह�। • इसका म�ुयालय कोलकाता म� है। • इसक� 41 फैि��यां देश भर म� फैल� हुई ह�।

    • OFB के हर फैसले और कार�वाई को कै�बनेट क� मंजरू� क� ज�रत होती है।

    • दसूर� ओर, �डफ� स पि�लक से�टर अडंरटे�कं�स (DPSU) म� इस तरह क� बाधा नह�ं है और वे �ौ�यो�गक� �वकास और अ�य चीज� के �लए संय�ुत उ�यम और साझदेार� �था�पत कर रहे ह�।

    • र�ा मं�ालय के र�ा उ�पादन �वभाग के �शास�नक �नय�ंण म� नौ क� ��य साव�ज�नक �े� के उप�म ह�- 1. �हदं�ुतान एयरोनॉ�ट�स �ल�मटेड 2. भारत इले��ॉ�न�स �ल�मटेड 3. भारत डायने�म�स �ल�मटेड 4. भारत अथ� मवूस� �ल�मटेड 5. �म�ा धात ू�नगम �ल�मटेड 6. मझगांव डॉक �शप�ब�डस� �ल�मटेड 7. गाड�न र�च �शप�ब�डस� एंड इंजी�नयस� �ल�मटेड 8. गोवा �शपयाड� �ल�मटेड 9. �हदं�ुतान �शपयाड� �ल�मटेड

  • • सेना के इंड�ट और ��य� बजट�य समथ�न दोन� से OFB का कुल समथ�न लगभग 6,500 करोड़ �पये है।

    • सरकार आयधु �नमा�णी बोड� (OFB) के कारपोरेट�करण के पहलओु ंक� जांच करने और तौर-तर�क� क� �परेखा तयैार करने के �लए एक उ�च-�तर�य स�म�त बनाने के �लए �वचार कर रह� है।

    • कम�चा�रय� क� ऐसी आशंकाएँ ह� �क OFB का �नजीकरण करने का �यास �कया जा रहा है।

    UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न :

    ��न 1. भारत के �श�ा �े� म� �न�ठा (NISHTHA) काय��म का �या मह�व है? a) यह �कूल� म� खेल �श�ा को बढ़ावा देने के �लए एक योजना है। b) स�ंथागत ब��कंग �णाल� के तहत ��येक छा� को भारतीय �व�व�व�यालय� म� लाने के �लए एक �व�ीय समावेश काय��म है। c) यह जनजातीय मामल� के मं�ालय �वारा भारत भर म� दगु�म आ�दवासी बि�तय� के ब�च� को �श��त करने के �लए एक पहल है। d) यह देश भर के �ाथ�मक और म�ुय सरकार� �कूल� के 42 लाख से अ�धक �श�क� और �ाचाय� को ��श��त करने क� पहल है।

    उ�र : d �प�ट�करण : यह देश भर के �ाथ�मक और म�ुय सरकार� �कूल� के 42 लाख से अ�धक �श�क� और �ाचाय� को ��श��त करने क� पहल है।

    ��न 2. गु� र�वदास के संदभ� म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. ग�ु र�वदास का ज�म 6वीं शता�द� म� वत�मान त�मलनाडु म� हुआ था।

  • 2. वह एक समाज सधुारक और भि�त आदंोलन का �ह�सा थे।

    �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? a) केवल 1 b) केवल 2 c) 1 और 2 दोन� d) न तो 1 और न ह� 2

    उ�र : b �प�ट�करण : गु� र�वदास का ज�म 15वीं शता�द� म� वाराणसी म� हुआ था। ��न 3. �ीनल�ड के संदभ� म�, �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. �ीनल�ड द�ुनया का सबसे बड़ा �वीप है। 2. यह यनूाइटेड �कंगडम का एक �वाय� �े� है। 3. �वीप पर एक अमे�रक� स�ैय अ�डा है।

    �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? a) केवल 1 b) केवल 2 c) केवल 1 और 3 d) 1 और 2 ह�

    उ�र : c �प�ट�करण : �ीनल�ड डनेमाक� का एक �वाय� �े� है।

    ��न 4. गुजरात म� क�छ �े� के बारे म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. क�छ भारत का सबसे बड़ा िजला है। 2. रण उ�सव इस �े� म� आयोिजत होने वाला एक वा�ष�क उ�सव है।

  • 3. घड़ुखर अभयार�य (Indian Wild Ass Sanctuary) क�छ �े� म� ि�थत है।

    �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? a) केवल 2 b) 1 और 2 ह� c) केवल 1 और 3 d) 1, 2 और 3 ह�

    उ�र : d �प�ट�करण : तीन� कथन सह� ह�। UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न :

    ��न 1. कुछ रा�य� को �दए गए �वशषे दज� ने जातीय समहू� क� अलगाववाद� मांग� को कम करने म� मदद क� है। आलोचना�मक �व�लेषण कर�। (250 श�द, 15 अकं)

    ��न 2. UNSC म� �थायी सीट हा�सल करने क� भारत क� संभावनाएं �या ह�? भारत के प� म� UNSC सधुार� म� तजेी लाने के उपाय सझुाइए। (250 श�द, 15 अकं)