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22 अग�त समाचार �व�लेषण
सामा�य अ�ययन ��न प� 1 से सबंं�धत : भगूोल : जीवा�म� से पता चलता
है �क क�छ रे�ग�तान कभी जंगल था :
�संग : • भारतीय और �ांसीसी शोधकता�ओ ंक� एक ट�म ने पाया है �क क�छ
का गम� श�ुक रे�ग�तान कभी नम आ�� उपो�णक�टबंधीय जंगल हुआ करता था।
खोज : • यह �न�कष� लगभग 14 �म�लयन वष� पवू� क� भगूभ�य जीवा�म� क�
एक खेप क� खोज पर आधा�रत है, िजसे भगूभ�य काल म� �मयोसीन (Miocene)
कहा जाता था।
• पस�लय� और दाँत� और ह��डय� के �ह�स� से य�ुत ये जीवा�म, गजुरात
के क�छ के रापर तालकु के पलासवा गांव म� पाए गए थे।
• खोज के बाद, शोध ट�म को �व�लेषण करने म� लगभग 12 साल लग गए।
'वन' का �ववरण : • जीवा�म से पता चला है �क जीव� और वन�प�तय� क�
सम�ृध �व�वधता उ�ण, आ�� / नम, उ�णक�टबधंीय से उपो�णक�टबधंीय पया�वरणीय
प�रि�थ�तय� म� बनी हुई थी।
• ऐसा अनमुान है �क उस समय जंगल म� कई �कार के प��याँ, मीठे पानी
क� मछ�लयाँ और संभवतः िजराफ और ग�ड ेपाए जात ेरहे ह�गे।
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• अरब सागर म� �नकटता के कारण क�छ म� अब तक पाए गए जीवा�म� के ढ़ेर
म�ुय �प से सम�ु� जीव ह�। • शोधकता�ओ ंका मानना है �क अतंतः भगूभ�य
प�रवत�न� ने सम�ु से सॉ�ट-�लटै� (salt-flats) के सपंक� को बंद कर �दया
और यह �े� एक बड़ी झील म� बदल गया और अतंतः नमक�न आ��भ�ूम बन गया।
खोज का मह�व : • �न�कष� बतात ेह� �क कैसे, जब भारत लगभग 300 �म�लयन
वष� पहले मौजदू ग�डवानाल�ड महा�वीप का �ह�सा था, तो अ��का और भारतीय
उपमहा�वीप के बीच �तनधा�रय� का फैलाव हुआ।
• पा�क�तान से नेपाल तक फैले �सवा�लक म� जीवा�म� के कश�ेक�करण क�
संभा�वत �नरंतरता के साथ �न�कष� ने क�छ को �तनपायी जीवा�म� के एक
संभा�वत खजाने के �प म� भी �दखाया है।
सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : राजनी�त : पवू� �व� मं�ी
�गर�तार :
�संग : • क� ��य अ�वेषण �यरूो (CBI) ने INX मी�डया मामले म� आरोप�
म� �घरे पवू� �व� म�ंी पी. �चदंबरम को उनके �हरासत म� ले �लया है।
�ववरण : • पी. �चदंबरम ने �गर�तार� से ठ�क पहले एक �ेस कॉ��� स क�
िजसम� उ�ह�ने अपने �खलाफ लगे सभी आरोप� का खंडन �कया।
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• �वत�न �नदेशालय (ED) क� एक ट�म के साथ CBI क� एक ट�म ने उ�ह�
�हरासत म� लेने के �लए उनके �नवास �थान म� �वेश �कया था।
• अ��म जमानत के �लए उनक� या�चका को �द�ल� उ�च �यायालय ने खा�रज कर
�दया था और उ�चतम �यायालय ने भी इस पर सनुवाई से इंकार कर �दया था।
अवधै �वदेशी �व� सवंध�न बोड� (FIPB) नोड ? • म�ुय अपराध पवू� �व� मं�ी
�वारा अपने काय�काल के दौरान �वदेशी �नवेश संवध�न बोड� (FIPB) �वारा
कुछ 'अवधै' अनमुोदन और शले कंप�नय� के मा�यम से उनके बेटे �वारा �ा�त
क� गई क�थत �र�वत के आसपास घमूता है।
• एज��सय� का आरोप है �क एयरसेल-मिै�सस और INX मी�डया स�हत कई
मामल� म�, गैरकाननूी ’मंजरू� द� गई थी।
भतूपवू� �वदेशी �व� संवध�न बोड� : • �व� मं�ालय के आ�थ�क मामल� के
�वभाग के तहत �वदेशी �नवेश संवध�न बोड� (FIPB) संचा�लत �कया गया
था।
• यह �वदेशी ��य� �नवेश (FDI) ��ताव� पर �वचार करने के �लए सरकार
क� मजंरू� क� आव�यकता के �लए समयब�ध और पारदश� त�ं �दान करता था।
• 2017 म� क� ��य मं��मंडल ने FIPB के उ�मलून को मंजरू� दे द�
है।
शले कंप�नयां : • शले कंपनी को एक गरै-�यापा�रक सगंठन के �प म�
व�ण�त �कया जाता है जो �कसी भी ग�त�व�ध म� शा�मल नह�ं होती ह� ले�कन
�कसी अ�य संगठन क� �यावसा�यक ग�त�व�ध के �लए केवल एक मा�यम के �प म�
मौजदू होती ह�।
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• शले कंप�नयां आमतौर पर �टॉक ए�सच�ज म� सचूीब�ध होती ह� और ये
�वाभा�वक �प से अवधै नह�ं होती ह�।
• हालां�क, इनम� से कई कंप�नय� का उपयोग अवधै ग�त�व�धय� जसेै �क कर
से बचने आ�द के �लए एक साधन के �प म� �कया जाता है। • ये कंप�नयां
केवल कागज पर मौजदू होती ह� और इनक� कोई भौ�तक उपि�थ�त नह�ं होती
है।
शले कंप�नय� पर आधा�रत आरोप : • एक शले कंपनी म� 300 करोड़ से अ�धक
�पये जमा �कए गए थे।
• एक फम� को एक ���टश विज�न आइल��स-आधा�रत कंपनी से भगुतान �मला
िजसका नाम पनामा पेपस� म� आया था।
• ED भारत और य.ूके., �पेन और मले�शया जसेै देश� म� चल / अचल सपं��
म� �नवेश और धन-शोधन के आरोप� क� जाँच कर रह� है।
• इसने दो दज�न से अ�धक �वदेशी ब�क खात� क� पहचान करने का दावा
�कया है।
• ED के अनसुार, म�ुय शले कंप�नय� के शयेरधारक� और �नदेशक� ने परेू
शयेरहोि�डगं को �चदंबरम क� पोती के नाम �ांसफर कर �दया था।
सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : अतंरा����य संबधं : अफगान
रा��प�त ने अमे�रका और पा�क�तान के बीच सभंा�वत समझौत ेपर भारत को
आगाह �कया :
�संग :
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• अफगा�न�तान के रा��प�त असरफ गनी अहमदजई ने कहा �क भारत को
अफगा�न�तान म� संभा�वत अमे�रका-पा�क�तान समझौत ेसे सावधान रहना
चा�हए।
�ववरण : • �ी अहमदजई जो �धान म�ंी नर�� मोद�, �वदेश मं�ी एस जयशंकर
से �मलने के �लए �द�ल� आये हुए थे, ने ता�लबान समझौत ेम� पा�क�तान के
शा�मल होने से जड़ु ेडर और �चतंा से अवगत कराया। • उ�ह�ने कहा �क
अफगान� को अमे�रक�-पा�क�तानी सौदे के कारण बड़ ेपमैाने पर बरेु प�रणाम
भगुतने पड़ ेह�।
• उ�ह�ने पा�क�तान क� इस धमक� को भी खा�रज कर �दया �क अन�ुछेद 370
पर भारत के कदम का अफगान शां�त ���या �भा�वत होगी।
• उनके अनसुार, दोन� को जोड़ने क� पा�क�तान क� इ�छा बताती है �क यह
अभी भी अफगा�न�तान को 'रणनी�तक गहराई' के �लए एक जगह के �प म� देखता
है। '
प�ृठभ�ूम : • अमे�रक� �वशषे दतू जलमे खल�लज़ाद ने दोहा म� वाता� का
एक और दौर श�ु करने क� को�शश क� और ता�लबान के साथ एक समझौत ेपर
पहंुचने क� को�शश क�।
• अफगा�न�तान ने राजदतू खल�लजाद को �प�ट कर �दया है �क वे परू� तरह
से �सफ� शां�त के �लए बातचीत कर�गे।
सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : अतंरा����य संबधं �ीनल�ड को
लेकर ��प ने डनेमाक� पर �नशाना साधा :
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�संग : • अमे�रक� रा��प�त डोना�ड ��प ने डनेमाक� �वारा �ीनल�ड को
बेचने से इनकार करने के बाद डनेमाक� क� या�ा र�द कर द�।
�ववरण : • डनेमाक� , अमे�रका का एक नाटो सहयोगी देश है। • �ीनल�ड
द�ुनया का सबसे बड़ा �वीप है और �ाकृ�तक संसाधन� से भरपरू एक �वाय�
ड�ेनश �े� है। • �ीनल�ड म�, य.ूएस.-ड�ेनश सं�ध, 1951 के तहत थलेु एयर
बेस म� य.ूएस. क� स�ैय उपि�थ�त है।
• �ीनल�ड अपनी रणनी�तक ि�थ�त और ख�नज सपंदा के कारण चीन, �स और
अमे�रका का �यान आक�ष�त कर रहा है।
• यह अ�वक�सत है और आ�थ�क सहायता के �लए डनेमाक� पर �नभ�र है।
प�रणाम : • �थम ��टया ��प के इस ��ताव ने डनेमाक� के राजनेताओ ंसे
�व�मय और �वनोद को आक�ष�त �कया।
• ��प ने �धानमं�ी मे�टे �ेड�ेरकसेन �वारा उनके �वचार को 'बेतकुा'
कहने के बाद अपनी या�ा को �थ�गत कर �दया।
• ड�ेनस ने या�ा र�द करने को गलत बताया, हालां�क �धानम�ंी �ेड�रकसन
ने कहा �क उनका मानना है �क इसी दोन� देश� के म�य सबंंध �भा�वत नह�ं
ह�गे।
सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत :
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सामािजक �याय : सपुर 50 : आ�दवासी छा�� के �लए एक पहल
�संग : • महारा�� के आ�दवासी �वकास �वभाग ने डॉ�टर और इंजी�नयर
बनने के इ�छुक यवुा आ�दवासी छा�� के �लए एक श�ै�णक काय��म श�ु �कया
है।
�ववरण : • काय��म का शभुारंभ पेस एजकेुशनल ��ट के सहयोग से �कया
गया है। • यह पटना के आनदं कुमार और उनके सपुर 30 के काम से �े�रत है,
जो आईआईट� �वेश पर��ाओ ंम� बठैने के �लए �माट� ले�कन कमज़ोर छा�� को
तयैार करता है।
• सपुर 50 काय��म रा�य के 50 सबसे मेधावी आ�दवासी छा�� का चनुाव
करेगा और उ�ह� इंजी�नय�रगं और मे�डकल पर��ा के �लए तयैार करेगा।
• 34 छा�� को इंजी�नय�रगं कोस� के �लए और 16 को मे�डकल कोस� ��श�ण
काय��म के �लए चनुा गया है।
• यह दो साल का आवासीय काय��म होगा, जहां छा�� को हॉ�टल और मेस क�
स�ुवधा, एक टैबलेट, एनसीईआरट� क� �कताब� और क�रयर कॉउंस�लगं क� स�ुवधा
�दान क� जाएगी।
• सभी चय�नत छा� सरकार �वारा संचा�लत आ�दवासी आ�म �कूल, एकल�य
�नवास आ�म �कूल और अ�ेंजी मा�यम आ�म �कूल से ह�।
साव�ज�नक-�नजी भागीदार� : • पेस अकादमी ने उन आ�दवासी छा�� के �लए
प�रयोजना का ��ताव करने का बीड़ा उठाया है जो अपनी दसवीं क�ा क� पर��ा
दे चकेु ह�।
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• जनजातीय �वकास �वभाग ने इसके म�ूयांकन के �लए एक काय� स�म�त का
गठन �कया और क� � सरकार को एक ��ताव ��ततु �कया।
• अनमुोदन �ा�त करने के बाद, �वभाग ने काय��म के �लए �वेश पर��ा के
दो दौर आयोिजत �कए।
सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : सामािजक �याय आ�य गहृ� के ब�चे
काम पाने म� असमथ� : �संग : • पांच रा�य� म� एक NGO �वारा �कए गए एक
अ�ययन म� पाया गया �क जो ब�चे 18 साल क� उ� के बाद आ�य गहृ छोड़ देत
ेह�, वे �कूल� �श�ा परू� नह�ं कर पात ेह�, वेतन आधा�रत काम नह�ं पात
ेह� और काननू के तहत अपनी देखभाल के अ�धकार� से अनजान होत ेह�।
अ�ययन : • अ�ययन �द�ल�, गुजरात, कना�टक, महारा�� और राज�थान म�
उदयन केयर NGO �वारा आयोिजत �कया गया था और इसे टाटा ��ट और य�ूनसेफ
(संय�ुत रा�� बाल कोष) �वारा समथ�न �ा�त था।
• यह अ�ययन 435 "केयर ल�वस�" और 100 अ�य �मखु �हतधारक� जसेै बाल
सरं�ण के �लए जमीनी �तर पर काम करने वाले अ�धका�रय� क� गवाह� पर
आधा�रत है।
• देखभाल करने वाल� क� आय ु17 वष� से 30 वष� के बीच थी।
�न�कष� : • यह पाया गया �क उन ब�च� म� से जो 18 साल क� उ� के बाद
आ�य घर� को छोड़ देत ेह�-
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लगभग 40% �कूल� �श�ा परू� करने म� असमथ� ह�। • घर से �वत�ं रहने के
�लए सं�मण के दौरान 34% बाहर हो गए। • 48% के पास कमाई का एक �वत�ं
�ोत नह�ं था और िज�ह�ने कमाया उनका औसत मा�सक वेतन 7,500 और 8,500 के
बीच था। • लगभग 70% काननू के तहत अपनी देखभाल के अ�धकार से अनजान
थे।
• जब�क इन यवुा वय�क� म� से 48% सरकार �वारा संचा�लत सं�थान� से थे
52% NGO �वारा संचा�लत स�ंथान� से थे।
• कुल केयर ल�वस� (देखभाल करने वाले) म� से 55% प�ुष थे और बाक�
म�हलाएं थीं।
देखभाल के बाद का �ावधान : • सव��ण, 18 वष� क� आय ुम� चाइ�डकेयर
सं�थान� को छोड़ने वाल� के �लए ,�कशोर �याय अ�ध�नयम (जेजे ए�ट), 2015
के तहत �नधा��रत देखभाल के �ावधान� के खराब काया��वयन पर �काश डालता
है।
• 27% ब�च� को उनके आ�य घर छोड़ने के बाद देखभाल �ावधान, जसेै �क
आवास, �च�क�सा स�ुवधाएँ, काननूी जाग�कता, या भावना�मक समथ�न आ�द �कसी
भी �कार का समथ�न नह�ं �मला।
• उनम� से 78% के पास �वा��य बीमा नह�ं था।
• 67% इन सेवाओ ंऔर उनके �लए तयैार क� गई अ�य योजनाओ ंसे अवगत नह�ं
थे।
• उनम� से 44% को कभी भी घर पर रहने के दौरान उनक� देखभाल और
पनुवा�स योजना के बारे म� सलाह नह�ं द� गई थी, जसैा �क जेजे ए�ट के
तहत �ावधान है।
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प�रवार क� आव�यकता : • �न�कष� ब�च� के स�ंथागतकरण से दरू जाने के
मह�व पर जोर देत ेह�। • ��येक ब�चे को पा�रवा�रक वातावरण म� बड़ ेहोने
का अ�धकार है। • �कसी सं�था म� ब�च� को रखना अ�ंतम उपाय है। • दभुा��य
से, �व�ृ� इसके �वपर�त है। • �व�व �तर पर, सा�य स�ंथागतकरण के
नकारा�मक प�रणाम� को दशा�ता है।
• जब ब�च� को उनके प�रवार� के साथ �फर से नह�ं जोड़ा जा सकता है, तो
उ�ह� वकैि�पक प�रवार जसेै वातावरण म� रखा जाना चा�हए जसेै �क �ायोजक
या पालक-देखभाल के मा�यम से।
सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत : पया�वरण : पया�वरण क� र�ा के
�लए दधू क� थ�ैलय� के संबधं म� �र�यसू, �रबेट और �रयजू क� काय�नी�त :
�संग : • क� � ने सभी द�ुध सहकार� स�म�तय� और �नजी डये�रय� को 2
अ�टूबर तक �लाि�टक के इ�तमेाल को आधा करने के �लए कहा है।
प�ृठभ�ूम : • अपने �वत�ंता �दवस के भाषण म�, �धानम�ंी नर�� मोद� ने
एकल उपयोग �लाि�टक को ख�म करने का आ�वान �कया था।
• दधू �व�ेता एकल-उपयोग वाले �लाि�टक के सबसे बड़ ेउपयोगकता�ओ ंम�
से एक है।
काया��वयन : • 1 ल�टर के पकै पर सि�सडी देकर 500 �मल�ल�टर पकै के
उपयोग को हतो�सा�हत करना। • दधू के पाउच को पनुच��ण करने के �लए एक
�ोटोकॉल और ए�शन �लान बनाना।
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• पाउच का पनु: उपयोग करना।
�व�ता�रत �नमा�ता िज�मेदार� : • �लाि�टक अप�श�ट �बधंन (PWM) �नयम�
के �व�ता�रत �नमा�ता िज�मेदार� घटक के तहत, 2018 म� संशो�धत, उ�योग�
को पहले से ह� �लाि�टक पकेैिजंग का जो �ह�सा वे उ�प�न करत ेह� उसे
पनु�ा��त और पनु: च��त करना आव�यक होता है।
• डयेर� उ�योग को उन �ाहक� को छूट देने के �लए कहा गया है जो
�लाि�टक के पाउच को वापस करत ेह�, िजसे �फर से पनुच���त �कया जा सकता
है।
चनुौती : • देश क� सबसे बड़ी दधू कॉप, जो ��त �दन लगभग 2.8 करोड़
�लाि�टक पकेैट बनाती है, ने कहा �क ऐसी बायबकै योजनाएं �यवहाय� नह�ं
ह�।
सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत : आतं�रक सरु�ा : सेना म�ु यालय
को पनुग��ठत करने के �नण�य को मंजरू� :
�संग : • र�ा मं�ी ने सेना म�ु यालय को पनुग��ठत करने के बारे म�
कुछ �नण�य� को अपनी मजंरू� दे द� है।
�ववरण : • सेना म�ु यालय �वारा �कए गए �व� ततृ आतं�रक अ� ययन के
आधार पर यह मजंरू� द� गई है। �नण�य �न� नानसुार ह�:-
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(क) तीन� सेनाओ ंके ��त�न�ध� व स�हत सेना �मखु (COAS) के अधीन एक
अलग सतक� ता �को� ठ – �फलहाल अनेक एज��सय� के मा� यम से सेना �मखु के
�लए सतक� ता सबंंधी ��याकलाप �कया जाता है और इसम� �कसी एक एज�सी का
ह� त�ेप नह�ं है। सेना �मखु के अधीन एक � वत�ं सतक� ता �को� ठ को चाल
ू�कया जाएगा। इसके अनसुार, इस उ�दे�य क� प�ूत � के �लए सेना �मखु के
अधीन सीधे-सीधे अपर महा�नदेशक (सतक� ता) को पद� था�पत �कया जाएगा।
इसम� कन�ल �तर के तीन अ�धकार� (भारतीय सेना, भारतीय वाय ुसेना और
भारतीय नौसेना म� से एक-एक अ�धकार�) शा�मल ह�गे। यह सेना म�ु यालय के
मौजदूा पद� के तहत �कया जाएगा।
(ख) मानवा�धकार� के म�ुद� पर �यान क� ��त करने के �लए उप-सेना �मखु
के अधीन क� ��त संगठन – मानवा�धकार से जड़ु ेकरार� और म�ूय� के पालन को
उ�च �ाथ�मकता देने के �लए, सीधे-सीधे उप-सेना �मखु के अधीन अपर
महा�नदेशक (मेजर जनरल र�क के अ�धकार�) के नेत�ृ व म� एक �वशषे
मानवा�धकार अनभुाग �था�पत करने का �नण�य �लया गया है। यह मानव संसाधन
संबंधी �कसी �कार के उ�लघंन क� �रपोट� क� जांच करने के �लए शीष� �बदं
ुहोगा। पारद�श�ता बढ़ाने के �लए और सव��े� ठ जांच �वशषे�ता स�ुनि�चत
करने के �लए, अनभुाग म� एसएसपी/एसपी र�क के एक प�ुलस अ�धकार� को
��त�नय�ुत �कया जाएगा। (ग) फ��ड आम� के फॉम�शन�/य�ूनट� म� सेना म�ु
यालय के 206 सेना अ�धका�रय� को पद� था�पत �कया जाएगा।
कदम के पीछे कारण : • वत�मान म�, COAS का सतक� ता काय� कई एज��सय�
के मा�यम से होता है और कोई एकल-�बदं ुइंटरफ़ेस नह�ं है।
• मानवा�धकार से संबं�धत अ�धकार� के स�मेलन और म�ूय� को उ�च
�ाथ�मकता देने क� आव�यकता है।
सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत :
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अथ��यव�था : सेबी ने �वदेशी �नवेशक� (FPI) के �लए �नयम �कए आसान
:
�संग : • �नयामक ढांचे को अ�धक �नवेशक-अनकूुल बनाने के �लए भारतीय
��तभ�ूत और �व�नमय बोड� (सेबी) ने �वदेशी पोट�फो�लयो �नवेशक� (FPI) के
�लए अनपुालन और प�रचालन आव�यकताओ ंको सरल बनाया है।
प�ृठभ�ूम : • यह कदम उस अव�ध के दौरान उठाया गया है जब �वदेशी
�नवेशक भार� मा�ा म� भारतीय शयेर बेच रहे ह�। • FPI ने जलुाई और अग�त
म� 22,000 करोड़ से अ�धक म�ूय के शयेर बेचे ह�।
• सेबी ने सरकार �वारा सचूीब�ध कंप�नय� म� साव�ज�नक होि�डगं क�
�यनूतम सीमा को मौजदूा 25% से बढ़ाकर 35% करने के हा�लया ��ताव पर
�चतंा �य�त क� है।
�ववरण : • सेबी बोड� ने इस आव�यकता को दरू करने का �नण�य �लया �क
हर FPI म� कम से कम 20 �नवेशक होने चा�हए। • इसने �वदेशी �नवेशक� के
�लए KYC (नो-योर-क�टमर) द�तावेज क� आव�यकता को भी सरल बनाया है।
• इसने उन देश� के क� ��य ब�क� को भी अनमु�त द� है जो भारत म� FPI
के �प म� पजंीकरण करने के �लए ब�क ऑफ इंटरनेशनल सेटलम�ट (BIS) के सद�य
नह�ं ह�।
• सेबी के अनसुार, इस तरह क� इकाइयाँ "अपे�ाकृत द�घ�का�लक, कम
जो�खम वाले �नवेशक" ��य� / अ��य� �प से सरकार �वारा �बं�धत क� जाती
ह�।
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भे�दया कारोबार पर कार�वाई : • सेबी ने कहा �क भे�दया कारोबार के
बारे म� सट�क जानकार� देने वाले �यि�तय� को इनाम �दया जाएगा। इनाम क�
रा�श संबं�धत रकम का 10 फ�सद� और अ�धकतम एक करोड़ �पये तक होगी। साथ ह�
कहा �क सचूना देने वाले �यि�त क� पहचान को गोपनीय रखा जाएगा।
उ�दे�य : • ��ता�वत �नयम� का म�ुय उ�दे�य प�रचालन बाधाओ ंऔर
अनपुालन आव�यकताओ ंको कम करना है।
• यह FPI माग� को ज�र� बढ़ावा देगा, जो �पछले कुछ मह�न� म� कई म�ुद�
के कारण ख�म हो गया था।
चनुौती : • सचूीब�ध साव�ज�नक �े� के उप�म� क� एक साथ�क सं�या अभी
भी 25% साव�ज�नक होि�डगं मानक का अनपुालन करने म� पीछे है और अनपुालन
के �लए इ�हे अग�त 2020 तक का समय �दया गया है।
सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से सबंं�धत : अथ��यव�था : क� � खनन प�ट� के
�लए अनमुोदन ���या को आसान बनाएगा : �संग : • क� � कंप�नय� को खनन
प�टे देने से पहले क� � से अनमुोदन लेने क� रा�य सरकार� क� आव�यकता को
समा�त करने क� योजना बना रहा है।
�ववरण :
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• क� ��य कोयला स�चव ने कोयला �े� के म�ुद� पर एक �हतधारक परामश�
���या को आरंभ करत ेहुए इस योजना को �य�त �कया।
• ससंद म� एक सशंोधन के मा�यम से इसे लाग ूकरने क� आव�यकता है।
प�ृठभ�ूम : • वत�मान म�, खनन प�टे देने से पहले, रा�य सरकार� को
'अ��म अनमुोदन' नामक एक ���या के मा�यम से, ��ता�वत प�रयोजना को ��ततु
करना आव�यक है।
• इस ���या के तहत, रा�य सरकार� को क� � के साथ एक आवेदन दा�खल
करना था ता�क एक प�रयोजना के �लए उसक� अनमु�त मांगी जा सके, िजसके �लए
पहले ह� मंजरू� दे द� गई थी।
• कोयला प�रयोजनाओ ंम� तजेी लाने के �लए �कए जा रहे कई उपाय� के
बीच, �व�श�ट अ�ंतम उपयोग वाले संय�ं� के आवंटन के मामले म� कोयले क�
25% �ब�� क� अनमु�त थी।
इस कदम के पीछे कारण : • रा�य-�तर क� मंजरू� आव�यक है ले�कन अ��म
अनमुोदन से �सफ� ��त�ल�पकरण और समय क� बबा�द� होती है।
• य�य�प 2014 के बाद से, कोयला खनन के �लए लगभग 80 आवंटन नीलाम �कए
गए या नामां�कत �कए गए, ले�कन उ�पादन म� �पांतरण अ�छा नह�ं रहा है। •
खदान� के संचालन के �लए आवं�टत स�ंथाओ ंक� ओर से अ�न�छा थी �य��क उनके
पास अभी भी कोयला �लकेंज ह�।
• िजस �कार �बजल� �े� म� संरचना�मक म�ुद� के आयात-��त�थापन और
सधुार के �लए कदम उठाए जात ेह�, उसी �कार कोयला �े� को सामा�य व�ृ�ध
से परे 400 से 425 �म�लयन टन ��त वष� (MTPA) क� अ�त�र�त मांग को परूा
करने के �लए कमर कसने क� ज�रत है।
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उ�दे�य : • यह कोयला खदान� के प�रचालन को ग�त देने के �लए सरकार क�
पहल के बीच होगा।
• इस कदम से परू� ���या लगभग एक साल समयाव�ध से कम हो जाएगी।
• सरकार एक ओर आसानी से �यापार करने को बढ़ावा देने और दसूर� ओर
मौजदूा �नयम� को स�ती से लाग ूकरने के �लए एक दाम और दंड क� नी�त
(carrot-and-stick policy) अपना रह� है। • इससे प�रयोजनाओ ंको लागू
करने वाल� कंप�नय� क� लाभ�दता बढ़ेगी।
• इस कदम से कोयला उ�खनन म� और भी �हतधारक भाग ल�गे।
सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से सबंं�धत : पया�वरण : संपादक�य : अ�य ऊजा�
: �वक�प और चनुौ�तयाँ
�संग : • ऊजा� आज परू� द�ुनया म� आध�ुनक जीवनशलै� का अ�भ�न �ह�सा
बन चकु� है। ऊजा� के �बना आध�ुनक स�यता क� क�पना ह� नह�ं क� जा सकती,
�य��क इसी से �वकास के नए-नए रा�त े�नकलत ेह�। हमारा सम�त जीवन अब इसी
ऊजा� पर �नभ�र है। प�ृवी पर ऊजा� के परंपरागत साधन बहुत ह� सी�मत रह
गए ह�। ऐसे म� यह खतरा मंडरा रहा है �क अगर ऊजा� के पारंप�रक �ोत� का
इसी �कार दोहन �कया जाता रहा तो इन परंपरागत �ोत� के समा�त होने पर
गंभीर सम�या उ�प�न हो जाएगी और ऊजा� के �बना आध�ुनक स�यता के अि�त�व
पर ह� बहुत बड़ा ��न�च�न लग जाएगा।
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पारंप�रक ऊजा� �ोत �या ह�? पारंप�रक ऊजा� �ोत वे ह�, जो लबें समय
से �योग म� ह�। ये �कृ�त म� तय तथा सी�मत मा�ा म� उपल�ध होत ेह�- • ये
गैर नवीकरणीय (non renewable) होत ेह�। • पारंप�रक �ोत कुछ समय प�चात
ल�ुत हो जाएँगे (exhaustible), यानी ख़�म हो जाएँगे। • इन �ोत� से
�दषूण होता है- जल, वाय ुतथा थल �दषूण। • यह �दषूण �कृ�त को बड़ े�तर
पर �भा�वत करता है तथा �लोबल वा�म�ग का एक बहुत बड़ा कारण भी है। •
म�ुय �प से ये �ोत औ�यो�गक तथा �यावसा�यक उ�दे�य� क� प�ूत � के �लए
�योग होत ेह�। • ये बहुत ह� महंगे होत ेह�। • इनके उदाहरण ह� – कोयला,
पे�ोल , डीजल, क�चा तले आ�द।
अ�य ऊजा� (नवीकरणीय ऊजा�) ऊजा� �ोत �या ह�? • अ�य ऊजा�, िजसे
‘नवीकरणीय ऊजा�’ के नाम से भी जाना जाता है, वा�तव म� ऐसी ऊजा� है
िजसके �ोत सयू�, जल, पवन, �वार-भाटा, भ-ूताप आ�द ह� और ये �ोत
�दषूणकारक नह�ं होत।े इनका कभी �य भी नह�ं होता। �कृ�त �द� सौर ऊजा�,
पवन ऊजा�, जल-�व�यतु ऊजा�, �वार-भाटे से �ा�त ऊजा�, बायोमास, जवै
◌�इंधन इ�या�द अ�य ऊजा� के मह�वपणू� उदाहरण ह�।
�व�लेषण : • आध�ुनकता क� ओर तजेी से बढ़ती द�ुनया के �लए ऊजा� के
परंपरागत �ोत� और ससंाधन� का उपयोग करना ज�र� भी है। ऐसे म� सवाल उठता
है �क अगर आने वाले समय म� परंपरागत ऊजा� के �ोत समा�त हो गए तो हम
�या कर�गे? आने वाले व�त क� इसी सम�या के म�देनजर अब ऊजा� के ऐसे गरै
परंपरागत �ोत� क� खोज करना बेहद ज�र� हो गया है िजनका�य भी न हो और वे
�दषूणकारक भी न ह�। • हमारे पास अ�य ऊजा� के इन �व�वध �ोत� का अपार
भडंार है और �कसी भी रा�� को �वक�सत बनाने के �लए इन �दषूणर�हत �ोत�
का सम�ुचत उपयोग �कए जाने क� आव�यकता भी है। यह�
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कारण है �क भारत सरकार ने वष� 2004 म� अ�य ऊजा� के �वकास को लेकर
जाग�कता अ�भयान चलाने के उ�दे�य से अ�य ऊजा� �दवस क� श�ुआत क� थी।
• आज देश म� ऊजा� क� मांग और आप�ूत� के बीच अतंर तजेी से बढ़ रहा
है। रा���य पावर पोट�ल के अनसुार वत�मान म� देश म� साढ़े तीन लाख
मेगावाट से भी अ�धक �बजल� का उ�पादन �कया जा रहा है ले�कन यह भी हमार�
कुल मांग से कर�ब ढाई फ�सद कम है। अ�य ऊजा� �ोत� के उपयोग को बढ़ावा
देने से हमार� ऊजा� क� मांग एवं आप�ूत� के बीच का अतंर भी ख�म हो
जाएगा और इससे ��य�-अ��य� �प से सामािजक जीवन �तर म� भी सधुार
होगा।
• अ�य ऊजा� उ�पादन क� देशभर म� कई छोट�-छोट� इकाइयां ह� िज�ह� एक
��ड म� लाना बेहद चनुौतीभरा काम है। इससे �बजल� क� गणुव�ा �भा�वत होती
है।
• भारत म� अपार मा�ा म� जवैीय पदाथ�, सौर ऊजा�, पवन ऊजा�, बायोगसै
व लघ ुपन�बजल� उ�पादक �ोत ह� ले�कन इनसे ऊजा� उ�पादन करने वाले उपकरण�
का �नमा�ण देश म� नह�ं के बराबर होता है।
• अभी तक ऐसे अ�धकांश उपकरण आयात �कए जात ेह�। �वगत तीन वष� म� सौर
ऊजा� के �लए ह� कर�ब न�बे फ�सद उपकरण आयात �कए गए। इससे �बजल� उ�पादन
क� लागत काफ� बढ़ जाती है, िजसका सीधा-सीधा असर देश क� अथ��यव�था पर भी
पड़ता है। इस�लए बेहद ज�र� है �क देश के भीतर ह� इन उपकरण� के �नमा�ण
के �लए अपे��त कदम उठाए जाएं।
20वीं ऊजा� सांि�यक� �रपोट� : • भारत सरकार के सांि�यक� और काय��म
��या�वयन म�ंालय �वारा �का�शत बीसवीं ऊजा� सांि�यक� �रपोट� के अनसुार
वष� 2011-12 से 2016-17 के बीच ��त �यि�त ऊजा� क� खपत 3.54 फ�सद बढ़ गई
है। आकंड़� पर नजर डाल� तो वष� 2005-06 से 2018-19 के दौरान ��त �यि�त
�बजल� उपभोग म� कर�ब दो गुना व�ृ�ध दज� क� गई है।
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• क� ��य �व�यतु �ा�धकरण क� अ�लै 2019 क� �रपोट� के अनसुार देश म�
��त �यि�त ��त वष� 1181 �कलोवाट �बजल� का उपभोग �कया जाता है। इसका एक
अहम कारण देश म� तजेी से बढ़ती जनस�ंया भी है। �वशषेकर �बजल� और �धन के
�प म� उपभोग क� जा रह� ऊजा� क� मांग घरेल ूव कृ�ष �े� के अलावा
औ�यो�गक �े�� म� भी लगातार बढ़ रह� है।
• औ�यो�गक �े�� म� ह� �बजल� और पे�ो�लयम जसेै ऊजा� के मह�वपणू�
�ोत� का कर�ब 58 फ�सद उपभोग �कया जाता है। इसके अलावा कृ�ष �े� और
घरेल ूकाय� म� भी ऊजा� क� मांग और खपत �पछले कुछ वष� म� काफ� बढ़�
है।
चनुौ�तयाँ : • हम िजस �बजल� से अपने घर�, दकुान� या द�तर� को रोशन
करत ेह�, िजस �बजल� या पे�ो�लयम इ�या�द ऊजा� के अ�य �ोत� का इ�तमेाल
कर खेती-बाड़ी या उ�योग-धंध� के ज�रए देश को �वकास के पथ पर अ�सर �कया
जाता है, �या हमने कभी सोचा है �क वह �बजल� या ऊजा� के अ�य �ोत हम�
�कतनी बड़ी क�मत पर हा�सल होत ेह�? यह क�मत न �सफ� आ�थ�क बि�क
पया�वरणीय �ि�ट से भी धरती पर �व�यमान हर �ाणी पर बहुत भार� पड़ती
है।
• भारत म� थम�ल पावर �टेशन� म� �बजल� पदैा करने के �लए कोयला, सौर
ताप, ना�भक�य ताप, कचरे और बायो ◌�इंधन का उपयोग �कया जाता है। ले�कन
अ�धकांश �बजल� कोयले के इ�तमेाल से ह� पदैा होती है। ताप �बजल� घर� म�
भाप पदैा करने के �लए कोयला जलाने से पया�वरण को भार� नकुसान पहंुचता
है �य��क इस ���या म� �नकलने वाल� हा�नकारक गैस� हवा म� �मल कर
पया�वरण को बरु� तरह �द�ूषत करती ह�, साथ ह� कोयला या अप�श�ट जलाने के
बाद बचने वाले अवशषे� के �नबटारे क� भी बड़ी चनुौती बनी रहती है।
• साव�ज�नक �े� के सवा सौ से भी अ�धक थम�ल पावर �टेशन� म� ��त�दन
कर�ब 18.17 लाख टन कोयले क� खपत होती है।
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• अमे�रका के व�ड� �रसोस�ज इं�ट��यटू के एक शोध के अनसुार वष� 2005
से 2013 के बीच भारत म� 25.54 अरब टन काब�न डाइआ◌ॅ�साइड का उ�सज�न हुआ
और उस दौरान उसम� ��तवष� साढ़े पांच फ�सद क� व�ृ�ध भी होती रह�।
• एक अ�य �रपोट� के अनसुार भारत म� 2005 से 2013 के बीच कुल काब�न
उ�सज�न म� 68 फ�सद क� �मखु वजह ऊजा� �े� ह� रहा। यहां उ�लेखनीय त�य यह
है �क ऊजा� �े� म� सतह�र फ�सद काब�न उ�सज�न �बजल� उ�पादन से ह� होता
है। इ�ह�ं पया�वरणीय खतर� को देखत ेहुए �बजल� पदैा करने के �लए
द�ुनयाभर म� अब सौर ऊजा� तथा पवन ऊजा� जसेै अ�य ऊजा� के अ�य �ोत� को
�वशषे मह�व �दया जाने लगा है।
अ�य ऊजा� उ�पादन म� अ�णी देश : • आईसल�ड आज द�ुनया का एकमा� ऐसा
देश बन चकुा है जहां अ�य ऊजा� से ह� सौ फ�सद �बजल� पदैा क� जा रह� है।
इसके अलावा �वीडन, जम�नी, ��टेन, को�टा�रका, �नकरागआु, उ��वे इ�या�द
देश भी आगामी दो वष� के भीतर अ�य ऊजा� से ह� सौ फ�सद �बजल� उ�पादन के
ल�य के साथ आगे बढ़ रहे ह�।
• यरूोपीय संघ और अमे�रका भी कोयले से �बजल� बनाने वाले अ�धकांश
�बजल� सयं�ं� को बंद करने का फैसला कर चकेु ह�। ��टेन म� कोयले से
चलने वाले जो �गने-चनेु �बजल�घर बचे ह� और उ�ह� भी 2025 तक बदं कर �दए
जाने क� उ�मीद है।
�न�कष� : • भारत द�ुनया का एकमा� ऐसा देश है जहां अ�य ऊजा� के
�वकास के �लए अलग म�ंालय ग�ठत है और ‘रा���य पवन-सौर �व�छता
नी�त-2018’ के अनसुार पवन-सौर ऊजा� उ�पादन के वत�मान ल�य अ�सी गीगावाट
को वष� 2022 तक दोगनेु से भी �यादा यानी 225 गीगावाट तक पहंुचाने का
ल�य है। आज समय है आ�थ�क बदहाल� औरै भार� पया�वरणीय �वनाश क� क�मत पर
ताप, जल व परमाण ुऊजा� जसेै पारंप�रक ऊजा� �ोत� के बजाय अपे�या बेहद
स�त ेऔर
-
काब�न र�हत पया�वरण �हतषैी ऊजा� �ोत� के �यापक �तर पर �वकास के �लए
तजेी से काम हो ले�कन साथ ह� हम� ऊजा� क� बचत क� आदत� भी अपनानी
ह�गी।
मह�वपणू� त�य :
नोट : रा���य पहल ‘�न� ठा’ के बारे म� जानकार� के �लए 21 अग�त का
PIB �व�लेषण देख�।
1. �नलाकल (�नल�कल) बेस क� प : • सबर�माला के आधार पर पंबा नद� से
लगभग 20 �कमी दरू �नल�कल म� अय�पा तीथ�या��य� के �लए एक पणू� आधार
�श�वर �था�पत करने क� योजना बनाई जा रह� है।
• बेस क� प आगामी मडंलम-मकर�वल�कू (Mandalam-Makaravilakku ) सीजन
को देखत ेहुए �था�पत �कया जाएगा।
• 15,000 लोग� को समायोिजत करने के �लए मौजदूा स�ुवधा के अलावा
�नल�कल म� 20,000 लोग� के �लए ‘वीर�’ (�रटाय�रगं क� स�ुवधा), �दान क�
जाएगी।
• एक �दन म� 10,000 �म�लयन ल�टर क� कुल �मता वाले तीन सीवेज ��टम�ट
�लांट भी लगाए जाएंगे।
• वन �वभाग और �ावणकोर देवा�वोम बोड� (TDB) के सहयोग से राज�व
�वभाग के एक सव��ण ने ट�डीबी को सबर�माला म� 94.428 एकड़ जमीन आवं�टत
क� थी।
• हालां�क, वन �वभाग ने आप�� जतात ेहुए दावा �कया �क TDB के पास
केवल 63 एकड़ जमीन थी।
2. �त�र वे��ला (Tirur Vettila) :
-
• केरल का एक उ�पाद, �त�र वे��ला (सपुार�), को भौगो�लक संकेत (GI)
टैग �दया गया है। • यह �त�र और मल�परुम िजले के आस-पास के �े�� म�
उगाया जाता है। • ताजा प��य� म� �लोरो�फल और �ोट�न क� उ�च सां�ता के
कारण यह अ��वतीय है। • यिुजनॉल (Eugenol) �त�र सपुार� म� �मखु आव�यक
तले है जो इसक� ती�णता म� योगदान देता है।
3. काड� के �लए ई-जनादेश : • भारतीय �रजव� ब�क (RBI) ने आवत�
लेनदेन के �लए काड� पर ई-जनादेश के �स�ंकरण क� अनमु�त देने का �नण�य
�लया है।
• यह पजंीकरण के दौरान एक अ�त�र�त कारक �माणीकरण (AFA) के साथ �कया
जाएगा।
• ई-जनादेश-आधा�रत आवत� लेनदेन �ृंखला म� पहले लेनदेन को संसा�धत
करत ेसमय, AFA स�यापन �कया जाएगा।
• य�द ई-जनादेश के पंजीकरण के साथ-साथ पहला लेनदेन �कया जा रहा है,
तो इसके साथ AFA स�यापन �कया जा सकता है। • यह सभी �कार के काड�,
ड�ेबट और �े�डट काड� और �ीपेड पेम�ट इं��म��स का उपयोग करत ेहुए �कए
गए लेनदेन के �लए लाग ूहोगा।
• इस तरह के लेनदेन के �लए अ�धकतम सीमा 2,000 �पये होगी।
4. 1 लाख �पये का ई-�ै�टर : • स��ल मकेै�नकल इंजी�नय�रगं �रसच�
इं�ट��यटू (CMERI) ने कहा �क वह एक छोटा इले��ॉ�नक �ै�टर �वक�सत कर
रहा है, िजसक� क�मत 1 लाख के आसपास होगी और भारतीय बाजार म� यह सबसे
स�ता ई-�ै�टर होगा।
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• यह अपनी पि�चम बंगाल ि�थत स�ुवधा क� � म� अगले एक वष� के भीतर
पहला पर��ण करने का ल�य बना रहा है।
• यह कम वजन वाला उ�पाद होगा, जो छोटे भ�ूम पास�ल वाले �कसान� के
�लए उ�म होगा।
• CMERI व�ैा�नक और औ�यो�गक अनसुधंान प�रषद (CSIR) सं�थान है। 5.
ग�ु र�वदास मं�दर : • गु� र�वदास का ज�म 15वीं शता�द� म� वाराणसी म�
हुआ था।
• वह एक समाज सधुारक के �प म� भि�त आदंोलन का �ह�सा थे जो व�ंचत
वग� के सशि�तकरण के �लए खड़ ेथे।
• 16वीं शता�द� क� श�ुआत म� ग�ु र�वदास के अनयुायी, �सकंदर लोधी ने
�द�ल� म� एक म�ंदर बनाने के �लए जमीन द� थी।
• 1959 म�, क� ��य मं�ी जगजीवन राम ने इसक� नींव रखी।
• स�ुीम कोट� के एक आदेश के बाद �द�ल� �वकास �ा�धकरण �वारा इस
मह�ने क� श�ुआत म� मं�दर को �व�त कर �दया गया था।
• हाल ह� म�, तगुलकाबाद वन �े� म� गु� र�वदास मं�दर के �व�वसं के
�खलाफ द�लत सगंठन� �वारा �कया गया �वरोध �दश�न द��ण-पवू� �द�ल� म�
�हसंक हो गया है।
• 50 से अ�धक �दश�नका�रय� को प�ुलस ने �हरासत म� �लया है।
• �दश�नकार� उसी �थान पर मं�दर के पनु�न�मा�ण क� मांग कर रहे ह�
जहां यह �व�वंस से पहले था।
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6. आयधु �नमा�णी बोड� (OFB) : • आयधु �नमा�णी बोड� र�ा उ�पादन
�वभाग के अतंग�त (OFB) काय� करता है।
• आयधु कारखाने आ�म�नभ�रता के �ाथ�मक उ�दे�य के साथ र�ा हाड�वेयर
और उपकरण� के �वदेशी उ�पादन के �लए एक एक�कृत आधार बनात ेह�। • इसका
म�ुयालय कोलकाता म� है। • इसक� 41 फैि��यां देश भर म� फैल� हुई
ह�।
• OFB के हर फैसले और कार�वाई को कै�बनेट क� मंजरू� क� ज�रत होती
है।
• दसूर� ओर, �डफ� स पि�लक से�टर अडंरटे�कं�स (DPSU) म� इस तरह क�
बाधा नह�ं है और वे �ौ�यो�गक� �वकास और अ�य चीज� के �लए संय�ुत उ�यम
और साझदेार� �था�पत कर रहे ह�।
• र�ा मं�ालय के र�ा उ�पादन �वभाग के �शास�नक �नय�ंण म� नौ क� ��य
साव�ज�नक �े� के उप�म ह�- 1. �हदं�ुतान एयरोनॉ�ट�स �ल�मटेड 2. भारत
इले��ॉ�न�स �ल�मटेड 3. भारत डायने�म�स �ल�मटेड 4. भारत अथ� मवूस�
�ल�मटेड 5. �म�ा धात ू�नगम �ल�मटेड 6. मझगांव डॉक �शप�ब�डस� �ल�मटेड
7. गाड�न र�च �शप�ब�डस� एंड इंजी�नयस� �ल�मटेड 8. गोवा �शपयाड�
�ल�मटेड 9. �हदं�ुतान �शपयाड� �ल�मटेड
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• सेना के इंड�ट और ��य� बजट�य समथ�न दोन� से OFB का कुल समथ�न
लगभग 6,500 करोड़ �पये है।
• सरकार आयधु �नमा�णी बोड� (OFB) के कारपोरेट�करण के पहलओु ंक�
जांच करने और तौर-तर�क� क� �परेखा तयैार करने के �लए एक उ�च-�तर�य
स�म�त बनाने के �लए �वचार कर रह� है।
• कम�चा�रय� क� ऐसी आशंकाएँ ह� �क OFB का �नजीकरण करने का �यास
�कया जा रहा है।
UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न :
��न 1. भारत के �श�ा �े� म� �न�ठा (NISHTHA) काय��म का �या मह�व
है? a) यह �कूल� म� खेल �श�ा को बढ़ावा देने के �लए एक योजना है। b)
स�ंथागत ब��कंग �णाल� के तहत ��येक छा� को भारतीय �व�व�व�यालय� म�
लाने के �लए एक �व�ीय समावेश काय��म है। c) यह जनजातीय मामल� के
मं�ालय �वारा भारत भर म� दगु�म आ�दवासी बि�तय� के ब�च� को �श��त करने
के �लए एक पहल है। d) यह देश भर के �ाथ�मक और म�ुय सरकार� �कूल� के 42
लाख से अ�धक �श�क� और �ाचाय� को ��श��त करने क� पहल है।
उ�र : d �प�ट�करण : यह देश भर के �ाथ�मक और म�ुय सरकार� �कूल� के
42 लाख से अ�धक �श�क� और �ाचाय� को ��श��त करने क� पहल है।
��न 2. गु� र�वदास के संदभ� म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1.
ग�ु र�वदास का ज�म 6वीं शता�द� म� वत�मान त�मलनाडु म� हुआ था।
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2. वह एक समाज सधुारक और भि�त आदंोलन का �ह�सा थे।
�दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? a) केवल 1 b) केवल 2 c) 1
और 2 दोन� d) न तो 1 और न ह� 2
उ�र : b �प�ट�करण : गु� र�वदास का ज�म 15वीं शता�द� म� वाराणसी म�
हुआ था। ��न 3. �ीनल�ड के संदभ� म�, �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1.
�ीनल�ड द�ुनया का सबसे बड़ा �वीप है। 2. यह यनूाइटेड �कंगडम का एक
�वाय� �े� है। 3. �वीप पर एक अमे�रक� स�ैय अ�डा है।
�दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? a) केवल 1 b) केवल 2 c)
केवल 1 और 3 d) 1 और 2 ह�
उ�र : c �प�ट�करण : �ीनल�ड डनेमाक� का एक �वाय� �े� है।
��न 4. गुजरात म� क�छ �े� के बारे म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�।
1. क�छ भारत का सबसे बड़ा िजला है। 2. रण उ�सव इस �े� म� आयोिजत होने
वाला एक वा�ष�क उ�सव है।
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3. घड़ुखर अभयार�य (Indian Wild Ass Sanctuary) क�छ �े� म� ि�थत
है।
�दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? a) केवल 2 b) 1 और 2 ह� c)
केवल 1 और 3 d) 1, 2 और 3 ह�
उ�र : d �प�ट�करण : तीन� कथन सह� ह�। UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास
��न :
��न 1. कुछ रा�य� को �दए गए �वशषे दज� ने जातीय समहू� क� अलगाववाद�
मांग� को कम करने म� मदद क� है। आलोचना�मक �व�लेषण कर�। (250 श�द, 15
अकं)
��न 2. UNSC म� �थायी सीट हा�सल करने क� भारत क� संभावनाएं �या ह�?
भारत के प� म� UNSC सधुार� म� तजेी लाने के उपाय सझुाइए। (250 श�द, 15
अकं)