-
समसाम यक से जुड़ - डेल करंट कै सूल 15 अ ैल 2019
भारतीय रा य आंदोलन
ज लयाँवाला बाग ह याकांड के 100 साल
ासं गकता - ारं भक पर ा (ज लयाँवाला बाग ह याकांड के बारे म) + मु
य पर ा (जीएस I भारतीय रा य आंदोलन) खबर या है
वष 2019 म ज लयाँवाला बाग ह याकांड के 100 साल पूरे हु ए, 13 अ ैल,
1919 को अमृतसर ह याकांड के नाम से भी जाना जाता है।
13 अ ैल, 1919 क भयंकर ( ाणहर) दोपहर म, कनल रेिजना ड डायर क कमान
म टश भारतीय सेना क टुक ड़य ने पंजाब के अमृतसर म, ज लयांवाला बाग म इक
ा हु ए भारतीय नाग रक क भीड़ पर बेरहमी से गोल बार क थी। इस ह याकांड
को भारतीय इ तहास के सबसे घातक हमल म से एक के प म याद कया जाता
है।
-
ज लयाँवाला बाग ह याकांड के बारे म जान
ज लयाँवाला बाग ह याकांड, 1919 के अराजक और ां तकार अपराध अ ध नयम
का प रणाम था, िजसे रोलेट ए ट के नाम से जाना जाता है।
ह याकांड से एक मह ने पहले यह अ ध नयम लाग ूहुआ। इससे अ धकांश
भारतीय को झटका लगा, िज हे थम व व यु म अं ेज के साथ वे छा से लड़ने के
लए, द ड नह ं, बि क पुर कृत होने क उ मीद थी।
इस अ ध नयम ने राजनै तक मामल को बना मुकदमे के,सं द ध को कैद म
डालने क अनुम त द । इस अ ध नयम के प रणाम व प पूरे देश म उ वरोध दशन
हु ए।
गांधी जी ने रौलट ए ट के खलाफ एक अ भयान शु कया। हंसक वरोध दशन हु
ए िजसके प रणाम व प टाउन हॉल और रेलवे टेशन को जला दया गया, टेल ाफ और
संचार णाल का वघटन हुआ।
इन वरोध दशन के तहत, 13 अ ैल, 1919 को पंजाब के अमृतसर म ज
लयांवाला बाग म हजार लोग एक त हु ए थे। वे सभी नाग रक दो रा य नेताओ,ं
स य पाल और सैफु ीन कचल ूक गर तार और नवासन क शां तपूण वरोध दशन वारा
नंदा करने के लए एक त हु ए थे।
वह दन सख योहार बैसाखी का दन भी था और कई ामीण भी इस बाग म एक त हु
ए थे। कनल रेिजना ड डायर क कमान के तहत, टश भारतीय सेना के 50 से अ धक
सै नक ने भीड़ पर राइफल
दागनी शु कर द ।ं बाग़ के संक ण रा त ेबंद कर दये गए थे ; वहा
ंमौजूद कोई भी इस अमानवीय कृ य से बच नह ं पाया। इसम
1200 से अ धक घायल हु ए और 350 से अ धक लोग मारे गए। उनम से कुछ
लोग गो लय वारा मरने से बचने के लए बाग़ के कुएं म कूद गए थे।
टश सरकार के रकॉड के अनुसार, इस ह याकांड म 379 लोग क मृ य ुहु ई
और 1200 लोग घायल हु ए। हालां क, भारतीय रा कां ेस के अनुसार, लगभग
1000 लोग क मृ य ुहु ई और 1500 लोग घायल हु ए।
इस ह याकांड के बाद, हंटर आयोग को इस मामले क जांच के लए नयु त कया
गया था। 1920 म आयोग ने अपने काय के लए डायर को दोषी ठहराया। उसे उसक
कमान से हटा दया गया और वह समय से पहले सेना से सेवा नवृ त हो
गया।
उधम संह, जो एक पंजाबी ां तकार थे, उ ह ने ज लयांवाला बाग ह याकांड
का बदला लेने के लए लंदन म पंजाब के पूव लेि टनट गवनर माइकल ओ ' वायर
क 13 माच, 1940 को ह या कर द । बाद म उ ह जुलाई 1940 म दोषी ठहराया
गया और फांसी दे द गई।
िजसके बाद बंगाल क व और नोबेल पुर कार वजेता, रवीं नाथ टैगोर ने
1915 म ा त नाइटहु ड (नाइट क पदवी) क उपा ध को याग दया था।
इस ह याकांड ने भारत को टश शासन से मु त करने के लए महा मा गांधी
के अधीन एक नए व ोह और मुि त के संघष क शु आत क ।
रा य संबंधी व शषट् बंगाल सरकार को 2 प रयोजनाओ ंके लए संयु त रा
पुर कार मला उ कष बंगला 'और' सबूज साथी ' ासं गकता - ारं भक पर ा
(योजना के बारे म)
-
खबर या है
बंगाल सरकार ने उ कष बां ला और सबूज साथी प रयोजनाओ ंके लए संयु त
रा के व व शखर स मेलन म सूचना सोसाइट (ड यूएसआईएस) पुर कार ा त कया
है।
योजनाओ ंके बारे म जान
उ कष बां ला और सबूज साथी प रयोजनाएं युवाओ ंके लए ह - उ कष बां ला
के तहत हर साल 6 लाख युवाओ ंके लए रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लए कौशल
वकास श ण और सबूज साथी के तहत नौवीं से बारहवी ंक ा के कूल छा को
पयावरण के अनुकूल साइ कल का वतरण शा मल है।
बंगाल सरकार ने इस प रयोजना क शु आत के बाद से लगभग 1 करोड़ साइ कल
वत रत क ह। उ कष बां ला प रयोजना को सव च पुर कार मला है और यह मता
नमाण ेणी म एक वजेता के प म
उभर है और सबूज साथी प रयोजना को आईसीट आवेदन: ई-गवनमट ेणी: के तहत
पहले पांच म एक च पयन प रयोजना के प म थान दया गया है।
उ कष बां ला
उ कष बां ला योजना का उ े य कूल छोड़ने वाल को यावसा यक श ण दान
करना है। इस योजना के लाभा थय को ाइ व ंग, टेल रंग, टेल वजन क मर मत
और अ य इले ॉ नक उपकरण, यूट शयन पा य म आ द का श ण दया जाएगा।
सबूज साथी
सबूज साथी, पि चम बंगाल सरकार क एक योजना है, जो सरकार कूल म पढ़ने
वाले नौवीं से बारहवी ंक ा के छा को तथा सरकार सहायता ा त कूल तथा
मदरस म साइ कल वत रत करती है। यह योजना सतंबर 2015 म शु क गई थी।
सूचना सोसायट पुर कार पर व व शखर स मेलन
सूचना सोसाइट (ड यूएसआईएस) पुर कार पर व व शखर स मेलन का आयोजन ड
यूएसआईएस के हतधारक के अनुरोध के अनुसार कया गया था, ता क वकास उ मुख
रणनी तय को लाग ूकरने म उ कृ ट सफलता के लए यि तय , सरकार , नाग रक
समाज, थानीय, े ीय और अंतररा य एज सय , अनुसंधान सं थान और नजी े क
कंप नय का मू यांकन और पहचान करने के लए एक भावी तं बनाया जा सके, जो
वकास के एक वतक के प म आईसीट क शि त का लाभ उठाते ह।
ड यूएसआईएस एक वैि वक बहु- हतधारक लेटफॉम है जो सतत वकास को आगे
बढ़ाने के लए ड यूएसआईएस ए शन लाइ स के काया वयन क सु वधा दान करता
है।
इस शखर स मेलन का आयोजन आईट य,ू यूने को, यूएनडीपी और यूएनसीट एडी
वारा संयु त रा के अ य संगठन के साथ मलकर कया गया है।
-
बाँस का चावल चार दशक बाद, ओ डशा म बांस के चावल दखाई दए ह एक दुलभ
क म, िजसे 1979 म चंदक-दंपारा व यजीव अभयार य म अं तम बार काटा गया
था, यह एक सद म दो या तीन बार उगता है
ासं गकता - ारं भक पर ा (बांस के चावल के बारे म) बांस चावल के
बारे म जान
एक सद म केवल दो या तीन बार उगने वाले बांस के चावल को अब काटा जा
रहा है। कटक िजले के चंदका-ड परा व यजीव अभयार य के वार वनवा सय के लए
चावल लेने और इक ा करने के
लए खोले गए ह, य क अ यथा इस पर चूहे हमला कर दगे। मुरझाए हु ए बाँस
क टहनी से यह दुलभ चावल नकलता है। “जब भी बांस खलता है, चूहे क आबाद
बढ़ जाती
है। चूह को चावल खाने से रोकने के लए, हम थानीय ामीण और वनवा सय को
बाँस के चावल इक ा करने क
अनुम त देत ेह। इसके अलावा, यह चावल जंगल के आसपास रहने वाले ामीण
के लए आय और भोजन का एक बड़ा ोत बन जाता है
-
यह कार, धान के चावल क तरह लगता है और गेहू ँक तरह वाद देता है।
ऐसा माना जाता है क अ य कार क तुलना म इसम लाइसे मक इंडे स कम होता है
और यह अ छा होता है
पयावरण संर ण स ल मर न फशर ज रसच इं ट यूट (सीएमएफआरआई) और भारतीय
अंत र अनुसंधान संगठन ( इसरो) ने आ भू म संर ण पर समझौता कया ासं गकता
- ारं भक पर ा (समझौत ेके बारे म) + मु य पर ा (जीएस III पयावरण संर
ण) खबर या है
क य मर न फशर ज रसच इं ट यूट (सीएमएफआरआई) और भारतीय अंत र
अनुसंधान सगंठन (इसरो) ने तट य े म छोटे वेटल स के मान च ण, स यापन और
संर ण और तट य आजी वका काय म के मा यम से उ ह पुन था पत करने के लए एक
समझौता ापन पर ह ता र कए ह।
छोट झील (जो 2.25 हे टेयर से छोटे थे), देश भर म 5 लाख हे टेयर से
अ धक े को कवर करती ह, अकेले केरल म 2,592 ऐसी झील ह।
समझौत ेके बारे म अ धक जान
समझौता ापन के अनुसार, देश म 2.25 हे टेयर से छोट झील के पूण
डेटाबेस के साथ एक मोबाइल ऐप और एक क कृत वेब पोटल वक सत कए
जाएंगे।
दोन सं थान झील क पहचान करगे और सीमांकन करगे और तट य आजी वका जैसे
उपयु त आजी वका वक प के मा यम से प तत लोग को बहाल करगे।
इस मोबाइल ऐप का उपयोग झील क वा त वक समय क नगरानी और हतधारक और तट
य लोग को सलाह देने के लए कया जाएगा।
यह सहयोग हाल ह म जलवाय ुसमु थानशील कृ ष (एनआईसीआरए) म नेशनल
इनोवेशन के तहत वक सत क गई फशर ज और झील के रा य ढांचे का ह सा
है।
इस समझौत ेके अनुसार, रा य वेटल (झील) एटलस जो पहले से ह इसरो के
अंत र अनु योग क वारा वक सत कया गया है, िजसे सीएमएफआरआई वारा दान क
जाने वाल झील के भौ तक, रासाय नक और जै वक मापदंड के वा त वक समय के
आंकड़ के साथ अ यतन कया जाएगा।
यह सहयोग एक यापक वेटलड (झील) सूचना णाल वक सत करने म सहायता
करेगा, जो वै ा नक समुदाय वारा थानीय लोग को झील के बारे म ामीण तर क
जानकार क सु वधा दान कर सके।
जलवाय ुसमु थानशील कृ ष (एनआईसीआरए) म रा य नवाचार का उ े य समु
मछल पालन और तट य े पर जलवाय ुप रवतन के भाव को कम करने के तर क और
साधन को खोजना है।
-
ारं भक पर ा अ यास न
ज लयांवाला बाग ह याका ड के संबंध म न न ल खत कथन पर वचार कर 1. ज
लयांवाला बाग ह याका ड 1919 के अराजक और ां तकार अपराध अ ध नयम का प
रणाम था, िजसे रोलेट ए ट के नाम से जाना जाता है। 2. इस अ ध नयम ने
राजनै तक मामल को बना मुकदमे के,सं द ध को कैद म डालने क अनुम त द ।
3. इस ह याका ड के बाद, हंटर कमीशन को इस मामले क जांच के लए नयु त
कया गया था। 1920 म आयोग ने डायर को अपराधमु त कर दया। 4. बंगाल क व
और नोबेल पुर कार वजेता, रवीं नाथ टैगोर ने 1915 म ा त नाइटहु ड (नाइट
क पदवी) क उपा ध को याग दया था। नीचे दए गए वक प से सह कथन ात क िजए
a. 1 2 और 4 b. 3 और 4 c. 1 2 3 और 4 d. उपयु त म से कोई नह ं बांस के
चावल के संबंध म न न ल खत कथन पर वचार कर 1. 1979 म चंदक-दंपारा व
यजीव अभयार य म बाँस के चावल क दुलभ क म क कटाई क गई , जो एक सद म दो
या तीन बार उगता है 2. यह चंडक-दंपारा व यजीव अभयार य पि चम बंगाल म ि
थत है नीचे दए गए वक प से सह कथन ात क िजए a. केवल 1 b. केवल 2 c.
उपयु त म से कोई नह ं d. उपयु त दोन
सीखत ेरह आगे बढ़त ेरह
ट म सीएल आईएएस