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डेली यूज़ (04 Nov,
2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/04-11-2019/print
यूने को का रचना मक शहर का नेटवक
ी ल सी ल स केके लयेलये:यूने को का रचना मक शहर का नेटवक, व ड
■सटीज़ डे 2019, यूने को
मे समे स केके लयेलये:शहरीकरण, पयटन, रचना मक िवकास से संबंधत मु
े
चचाचचा मम यय ?व ड ■सटीज़ डे (31 अ ू बर, 2019) के अवसर पर यूने
कोयूने को नेने भारतभारत केके मुबंईमुबंई तथातथा हदैराबादहदैराबाद
समेत िव के 66 शहर कोरचना मकरचना मक शहरशहर केके नेटवकनेटवक मम
शािमलशािमल िकया ह।ै
मुखमुख बदुबद:ुमुबंईमुबंई कोको ि एिटवि एिटव ■सटी■सटी ऑफऑफ िफ सिफ
स (Creative City of Films) तथा हदैराबादहदैराबाद कोको ि एिटवि एिटव
■सटी■सटी ऑफऑफगै टोनॉमीगै टोनॉमी (पाक कला) (Creative City of
Gastronomy) के प म नािमत िकया गया ह।ै
इससे पूव भारत के चे ईचे ई और वाराणसीवाराणसी को यूने कोयूने को
केके संगीतसंगीत शहरशहर म शािमल िकया गया ह,ै जबिक जयपुरजयपुरको श पश
प तथातथा लोककलालोककला के शहर के प म शािमल िकया गया ह।ै
नेटवक म शािमल शहर अपनी सव म थाओं और सां कृतक गतिवधय म सावजिनक
तथा िनजी े के साथ-साथ नाग रक समाज को शािमल करने हेतु साझेदारी
िवक■सत करने के लये तब होते ह।
व डव ड ■सटीज़■सटीज़ डेडे 2019 (World Cities Day 2019):संयु रा
महासभा ने 31 अ ू बर को िविव शहरशहर िदवसिदवस के प म नािमत िकया ह।ैव
ड ■सटीज़ डे 2019 का िवषय "दिुनयादिुनया कोको बदलनाबदलना: नवाचारनवाचार
औरऔर भिव यभिव य कक पीिढ़यपीिढ़य केके लयेलये बेहतरबेहतर जीवनजीवन"
ह।ै
यूने कोयूने को काका रचना मकरचना मक शहरशहर काका
नेटवकनेटवक1/19
https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/04-11-2019/printhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/us-israel-exits-unesco
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(UNESCO Creative Cities Network- UCCN):
UCCN को 2004 म उन शहर के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लये बनाया
गया था ■ज ह ने रचना मकता कोथायीथायी शहरीशहरी िवकासिवकास हेतु एक
रणनीतक कारक के प म पहचाना ह।ै
वतमान म 246 शहर िन न ल खत उ े य क िदशा म एक साथ काम कर रहे
ह:थानीय तर पर िवकास योजनाओं हेतु रचना मक और सां कृतक उ ोग को क म
रखना।
अंतरा ीय तर पर सि य प से सहयोग करना।UCCN का उ े य अभनव सोच और
कारवाई के मा यम से सतत्सतत् िवकासिवकास ल यल य
(SustainableDevelopment Goal) को ा करना ह।ैUCCN म संगीतसंगीत,
कलाकला, लोकश पलोकश प, डज़ाइनडज़ाइन, ■सनेमा■सनेमा, सािह यसािह य तथातथा
ड■जटलड■जटल कलाकला औरऔर पाककलापाककला जसेै सातरचना मक े शािमल ह।यूने
को के अनुसार, यह नेटवक उन शहर को एक साथ लाता ह ै■ज ह ने अपनी रचना
मकता के आधार पर िवकासिकया ह।ै
ोतोत : दद हदूहद ू(िबज़नेसिबज़नेस लाइनलाइन)
भारत म रोज़गार क थत
ी ल सी ल स केके लयेलये:संगिठत े , असंगिठत े , संिवदा मक
रोज़गार
मे समे स केके लयेलये:भारत म रोज़गार क थत, संगिठत े और संिवदा मक
रोज़गार के म य संबधं
चचाचचा मम यय ?एक हा लया अ ययन के अनुसार, वष 2004 से वष 2017 के म
य देश के कुल रोज़गार म मा 4.5 करोड़ क वृ हुई ह।ै
इस अ ययन से ात होता ह ैिक देश म रोज़गार म मा 0.8 तशत क ही वृ हुई
ह,ै वह दसूरी ओर देश क कुलजनसं या म होने वाली वृ इससे तकरीबन दोगुनी
ह।ैइस अ ययन क मु य िवशेषता यह ह ैिक इसम ‘बेरोज़गारी’ के थान पर
‘रोज़गार’ पर यान कि त िकया गया ह।ै
अ ययनअ ययन केके मु यमु य बदुबदु13 वष क अवध म रोज़गार म जो 4.5
करोड़ क वृ हुई ह,ै उसम से लगभग 4.2 करोड़ क बढ़ोतरी शहर म औरशेष ामीण े
म देखने को िमली ह।ै
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https://www.drishtiias.com/hindi/to-the-points/paper2/sustainable-development-goals-sdg
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आँकड़े बताते ह िक इस अवध म पु ष रोज़गार म तो 6 करोड़ क वृ हुई ह,ै
परतंु मिहला रोज़गार म 1.5 करोड़ किगरावट दज क गई।
जहाँ एक ओर वष 2004 म कुल 11.15 करोड़ मिहलाएँ कायरत थ , वह 13 वष
बाद मा 9.67 करोड़मिहलाएँ ही रोज़गार म कायरत पाई गई।ं
यात य ह ैिक भारत दिुनया के सबसे यवुा देश म से एक ह,ै परतंु अ ययन
म पाया गया िक यवुा रोज़गार वष 2004 म8.14 करोड़ से घटकर वष 2017 म 5.34
करोड़ हो गया। हालाँिक अ य सभी आय ुवग के रोज़गार म बढ़ोतरी देखनेको
िमली।अ ययन के अनुसार, देश म िनरतंर हो रहे कूली सुधार का काफ भाव पड़ा
ह ैऔर 14 वष से कम उ के ब केरोज़गार म वष 2004 के मुकाबले वष 2017 म
तकरीबन 82 तशत क कमी देखी गई ह।ैगौरतलब ह ैिक ाइमरी, सेकडरी से लेकर
पो ट ेजुएट और उससे भी उ श ा तक के अ य सभी वग के रोज़गारम बढ़ोतरी
देखने को िमली ह,ै परतंु अ ययन से ऐसा तीत होता ह ैिक तेज़ी से उभरती
भारतीय अथ यव था िनर रऔर अधूरी ाथिमक श ा वाले लोग को पीछे छोड़ रही
ह,ै य िक 13 वष क अवध म इस वग के लये रोज़गार20.08 करोड़ (वष 2004) से
घटकर 14.2 करोड़ (वष 2017) तक पहँुच गया।असंगिठत े क अपे ा संगिठत े म
रोज़गार दर म वृ काफ तेज़ रही। देश के कुल रोज़गार म संगिठत े किह सेदारी
वष 2004 के 8.9 फ सदी से बढ़कर 2017 म 14 फ सदी हो गई।अ ययन के अनुसार,
देश के असंगिठत े का भी िवकास हुआ ह।ै हालाँिक इसक िवकास दर अपे ाकृत
धीमी थी,परतंु अथ यव था म इसक कुल िह सेदारी वष 2004 म 37.1 तशत से
बढ़कर वष 2017 म 47.7 तशत होगई।सं ेप म आँकड़े दशाते ह िक जो लोग गरीब,
िनर र और अकुशल ह वे तेज़ी से अपनी नौक रयाँ खो रहे ह।
संगिठतसंगिठत ेेसंगिठत े म रोज़गार क शत िन त और िनयिमत होती ह तथा
कमचा रय को सुिन त काय व सामा■जक सुर ािमलती ह।ैइसे एक ऐसे े के प म
भी प रभािषत िकया जा सकता ह ैजो सरकार के साथ पंजीकृत होता ह ैऔर उस
पर कईअधिनयम लागू होते ह। गौरतलब ह ैिक कूल और अ पताल संगिठत े मे ही
आते ह।संगिठत े के िमक को रोज़गार सुर ा ा ह ैऔर उ ह कुछ िन त घटं के
लये ही काय करना होता ह।ै
असंगिठतअसंगिठत ेेअसंगिठत े म मु यतः व-िनयो■जत िमक , वेतनभोगी
मज़दरू और संगिठत े के उन कमचा रय को शािमलिकया जाता ह,ै जो
असंगिठतअसंगिठत िमकिमक सामा■जकसामा■जक सुर ासुर ा अधिनयमअधिनयम, 2008
क अनुसूची- II म उ े खत क याणकारीयोजनाओं से संबंधत िकसी अधिनयम के
तहत नह आते।
संगिठतसंगिठत ेे काका उदयउदय औरऔर संिवदा मकसंिवदा मक
रोज़गाररोज़गार
(Contractual Employment)
सामा यतः यह माना जाता ह ैिक संगिठत े म काय करने वाले लोग िकसी
िवशेष अनुबधं के तहत काय करते ह।रोज़गार अनुबधं के कारण ही रोज़गार सुर
ा, यूनतम मज़दरूी, समान काय के लये समान वेतन, सुर त काम करनेक थत आिद
का उठता ह।ै
यात य ह ैिक अनुबधं के अभाव म कोई भी कमचारी उचत सामा■जक याय क अपे
ा नह कर सकता।3/19
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गरै-अनुबधं वाले रोज़गार म वेतन क दर अपे ाकृत काफ कम होती ह ैऔर
शायद इसी लये असंगिठत े कमचा रयको िबना अनुबधं िकये ही रोज़गार दान
करता ह।ैहालाँिक NSSO के आँकड़े भारत म संगिठत े के एक पूणतः िवपरीत प
र य को दशत करते ह। आँकड़े बताते हिक बीते कुछ वष म देश का संगिठत े भी
िबना अनुबधं के िमक को रोज़गार दान कर रहा ह।ै वष 2011 से2017 के बीच
यह पटैन सबसे अधक देखने को िमला ह।ैअनुबधं से गरै-अनुबधं क यह थत भारत
क अथ यव था के लये िब कुल भी अ छी नह ह,ै य िक भारत अपनीअथ यव था को
और अधक औपचा रक बनाना चाहता ह ैपरतंु ऐसी थत म यह संभव नह ह।ै
संिवदा मकसंिवदा मक रोज़गाररोज़गारसंिवदा मक रोज़गार ऐसा रोज़गार ह
ै■जसम िकसी कमचारी को काम करने से पहले अनुबधं क शत पर ह ता र करने
औरउस पर अपनी सहमत य करने क आव यकता होती ह।ै
ोतोत- इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस
भारत-जमनी
ी ल सी ल स केके लयेलये:मुख समझौते और जमनी क भौगो लक थत
मे समे स केके लयेलये:भारत-जमनी संबधं के िवभ आयाम
चचाचचा मम यय ?हाल ही म जमनी क चांसलर एंजेला मकल ने भारत क या ा क
, साथ ही भारत के धानमं ी के साथ 5व भारत-जमन अंतरसरकारी परामश
(Inter-Governmental Consultation) क सह-अ य ता भी क ।
मह वपूणमह वपूण समझौतेसमझौते:वाता के दौरान भारत-जमनी के बीच 17
समझौत पर ह ता र िकये गए ह।
भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन और जमन एयरो पेस सटर (German
Aerospace Centre) के बीचसहयोग।नाग रक उ यन के े म सहयोग।अंतरा ीय माट
शहर के नेटवक के े म सहयोग।कौशल िवकास, यावसायक श ा और श ण के े म
सहयोग।टाट-अप के े म आथक सहयोग बढ़ाने पर समझौता।
कृिष बाज़ार िवकास के संबधं म ि प ीय सहयोग प रयोजना क शु
आत।4/19
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यावसायक रोग (Occupational Diseases), िद यांग यि य और उनके
पूनावासन (Re-habilitation) एवंयावसायक श ण के े म समझौता।
अंतदशीय, तटीय और समु ी ौ ोिगक म सहयोग के लए समझौता।वै ािनक और
तकनीक अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लये समझौता।आयवुद और योग के े
म अकादिमक सहयोग क थापना पर समझौता।भारत और जमनी के बीच उ श ा के े म
सहयोग (Cooperation) पर समझौता।उ श ा म भारत-जमन भागीदारी के िव तार
(Extension) पर समझौता।कृिष तकनीक और यावसायक श ण के े म सहयोग पर
समझौता।सतत् िवकास के ि या वयन पर समझौता।नेशनल यूिज़यम, नेशनल गलैरी
ऑफ मॉडन आट और इंडयन यूिज़यम कोलकाता तथा जमनी के सां कृतकसं थान के म
य समझौता।अ खल भारतीय फुटबॉल महासंघ और जमनी के फुटबॉल संघ के बीच
समझौता।भारत-जमनी वासन और गतशीलता साझेदारी समझौता ( Mobility
Partnership Agreement)।
भारतभारत-जमनीजमनी संबधंसंबधं केके मुखमुख आयामआयाम:आथकआथक
संबधंसंबधं:
वाता के बाद दोन देश ने संयु बयान जारी करते हुए कहा िक भारत-जमनी,
भारत और यूरोपीय-संघ के बीचमु - यापार संबधंी ठप पड़ी वाता को आगे
बढाएंगे।इसके अत र भारत-यूरोपीय संघ के बीच ि प ीय यापार और िनवेश
समझौते (BTIA) का भी यास िकयाजाएगा।जमनी भारत का एक मुख आथक भागीदार ह
ैजहाँ से भारत म िवभ व तुओं जसेै- गारम स,इले टॉिन स, मेटल गु स,
↓सथेिटक साम ी का यापार होता ह,ै साथ ही भारत म जमनी से बड़ी मा ा
म
य िवदेशी िनवेश आता ह।ैसंयुसंयु रारा सुर ासुर ा प रषदप रषद:
भारत और जमनी ने संयु रा सुर ा प रषद म थायी सद यता हेतु अपनी तब
ता य क ।ात य ह ैिक भारत और जमनी G-4 (भारत, जमनी, जापान, ाज़ील) देश
के संयु रा सुर ा प रषद कथायी सद यता के लये यासरत ह।
आतकंवादआतकंवाद:भारत और जमनी ने आतकंवाद एवं उ वाद से िनपटने के
लये ि प ीय, बहुप ीय सहयोग को और आगेबढ़ाने म एक-दसूर ेका समथन कर रहे
ह।दोन देश , फाइन■सयल ए शन टा क फोस (Financial Action Task Force-
FATF) क बठैक मसम वय और इनके आदेश के ि या वयन म सहयोग हेतु तब ता य
करते रहे ह।
कृिषकृिष:भारत-जमनी के बीच कृिष म मशीनीकरण और फसल कटाई बधंन जसेै
मु े पर सहायता से संबधंी समझौतेपर िवचार चल रहा ह,ै इसके अत र वष
2022 तक भारत म कृषक क आय दोगुना करने म भारत क हर-तरह से सहायता करने
क बात कही।
र ार ा:धानमं ी ने जमनी को उ र देश और तिमलनाडु म थत र ा ग लयार म
र ा उ पादन के े म अवसर
का लाभ उठाने के लये आमिं त िकया।
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अ यअ य ेे :ई-मोिब लटी, माट शहर, निदय क सफाई और पयावरण संर ण म
सहयोग क संभावनाओं पर िवचार िकया जा रहाह।ै
धानमं ी ने कहा िक वष 2022 तक नए भारत के िनमाण का संक प लया ह ैऔर
इसम जमनी जसैी ौ ोिगकिवशेष ता और आथक शि याँ बेहद उपयोगी होगी।
भारतभारत केके ि कोणि कोण सेसे जमनीजमनी काका मह वमह व:राजनीतक
वाता म अंतराल के बावजूद दोन देश के बीच वाण यक संबधं मज़बूत ह।भारत
ारा वष 2024 तक 5 िट लयन डॉलर क अथ यव था का मह वाकां ी ल य िनधा रत
िकया गया ह,ै इसकेलये भारत यूरोपीय संघ से मु यापार समझौता करना चाहता
ह।ै
जमनी अ याधुिनक तकनीक के े म िव का अ वल देश ह।ै भारत अभी भी कौशल,
िवकास और तकनीक के ेम काफ पीछे ह।ैजमनी के साथ नए भू-साम रक संबधं से
भारत-जमनी के बीच ि प ीय यापार को बढ़ावा िदया जाएगा इसकेअत र भारत को
ौ ोिगक एवं तकनीक े म बेहतर सहयोग ा होगा।
ोतोत: दद हदूहदू
पािक तान म आज़ादी माच
ी ल सी ल स केके लयेलये:आज़ादी माच
मे समे स केके लयेलये:आज़ादी माच का भारत और पािक तान पर भाव
चचाचचा मम यय ?वतमान म पािक तान म मौलाना फज़लुर रहमान के नेतृ व म
‘आज़ादी माच’ जारी ह।ै इस दशन का मु य उ े य पािक तानम लोकतांि क प से
चुनी गई सरकार को िगराना ह।ै दशनका रय का कहना ह ैिक पािक तान के
धानमं ी नेअसंवधैािनक प से चुनाव म जीत हा■सल क ह,ै इस लये वे धानमं ी
इमरान खान के इ तीफे क मांग कर रहे ह।
गौरतलब ह ैिक पािक तान क राजनीत म िवप ी दल ारा िवरोध दशन के मा यम
से लोकतांि क सरकार कोिगराने का यास एक आम बात हो गई ह ैऔर इस कार क
लगभग सभी घटनाओं म पािक तानी सेना क एक िवशेषभूिमका िदखाई देती
ह।ै
पािक तानपािक तान काका नयानया संकटसंकट- आज़ादीआज़ादी माचमाच
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पािक तान के धानमं ी इमरान खान के पद हण करने के प ात् यह पहला
मौका ह ैजब उनके सामने कोई बड़ीराजनीतक चुनौती उ प हुई ह।ैयात य ह ैिक
वष 2018 म हुए पािक तानी चुनाव काफ िववादा पद थे और यह कहा गया था िक
पािक तानी सेना
ने चुनाव म हेर-फेर कर इमरान खान को ■जताने का यास िकया ह।ैदशनकारी
इसी िवषय को लेकर अपना िवरोध दज करा रहे ह और उ ह पािक तान के मुख िवप
ी दल का समथन
भी ा ह।ैदशन का नेतृ व कर रहे फज़लुर रहमान का कहना ह ैिक वष 2018
के चुनाव अनुचत थे और इस लये पािक तान
के धानमं ी को अपना पद छोड़ देना चािहये।इसके अलावा फज़लुर रहमान का
यह भी मानना ह ैिक इमरान खान क मीर के मु े पर कुछ नह कर रहे ह
एवंकरतारपुर ग लयार ेक शु आत पािक तान के िहत म नह ह।ैगौरतलब ह ैिक
पािक तान क वतमान आथक थत भी अ यतं खराब ह,ै ■जसे लेकर समय-समय पर
धानमं ीइमरान खान के िव आवाज़ उठती रही ह।ै यह कहना गलत नह होगा िक
पािक तान अपने इतहास म सबसे खराबआथक संकट का सामना कर रहा ह।ै
पािक तान के वतमान हालात भी इस दशन के लये िज़ मेदार माने जा सकते ह
और इसी कारण लोगदशन को अपना समथन दे रहे ह।
आज़ादीआज़ादी माचमाच- भारतभारत परपर भावभाविवशेष का मानना ह ैिक पािक
तान म हो रहे ‘आज़ादी माच’ का भारत पर कुछ खास भाव नह पड़ेगा, य िकभारत
और पािक तान के वतमान र ते अपने सबसे खराब दौर से गुज़र रहे ह।यिद दशन
सफल रहता ह,ै हालाँिक इसक संभावना बहुत कम ह,ै तो पािक तान क घरलेू
राजनीत म काफप रवतन देखने को िमल सकता ह।ैइस दशन क सफलता का भारत के
लये एक खतरा यह ह ैिक मौलाना फ़ज़लुर रहमान, जो िक दशन का नेतृ वकर रहा
ह,ै क छिव भारत के त बहुत अ छी नह मानी जाती ह।ै
मौलाना फज़लुर रहमान के अफगान ता लबान के साथ घिन संबधं बताए जाते
ह। साथ ही उसने िवगत कुछवष म कई बार अमे रक िवरोधी और ता लबान समथत
दशन का नेतृ व भी िकया ह।ैवष 2012 म उसने नोबेल िवजेता मलाला यूसुफज़ई
के िवरोध म भी कई बयान िदये थे।
िन कषिन कषपािक तान म िवरोध दशन के कारण अफरा-तफरी का माहौल ह,ै
परतंु िफलहाल इस बात क संभावना नह ह ैिक िवप ीदल इमरान खान को स ा से
हटा पाएंगे। हमेशा क तरह इस बार भी यही तीत हो रहा ह ैिक अंतम िनणय
पािक तानी सेना
ारा ही लया जाएगा। गौरतलब ह ैिक इस कार का िपछला दशन इमरान खान के
नेतृ व म िकया गया था और वे अपनेमकसद म असफल रहे थे।
ोतोत- इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस
दरूसंचार े म चुनौतयाँ
ी ल सी ल स केके लयेलये:7/19
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यूिनवसल स वस ऑ लगेशन फंड, पे टम उपयोग शु क, समायो■जत सकल राज
व
मे समे स केके लयेलये:दरूसंचार े से संबंधत मु े
संदभसंदभहाल ही म कैिबनेट सचव राजीव गौबा क अ य ता म एक पनैल का
गठन िकया गया, तािक संकट त दरूसंचार े के लयेराहत पकेैज क घोषणा क जा
सके।
मुखमुख बदुबद:ुपनैल म िव , कानून और दरूसंचार मं ालय के सचव शािमल
ह गे। जो समयब तरीके से ■सफा रश का िनपटारािकया सके।यह कदम सव यायालय
के एक आदेश के बाद उठाया गया ह ैऔर इस कार के यास के मा यम से यह उ
मीदक जा रही ह ैिक दरूसंचार कंपिनय क 1.4 लाख करोड़ पए क भुगतान राश
हेतु कुछ समाधान िनकल सकेगा।सव यायालय ने दरूसंचार कंपिनय के वा षक
समायो■जतसमायो■जत सकलसकल राज वराज व (Adjusted Gross Revenue-AGR) क
गणना म गरै-दरूसंचार यवसाय से ा राज व को शािमल िकया ह ै■जसका कंपिनय
ारा िवरोध िकयाजा रहा ह।ैदरूसंचार कंपिनयाँ कई अ य चुनौतय जसेै- उपभो
ाओं क बड़ी सं या और उन तक बेहतर दरूसंचार सेवाओं कपहँुच का सामना कर
रही ह।
आधारभूतआधारभूत मु ेमु े:वतमान म इस े के ऊपर भुगतान राश को िमलाकर
कुल लगभग 4 लाख करोड़ पए का ऋण िव मान ह।ै
वॉयस और स ते डेटा से ती त प ा के कारण, दरूसंचार े का सकल राज व
वष 2017-18 और 2018-19 के म य और िगर गया।भारत म ाहक को 8 पए/जीबी
डेटा उपल ध करवाया जा रहा ह ैजो िव म सबसे स ती दर ह।ै
त उपयोगक ा तमाह औसत राज व क ाि वष 2014-15 के 174 पए के तर से
घटकर वष 2018-19 म113 पए हो गई।इस े क अ य चुनौतय म 5जी का ि या वयन
जसेै मु े शािमल ह।
ेे कक मांगमांग:पे टम उपयोग शु क (Spectrum Usage Charges) और
यूिनवसल स वस ऑ लगेशन फंड लेवी
(Universal Service Obligation Fund Levy) म कमी क जाए।वॉयस और
डेटा के लये यवहाय मू य िनधारण (Viable Pricing) िकया जाए, यह
भारतीयभारतीय दरूसंचारदरूसंचार िनयामकिनयामक
ाधकरणाधकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) के काय
े म आता ह।ैदरूसंचार े क मांग ह ैिक TRAI ारा वॉयस और डेटा सेवाओं के
लये यूनतम शु क िनधा रत िकया जाना चािहये,■जससे े क दीघका लक यवहायता
और मज़बूत िव ीय थत सुिन त हो सके।
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https://www.drishtiias.com/hindi/printpdf/adjusted-gross-revenuehttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/telecom-firms-oppose-trai-public-wi-fi-model
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इस े क कंपिनय क मांग ह ैिक उनके े डट पर िमले इनपुट टै स े डट, जो
िक सरकार के पास जमा ह,ै कासमायोजन सरकारी शु क म िकया जाए।
समायो■जतसमायो■जत सकलसकल राज वराज व
(Adjusted Gross Revenue- AGR)
यह उपयोग और लाइसस शु क ह ैजो दरूसंचार िवभाग (Department of
Telecommunications- DoT)ारा दरूसंचार ऑपरटेर पर लगाया जाता ह।ै िवभाग
ारा इसक दर 3.5%-8% के म य िनधा रत क गई ह।ै
पे टमपे टम उपयोगउपयोग शु कशु क
(Spectrum Usage Charge- SUC)
यह वह शु क ह ैजो मोबाइल ए सेस सेवा दान करने वाले लाइससधा रय ारा
अपने AGR के तशत के प मभुगतान िकया जाना आव यक होता ह।ै इसी के लये
सरकार ारा समय-समय पर दर अधसूचत क जाती ह।
यूिनवसलयूिनवसल स वसस वस ऑ लगेशनऑ लगेशन फंडफंड
Universal Service Obligation Fund (USOF)
यह ामीण और दरूदराज़ के े म लोग तक वहन यो य क मत पर गरै-भेदभावपूण
गुणव ापूण सूचना और संचारौ ोिगक (Information and Communication
Technology- ICT) सेवाओं क पहँुच सुिन त करता ह।ै
वतमान म इसक दर 5% ह ै■जसे इस े क कंपिनय ारा घटाकर 3% करने क मांग
क जा रही ह।ैइसका गठन वष 2002 म दरूसंचार िवभाग के तहत िकया गया था।इस
फंड के लये संसदीय अनुमोदन क आव यकता होती ह ैऔर इसे भारतीय टेली ाफ
(संशोधन) अधिनयम,2003 के तहत वधैािनक समथन ा ह।ै
आगेआगे कक राहराह:दरूसंचार े क सम याओं का समाधान करके सेवा क गुणव
ा म सुधार करना चािहये।एक बेहतर यावसायक वातावरण के लये दीघका लक ि
योजना (long-term vision plan) का िनमाण करनाचािहये।
ॉडबड सेवाओं तक बढ़ती पहँुच भारत को ड■जटली प से अधक सश बनाएगा, इस
लये सम दरूसंचार े कोमज़बूती दान करने के लये सरकार ारा पया कदम उठाए
जाने चािहये।
ोतोत- दद हदूहदू
बेरोज़गारी दर रपोट- CMIE9/19
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ी ल सी ल स केके लयेलये:CMIE, CMIE रपोट
मे समे स केके लयेलये:भारत म बढ़ती बेरोज़गारी दर
चचाचचा मम यय ?हाल ही म सटर फॉर मॉनीट रग इंडयन इकोनॉमी (Center
For Monitoring Indian Economy-CMIE) ारा जारीआँकड़ के अनुसार, भारत म
बेरोज़गारी दर िपछले 3 साल के उ तम तर पर पहँुच गई ह।ै
मुखमुख बदुबद:ुCMIE क रपोट के अनुसार भारत म शहरी बेरोज़गारी दर
8.9% और ामीण बेरोज़गारी दर 8.3% अनुमािनत ह।ैउ ेखनीय ह ैअ ू बर 2019 म
भारत क बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.5% हो गई, जो अग त 2016 के बाद का उ तमतर
ह।ैरपोट के अनुसार, रा य तर पर सबसे अधक बेरोज़गारी दर ि पुरा (27%) ह
रयाणा (23.4%) और िहमाचल देश
(16.7) म आंक गई।जबिक सबसे कम बेरोज़गारी दर मशः तिमलनाडु (1.1%),
पु चेूरी (1.2%) और उ राखंड (1.5%) म अनुमािनतक गई थी ।CMIE क यह रपोट
नवीनतम आवधक म बल सव पर आधा रत ह ■जसके तहत बेरोज़गारी दर जुलाई 2017
सेजून 2018 के दौरान िपछले 45 वष म सबसे बुर े तर पर आँक गई थी।इसके
अलावा सटर फॉर स टेनेबल ए ॉयमट (Center For Sustainable Employment)
ारा 'इंडयाजएं ॉयमट ाइ■सस' (India’s Employment Crisis) शोध के
अनुसार, 2011-12 और 2017-18 के बीच,कुलरोज़गार म नौ िम लयन (2%) क
अभूतपूव िगरावट दज क गई।वह कृिष आधा रत रोज़गार म 11.5% क िगरावटका
अनुमान लगाया गया।
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http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1572851166_CMIE.jpg
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शोध के अनुसार इसी अवध म सेवा े क रोज़गार दर म 13.4% क वृ हुई,
जबिक िविनमाण े म 5.7% किगरावट दज क गई।
बेरोज़गारीबेरोज़गारी याया हैहै?िकसी यि ारा सि यता से रोज़गार क तलाश
िकये जाने के बावजूद जब उसे काम नह िमल पाता तो यह अव थाबेरोज़गारी
कहलाती ह।ैइसे सामा यत: बेरोज़गारी दर के प म मापा जाता ह ै■जसे मबल म
शािमल यि य क सं या से बेरोज़गारयि य क सं या म भाग देकर ा िकया जाता
ह।ै
सटरसटर फॉरफॉर मॉनीट रगमॉनीट रग इंडयनइंडयन इकोनॉमीइकोनॉमी
(Center For Monitoring Indian Economy-CMIE)
CMIE क थापना एक वतं ○थक टक के प म 1976 म क गई।CMIE ाथिमक डेटा सं
हण, िव ेषण और पूवानुमान ारा सरकार , श ािवद , िव ीय बाजार , यावसायकउ
म , पेशेवर और मीडया सिहत यापार सूचना उपभो ाओं के पूर े पे टम को
सेवाएँ दान करता ह।ै
ोतोत-दद हदूहदू
BASIC देश क बठैक
ी ल सी ल स केके लयेलये:BASIC, बे■सक, कोपेनहेगन समझौता, ह रत
जलवाय ुकोष, UNFCCC
मे समे स केके लयेलये:जलवाय ुप रवतन से संबंधत मु े
चचाचचा मम यय ?हाल ही म बे■सक (BASIC) देश ( ाज़ील, द ण अ का, भारत
और चीन) के पयावरण मिं य का स मेलन बी↓जग (चीन) मआयो■जत िकया गया। इस
स मेलन के बाद पे रस समझौते (वष 2015) के यापक काया वयन के लये एक
बयान जारी िकयागया।
मुखमुख बदुबदु
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https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/basic-nations-push-for-climate-finance
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पे रस समझौते पर तब ता य करने के साथ ही मिं य के समूह ने िवक■सत
देश से िवकासशील देश को 100िब लयन डॉलर, जलवाय ुिव (Climate Finance)
के प म दान करने क अपनी तब ता को पूरा करने काभी आ ान िकया।
कोपेनहेगन समझौते- Copenhagen Accord {संयु रा जलवाय ुप रवतन स
मेलन (COP-15) 2009के दौरान थािपत} के तहत िवक■सत देश ने वष 2012 से
वष 2020 तक त वष 100 िब लयन डॉलर देनेका वादा िकया था।इस फंड को ह रतह
रत जलवायुजलवायु कोषकोष (Green Climate Fund- GCF) के प म जाना जाता
ह।ैGCF का उ े य िवकासशील और अ प िवक■सत देश (Least Developing
Countries) को जलवायुप रवतन के मु से समाधान म सहायता करना ह।ैहालाँिक
वतमान म िवक■सत देश ारा केवल 10-20 िब लयन डॉलर क सहायता राश दान क जा
रही ह ै।
बठैक का आयोजन समानसमान लेिकनलेिकन िवभेिदतिवभेिदत ■ज मेदा रयाँ■ज
मेदा रयाँ औरऔर संबंधतसंबंधत मताएँमताएँ (Common butDifferentiated
Responsibilities and Respective Capabilities: CBDR-RC) के ■स ांत
केआधार पर िकया गया।
CBDR-RC संयु रा े मवक क वशन ऑन ाइमेट चज (United Nations
FrameworkConvention on Climate Change- UNFCCC) के तहत एक ■स ांत ह
ैजो जलवाय ुप रवतन कोसंबोधत करने म अलग-अलग देश क िवभ मताओं और
अलग-अलग िज़ मेदा रय का आ ान करता ह।ै
बठैक म UNFCCC, योटो ोटोकॉल (वष 1997-2012) और पे रस समझौते के
पूण, भावी एवं िनरतंर काया वयनके मह व को भी रखेांिकत िकया गया।
ोतोत: दद हदूहदू
ओपन जनरल ए सपोट लाइसस
ी ल सी ल स केके लयेलये:ओपन जनरल ए सपोट लाइसस
मे समे स केके लयेलये:र ा िनयात बढ़ाने हेतु िकये गए उपाय, भारतीय र
ा ौ ोिगक का िनयात
चचाचचा मम यय ?हाल ही म क ीय र ा मं ालय ने र ार ा िनयातिनयात
(Defence Exports) कोको बढ़ावाबढ़ावा देने के लये दो ओपन जनरल ए
सपोटलाइसस (Open General Export Licences-OGELs) को मज़ंूरी दी ह।ै
मुखमुख बदुबदुOGEL िकसी कंपनी को एक िवशष्िवशष्टट अवधअवध केके
लयेलये एकएक बारबार िदयािदया जानेजाने वालावाला िनयातिनयात लाइससलाइसस
ह।ै ारभं म इसकअवध दो वष होती ह।ै
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र ा उ पादन िवभाग (Department of Defence Production-DPP) ारा
OGELक मांग हेतु आवेदन केयेकयेक मामलेमामले परपर पृथकपृथक िवचारिवचार
िकया जाएगा।
इन दो OGEL ारा चयिनत देश को कुछ पुज और घटक के िनयात तथा र ा ौ
ोिगक क अंतरअंतर-कंपनीकंपनी (Intra-company) हस्हस्तांतरणतांतरण कक
अनुमतअनुमत दी गई ह।ैOGEL के तहत अनुमत ाप्त देश क सूची म बे जयमबे
जयम, ाँसाँस, जमनीजमनी, जापानजापान, द णद ण अ काअ का, पेनपेन,
वीडनवीडन,ि टेनि टेन, संयुसंयु रा यरा य अमे रकाअमे रका, कनाडाकनाडा,
इटलीइटली, पोलडपोलड औरऔर मे सकोमे सको शािमल ह।लाइसस ा करने के लये
आवेदक के पास आयात-िनयात माण-प होना अिनवाय ह।ैइसम OGEL के तहत सभी
लेन-देन क त्येक तमाही और वा षक रपोट को जाँच एवं िनयात के बाद स
यापनहेतु DPP को तुत िकये जाने क भी बात कही गई ह।ै
OGEL मम शािमलशािमल व तुएँव तुएँOGEL म ऊजावान और िव फोटक साम ी के
िबना गोला-बा द और यूज़ से टग उपकरण के घटक।अि िनयं ण और संबंधत खतर ेक
सूचना तथा चेतावनी से संबंधत उपकरण एवं संबंधत अ य णाली।शारी रक सुर ा
संबधंी व तुएँ।
OGEL सेसे बाहरबाहर रखीरखी गईगई व तुएँव तुएँसंपूण िवमान या संपूण
मानव रिहत िवमान (UAVs) और UAV के लये िवशेष प से संशोधत या डज़ाइन
िकये गएघटक को इस लाइसस से बाहर रखा गया ह।ैOGEL के तहत 'िवशेषिवशेष
आथकआथक ेे ' (SEZs) म व तुओं के िनयात क अनुमत नह दी जाएगी।इसके अलावा
अन्य देश को ौ ोिगक के ह तांतरण के लये अंतर-कंपनी ह तांतरण क शत जोड़ी
गई ह ैअथात्िनयात िकसी भारतीय सहायक कंपनी (आवेदक िनयातक) से अपनी
िवदेशी मूल कंपनी अथवा िवदेशी मूल कंपनी कसहायक कंपनी को होना
चािहये।
र ार ा उ पादनउ पादन िवभागिवभाग
(Department of Defence Production)
र ा उ पादन िवभाग (DPP) क थापना नवंबर, 1962 म क गई थी।इसका उ े य
र ा के लये आव यक हथयार , णा लय , ेटफॉम , उपकरण का उ पादन करने के
लये एक यापकबुिनयादी ढाँचे का िवकास करना ह।ैिवभाग ने िवभ र ा उपकरण
के िविनमाण के लये आयधु कारख़ान और सावजिनक े के र ा उप म (DPSU)के मा
यम से यापक उ पादन सुिवधाएँ सुिन त क ह।िवभाग ारा िविन मत उ पाद म
हथयार एवं गोला-बा द, टक, हेलीकॉ टर, यु पोत, पनडु बयाँ, िमसाइल,इले
टािनक उपकरण, अथमू वग उपकरण, िवशेष िम धातुएँ आिद शािमल ह।
र ार ा अध हणअध हण प रषदप रषद
(Defence Acquisition Council-DAC)
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सश बल क वीकृत आव यकताओं क शी ख़रीद सुिन त करने के उ े य से वष
2001 म र ा अध हणप रषद क थापना क गई थी।DAC क अ य ता र ा मं ी ारा क
जाती ह।ैउ ेखनीय ह ैिक DAC अध हण संबधंी मामल पर िनणय लेने वाली र ा
मं ालय क सव सं था ह।ै
लाभलाभिवगत दो वष म भारत के र ा िनयात म सात गुना वृ हुई ह ैऔर
2018-19 म यह बढ़कर 10,500 करोड़ पए तकपहँुच गया ह।ैयह मानक संचालन ि या
म सुधार और आवेदन क ऑनलाइन मज़ंूरी के लये एक पोटल क शु आत के कारणसंभव
हुआ ह ै■जससे आवेदन जाँच ि या म लगने वाले समय म भी काफ कमी आई
ह।ैOGEL का िवचार भी भारतीय र ा िनयात को बढ़ावा देने क िदशा म एक मह
वपूण कदम ह।ैइससे र ा िनयात को बढ़ावा िमलेगा और कारोबार करने क सुगमता
म सुधार होगा।इससे सरकार से अनुमत लेने क लबंी ि या को छोटा िकया जा
सकेगा।नई लाइसस णाली से र ा े क कंपिनय क अंतरा ीय बाजार तक पहँुच
होगी और अधक त प उ पाद कािविनमाण संभव होगा।
ोतोत : दद हदूहद ू(िबज़नेसिबज़नेस लाइनलाइन) एवंएवं पीआईबीपीआईबी
पयावरण तपूत शु क
ी ल सी ल स केके लयेलये:ेडेड ए शन र पांस ान, पयावरण दषूण (रोकथाम
एवं िनयं ण) ाधकरण
मे समे स केके लयेलये:पयावरण तपूत शु क लगाने से संबंधत त य
चचाचचा मम यय ?हाल ही म पयावरण दषूण (रोकथाम एवं िनयं ण) ाधकरण
[Environment Pollution (prevention & Control)Authority-EPCA] ने
िद ी म ेडेड ए शन र पांस ान (Graded Action Response Plan) के तहत वाय
ु दषूणक आपातकालीन ेणी के दौरान टक के आवागमन पर तबधं के थान पर
पयावरण तपूत शु क लागू िकया ह।ै
मु यमु य बदुबद:ुEPCA ारा िद ी के बॉडर पर थत 13 रेडयो सी
आइडिटिफकेशन णाली (Radio FrequencyIdentification-RFID, System) आधा
रत टोल बूथ के काय क समी ा करने के बाद यह िनणय लया गया।टोल बूथ पर
RFID णाली ारभं होने तथा पयावरण तपूत शु क लागू होने से पहले िद ी म
लगभग 8000 टक
तिदन वेश करते थे, इस णाली के लागू होने के बाद इनक सं या 3664
तिदन हो गई ह।ै14/19
https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/air-pollution-and-grap
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टोल बूथ पर कैश लेन अथवा लेन का उपयोग कर पयावरण तपूत शु क से बचने
वाले टक क सं या 33% सेघटकर 18% हो गई ह।ैEPCA के अनुसार, टक पर तबधं
लगाने से िद ी बॉडर पर थत टोल बूथ पर टक क सं या बढ़ने के कारणजाम जसैी
सम या का सामना करना पड़ सकता ह ैअतः पयावरण तपूत शु क टक पर पूणतः
तबधं लगाने कअपे ा टक क सं या कम करने का अ छा मा यम ह।ै
रेडयोरेडयो सीसी आइडिटिफकेशनआइडिटिफकेशन णालीणाली
(Radio Frequency Identification -RFID, System):
RFID णाली के अंतगत िकसी व तु या वाहन से जुड़े टैग पर सं हीत
जानकारी को पढ़ने और समझने के लयेरेडयो तरगं का उपयोग िकया जाता ह।ैइस
तकनीक के मा यम से िकसी टैग को कई फ ट क दरूी से पढ़ा जा सकता ह ैऔर
इसे पढ़ने के लये कैनर यारीडर का एक सीधी रखेा म होना आव यक नह ह।ैRFID
णाली क सहायता से टोल बूथ पर िबना के ड■जटल प से भुगतान िकया जाता
ह।ैजसेै ही कोई वाहन टोल बूथ को पार करता ह ैवसेै ही ससर RFID णाली के
मा यम से टैग क पहचान कर लेता हैतथा टोल राश वचा लत प से काट ली जाती
ह।ै
पयावरणपयावरण दषूणदषूण (रोकथामरोकथाम एवंएवं िनयं णिनयं ण)
ाधकरणाधकरण
[Environment Pollution (Prevention & Control)
Authority-EPCA]:
EPCA सव यायालय के आदेश ारा अधसूचत एक सं था ह ैजो िक रा ीय
राजधानी े म वाय ु दषूण को कमकरने के लये उपाय सुझाने का काय करती
ह।ैइसक अधसूचना पयावरण मं ालय ारा पयावरण संर ण अधिनयम, 1986 के तहत
वष 1998 म जारी क गईथी।यह सं था दषूण के तर को देखते हुए रा ीय
राजधानी े िद ी म ेडेड ए शन र पांस ान (GRAP) लागू करनेका भी काय करती
ह।ै
ोतोत- दद इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस, टाइ सटाइ स ऑफऑफ
इंडयाइंडया15/19
http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1572864722_Severe
Plus.jpg
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ह पर िदन क अवध
ी ल सी ल स केके लयेलयेह का घूणन काल
चचाचचा मम यय ?खगोलशा य के अनुसार, ‘शु ह’ व ‘शिन ह’ क एक िदन क
अवध के संबधं म कोई प जानकारी नह ह ैतथा इसबार ेम दी जाने वाली जानका
रयाँ ायः गलत सािबत हुई ह।
मु यमु य बदुबदुिकसी खगोलीय पड ारा अपने अ पर एक घूणन पूण करने म
लगने वाले समय को एक िदन कहा जाता ह।ै पृ वी परएक िदन 23 घटें 56 िमनट
का होता ह।ैवै ािनक अ य ह क एक िदन क अवध क गणना के लये पृ वी के एक
िदन क अवध को आधार के तौर पर
योग करते ह। इस मानक के योग से ह पर िदन क अवध क गणना प तौर पर क
जा सकती ह।ै
सारणी म सौरमडंल के िवभ ह क एक िदन क अवध को दशाया गया ह।ै
हह बुध शु पृ वी मगंल बृह पत शिन अ ण व ण
िदनिदन ककअवधअवध
58.6िदन
243िदन
23 घ.ं 56िम.
24 घ ं37िम.
9 घ.ं 55िम.
10 घ.ं 33िम.
17 घ.ं 14िम.
15 घ.ं 57िम.
शुशु हह काका घूणनघूणनइस ह क थत अ य ह से भ ह।ै इसक सतह का अधकांश
िह सा बादल से आ छािदत रहता ह ै■जसकवजह से इस पर उप थत भू-आकृतय ( े
टर या उ ाव भूिम) को देखना मु कल होता ह।ै ये भू-आकृतयाँ ह केघूणन को
मापने के लये एक आधार बद ु(Reference Point) का काय करती ह।1963 म
राडार ारा िकये गए सव ण से ात हुआ िक शु ह के घूणन क िदशा अ य ह के
घूणन क िदशा केिवपरीत ह।ै त कालीन सव ण से पता चला िक शु पर एक िदन क
अवध पृ वी के 243 िदन (5832 घटें) केबराबर ह।ै1991 म ‘मगैलन पेस ा ट’
ारा िकये गए अ ययन से ात हुआ िक शु का वा तिवक घूणन काल 243.0185िदन ह
ै■जसम लगभग 9 सेकंड क अिन तता पाई गई।वै ािनक ारा 1988 से 2017 के बीच
पृ वी से िकये गए राडार पयवे ण से शु क सतह पर उप थत भू-आकृतय क पहचान
क गई तथा उसके आधार पर अ ांशीय रखेाओं का िनमाण िकया गया। इससे शु के
घूणन कदर को मापना आसान हुआ ह।ैवतमान शोध के अनुसार, शु का घूणन काल
243.212 िदन ह ै■जसम 0.00006 सेकंड क अिन तता पाई गईतथा यह माना जा
रहा ह ैिक इसम भी आने वाले कुछ दशक म बदलाव हो सकता ह।ै
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शिनशिन हह काका घूणनघूणनबृह पत क भाँत यह भी एक िवशाल गसैीय पड ह
ैतथा इसक कोई ऊपरी ठोस सतह नह ह।ै हालाँिक इसका कोरठोस थत म ह ैपरतंु
इसक बाहरी परत हाइडोजन, ही लयम तथा धूल कण का िम ण ह।ै य िप बृह पत म
घूणनअवध क गणना उससे उ स■जत होने वाले रेडयो ■स ल क सहायता से क जाती
ह।ै इसके िवपरीत शिन ह सेउ स■जत होने वाले रेडयो ■स ल क आवृ कम होती ह
ैजो पृ वी के वायमुडंल को भेद नह पाते इसक वजह सेइसके घूणन अवध क गणना
करना एक चुनौती रहा ह।ै1980 व 1981 म मशः भेजे गए अंत र िमशन वोयेगर-1
तथा वोयेगर-2 से ा आंकड़ से ही पहली बार पताचल सका िक शिन ह पर एक िदन
क अवध लगभग 10 घटें 40 िमनट क ह।ै23 वष के बाद कै■सनी पेस ा ट ारा
भेजे गए आंकड़ से पता चला िक शु के घूणन काल म 6 िमनट क वृहुई ह ैपरतंु
अनुमान के आधार पर इतनी वृ म करोड़ वष लग सकते ह।शिन ह पृ वी के समान
ही अपने अ पर झुका हुआ ह ै■जसक वजह से वहाँ ऋतु प रवतन होता ह।ै ऋतुओं
केआधार पर इसके उ री तथा द णी गोला म सूय से आने वाली पराबगनी िविकरण
क ाि भी अलग-अलग होतीह।ै यह शिन के वायमुडंल के िकनार पर उप थत ा मा
को भािवत करता ह ैजो इसके वायमुडंल क िवभ परतके बीच म घषण पदैा करता
ह।ैशु के वायमुडंल क ऊपरी परत और िनचली परत म घूणन क र तार एक समान
होती ह ैपरतंु उनके बीच के घषणक वजह से ऊपरी परत को घूणन करने म अधक
समय लगता ह।ैअतः िन कष के तौर पर कहा जा सकता ह ैिक अंत र िमशन ारा
पयवे त शिन क घूणन अवध उसके कोर क नहोकर उसक बाहरी परत क ह ैजो थर नह
ह ैतथा रेडयो ■स ल के योग से इसक घूणन अवध क पजानकारी नह िमल
सकती।
ोतोत : इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस
नािवक का यवसायीकरण
ी ल सी ल स केके लयेलये:नािवक के योग, ि यािवध
मे समे स केके लयेलये:नािवक के योग, ि यािवध तथा संबंधत मु े
संदभसंदभ:भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन और उसक वाण यक शाखा एंिट स
कॉप रशेन लिमटेड नािवक के यवसायीकरण(Commercialised) क ओर अ सर
ह।ै
नािवक के लये सम पत हाडवेयर आधा रत ■स टम िवक■सत करने के उ े य से
एंिट स (Antrix) ने उ ोग कपहचान के लये दो अलग-अलग िनिवदाएँ (Tenders)
जारी क ह।ै
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एंिट स वतमान म नािवक णाली के उपकरण (Device) और ■स टम के लये कुशल
िनमाताओं क पहचान कर रहीह।ैइस कार क पहल म दो अलग-अलग िनिवदाएँ जारी
करने का उ े य िव ीय थरता और काय क उ कृ तासुिन त करना ह।ै
इसइस ेे कक वतमानवतमान थतथत:सेमीकंड टर चप (Semiconductor Chip) क
एक मुख उ पादक कंपनी ालकॉम टे नोलॉजीज(Qualcomm Technologies) ारा
नािवक के िवक■सत एक चपसेट का सफल परी ण िकया गया।इस कंपनी के चप
जीपीएस, गलैी लयो (यूरोप), लोनास ( स) और बीडाउ (चीन) जसेै वै क नौवहन
सटेैलाइट
णा लय म काय कर सकते ह।
नािवकनािवक:नािवक- NavIC (Navigation in Indian Constellation) आठ
उप ह क े ीय नेिवगेशन उप ह आधा रतवदेशी णाली ह ैजो अमे रका के जीपीएस
क तरह काय करती ह।ै
12 अ ैल को पीएसएलवी-सी41 (PSLV-C41) के मा यम से ीह रकोटा के सतीश
धवन अंत र क से भारतीयअंत र अनुसंधान संगठन (Indian Space Research
Organization-ISRO) ारा IRNSS-1 (IndianRegional Navigation Satellite
System-1) नौवहन (Navigation) उप ह का सफल ेपण िकया गयाथा।इसके मा यम
से थानीय थत (Indigenous Positioning) या थान आधा रत सेवा
(LocationBased Service- LBS) जसैी सुिवधाएँ दान क जा रही ह।ै यह
भारतीय उपमहा ीप पर 1,500 िकलोमीटर केदायर ेको कवर करता ह।ै
NavIC कक काय णालीकाय णाली:NavIC के उप ह दो माइ ोवेव सी बड पर ■स
ल देते ह, जो L5 और S के नाम से जाने जाते ह।यह टडड पोज़ीश नग स वस तथा
र ट टेड स वस क सुिवधा दान करता ह।ैइसक ' र ट टेड स वस' सेना तथा मह
वपूण सरकारी कायालय के लये सुिवधाएँ दान करने का काम करती ह।ै
उपयोगउपयोग:वतमान म इसका योग प रवहन साधन म िकया जा रहा ह ैतािक
वाहन को टैक िकया जा सके, साथ ही दघुटनाइ यािद जसैी अ याशत घटनाओं का
शी ता से पता चल सके।इसका उपयोग मछली पकड़ने वाली नौकाओं म भी िकया जा
रहा ह।ैइसके अत र सड़क प रवहन और राजमाग मं ालय ने िपछले वष आदेश िदया
था िक सभी रा ीय-परिमट वालेवाहन म टै कग उपकरण होने चािहये।थलीय, हवाई
और समु ी नौवहन; आपदा बधंन; मोबाइल फोन के साथ एक करण; सटीक समय
(एटीएम और
पावर ि ड के लये); मै पग एंड ■जयोडेिटक डेटा कै चर (Mapping and
Geodetic Data Capture) एवंयाि य के लये थलीय नौवहन सहायता के प म
इसका उपयोग िकया जा सकता ह।ै
एंिट सएंिट स कॉप रशेनकॉप रशेन लिमटेडलिमटेड18/19
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(Antrix Corporation Ltd)
यह भारत सरकार क पूण वािम व वाली कंपनी ह,ै ■जसका शासिनक िनयं ण
अंत र िवभाग, भारत सरकार केपास ह।ैएंिट स कॉप रशेन लिमटेड को ■सतबंर
1992 म अंत र उ पाद , तकनीक परामश सेवाओं और इसरो ारािवक■सत ौ ोिगिकय
के वाण यक दोहन व चार सार के लये सरकार के वािम व वाली एक ाइवेट
लिमटेडकंपनी के प म थािपत िकया गया था।इसका एक अ य मुख उ े य भारत म
अंत र से संबंधत औ ोिगक मताओं के िवकास को आगे बढ़ाना ह।ैभारतीय अंत र
अनुसंधान संगठन क वाण यक एवं िवपणन शाखा के प म एंिट स पूर ेिव म अपने
अंतरा ीयाहक को अंत र उ पाद और सेवाएँ उपल ध करा रही ह।ै
ोतोत: दद हदूहदू
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डेली न्यूज़ (04 Nov, 2019)यूनेस्को का रचनात्मक शहरों का
नेटवर्कप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख
बिंदु:वर्ल्ड सिटीज़ डे 2019 (World Cities Day 2019):यूनेस्को का
रचनात्मक शहरों का नेटवर्क(UNESCO Creative Cities Network-
UCCN):स्रोत : द हिंदू (बिज़नेस लाइन)
भारत में रोज़गार की स्थितिप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा
में क्यों?अध्ययन के मुख्य बिंदुसंगठित क्षेत्रअसंगठित क्षेत्रसंगठित
क्षेत्र का उदय और संविदात्मक रोज़गार(Contractual
Employment)संविदात्मक रोज़गारस्रोत- इंडियन एक्सप्रेस
भारत-जर्मनीप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में
क्यों?महत्त्वपूर्ण समझौते:भारत-जर्मनी संबंधों के प्रमुख आयाम:अन्य
क्षेत्र:भारत के दृष्टिकोण से जर्मनी का महत्त्व:स्रोत: द हिंदू
पाकिस्तान में आज़ादी मार्चप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा
में क्यों?पाकिस्तान का नया संकट- आज़ादी मार्चआज़ादी मार्च- भारत पर
प्रभावनिष्कर्षस्रोत- इंडियन एक्सप्रेस
दूरसंचार क्षेत्र में चुनौतियाँप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के
लिये:संदर्भप्रमुख बिंदु:आधारभूत मुद्दे:क्षेत्र की मांग:समायोजित सकल
राजस्व(Adjusted Gross Revenue- AGR)स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क(Spectrum
Usage Charge- SUC)यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंडUniversal Service
Obligation Fund (USOF)आगे की राह:स्रोत- द हिंदू
बेरोज़गारी दर रिपोर्ट- CMIEप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा
में क्यों?प्रमुख बिंदु:बेरोज़गारी क्या है?सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन
इकोनॉमी(Center For Monitoring Indian Economy-CMIE)स्रोत-द हिंदू
BASIC देशों की बैठकप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में
क्यों?प्रमुख बिंदुस्रोत: द हिंदू
ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंसप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा
में क्यों?प्रमुख बिंदुOGEL में शामिल वस्तुएँOGEL से बाहर रखी गई
वस्तुएँरक्षा उत्पादन विभाग(Department of Defence Production)रक्षा
अधिग्रहण परिषद(Defence Acquisition Council-DAC)लाभस्रोत : द हिंदू
(बिज़नेस लाइन) एवं पीआईबी
पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्कप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा
में क्यों?मुख्य बिंदु:रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन
प्रणाली(Radio Frequency Identification -RFID, System):पर्यावरण
प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण[Environment Pollution
(Prevention & Control) Authority-EPCA]:स्रोत- द इंडियन
एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया
ग्रहों पर दिन की अवधिप्रीलिम्स के लियेचर्चा में क्यों?मुख्य
बिंदुशुक्र ग्रह का घूर्णनशनि ग्रह का घूर्णनस्रोत : इंडियन
एक्सप्रेस
नाविक का व्यवसायीकरणप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:संदर्भ:इस
क्षेत्र की वर्तमान स्थिति:नाविक:NavIC की
कार्यप्रणाली:उपयोग:एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड(Antrix Corporation
Ltd)स्रोत: द हिंदू