पहली बार पढि़ए 1966-75 हर गांव म पहुंची बिजली } 29 नवंबर 1970 को करनाल के उचानी गांव म इंदिरा गांधी ने हररयाणा को िेश का पहला ऐसा राजय घोदित दकया, दिसके सभी 6764 गांव दबिली से िुड़ गए। } 1966 म दबिली उतपािन 343 मेगावाट था, िो 1975 तक करीब एक हिार तक पहुंच गया। दभवानी के बापोड़ा म एदशया का सबसे बड़ा वाटरवरस बना, दिससे 184 गांव को पानी की सपलाई शु हुई। 1970 म हिसार म िररयाणा कृहि हिशिहिालय बना। 23,345 सहकट हकमी 11 केिी लाइन इन दस िि के दौरान हबछाई गई। ढिा का उजाला 1976-1985 नहर-सड़क व उग आए } बंसीलाल सरकार ने िुई कैनाल, इंदिरा कैनाल, लोहा कैनाल समेत कई नहर बनवाई। िेश बना तो दसंदचत े 12.93 लाख हेरटयर था, िो 1985 तक 22 लाख हेरटयर तक पहुंच गया। } सतलुज-यमुना दलंक नहर का दनमाण शु हुआ, हालांदक पूरा नह हो सका। इस िशक तक सड़क की लंबाई 20 हिार दकलोमीटर तक पहुंच गई। 1982 गुड़गांि म माहि िो 84 म िीरो-िडा का पलांट बना। 25,451 कटर थे 1976 म, हसंचाई बढ़ी िो 1986 म िो गए 83120। पकड़ी रफार 1986-95 सशल वेलफेयर पर धयान } 1995 म चौधरी भिनलाल ने दहसार म गु िंभेशवर दवशवदवालय को िेश का चौथा दवशवदवालय बनाया। रािनीदतक तौर पर असथरता रही, लेदकन सोशल वेलफेयर की कई योिनाएं लागू हुई। } चौधरी िेवीलाल ने वृावथा पशन, कि माफी और इंटरवयू के दलए ी बस पास सेवा सुदवधा का ऐलान दकया। 2,155 करोड़ 70 लाख बुढ़ापा सममान भा इस हि िि म बंटेगा। 1990 के बाद से देश म आईटी सेकटर ने पांि फैलाने शु हकए। बुजु को राह 1996-2005 गांव का तेजी से बवकास } 2005 की आदथक गणना के अनुसार यह िशक गांव म पररवतन का िौर रहा। 1995 म 58 दतशत लोग खेती पर आदत थे, दिनकी संखया 2005 म घटकर करीब 50 दतशत रह गई गई। } 1996 म ततकालीन मुखयमंी चौधरी बंसीलाल ने अपने आदखरी शासनकाल म िेश म शराबबंिी लागू करने का योग दकया, िो असफल रहा। 23504 लाख हकलोिाट हबजली की खपि कृहि े म 10 िि म बढ़ी। 2003 म हसरसा म चौधरी देिीलाल हिशिहिालय बनाया। संवरे ांव 2006-2015 एजुकेशन हि िना } बबजली, सड़क, दशा व इंारचर को मिबूत करने पर काफी काम हुआ। 32 नई यूदनवदसटी शु हु। 700 से जयािा कॉलेि खुले, 43 सरकारी थे। टदकल और मैनेिट इंटीूट खुले। } खेदड़, झाड़ली, यमुनानगर म दबिली के नए थमल पलांट लगे। दिसकी बिौलत दबिली उतपािन की मता 10,729 मेगावाट पर पहुंच गई। 09 सटेट हिहि 10 िि म खुले। 18 हनजी और कीय हिहि खुला। 16 लाख हबजली कने कशन दस िि म बढ़े। 56 लाख से जयादा कने कशन। जम देि गांधी की मानते तो 84 साल का होता हरियाणा यदि मिातमा गांधी की बाि हहटश सरकार ने मान ली िोिी िो 84 साल पिले िी िररयाणा पंजाब से अलग िो जािा। 1931 म लंदन म िुई दूसरी गोलमेज काॅस म गांधी ने िररयाणा को पंजाब से अलग करने की बाि किी थी। काॅस म पंजाब के गृि सदसय जयोफरी कोबटट ने कि हदया था हक अमबाला हडहिजन (िररयाणा) इेफाक से पंजाब म हमली िुई िै, इसे अलग कर देना चाहिए। इस पर गांधी ने िुरंि अपनी सिमहि जिािे िुए इस हििाद को जलद खतम करने की बाि किी थी। भासकर ने 1883 से लेकर 1969 िक के दौर म हलखी ग 18 हकिाब से संदभ जुटाया। अभी िक यिी माना जािा रिा िै हक भािा और सांसकृहिक आधार की िजि से 1954 के बाद िररयाणा को पंजाब से अलग करने की मांग उठी। िररयाणा का इहििास हलखने िाल की माने िो यि आधी अधूरी किानी िै। असल म िररयाणा को देश का 17िां राजय बनाने के पीछे सांदाहयक िाकि का भी िाथ रिा िै। बाि 1926 की िै। िब रोििक हजले के गांि मिम के रिने िाले सदर पीरजादा मोिममद िुसैन अहखल भारिीय मुससलम लीग के हलए काम करिे थे। 1928 को हदलली म मुससलम लीग के अहधिेशन म िुसैन ने जोरदार िरीके से िररयाणा को पंजाब से अलग कर हदलली म हमलाने की मांग की। कुे यूहनिहसटी के इहििास हिभाग के डीन रिे एिं ‘िररयाणा का इहििास पुसिक’ के लेखक डॉ. केसी राि बिािे ि हक लीग की मंशा िररयाणा म खुद की जड़ फैलाने की थी। पंजाब म मुससलम लीग पनप नि पा रिी थी और िररयाणा के हलए नेिा ने ििां के कुछ मुसलमान नेिा के साथ हमलकर यूहनयहनसट पाट बना ली थी। यि पाट लीग के हलए रासिे का रोड़ा बन गई थी। यहद िररयाणा अलग ांि बनिा िो लीग िररयाणा के मुसलमान को हिंदू यूहनयहनसट से अलग कर अपने म हमला लेिी। इस िरि उसे हदलली म अपनी जड़ को मजबूि करने का बेििर अिसर हमल जािा। लीग की िररयाणा को अलग करने की मांग को उस समय बल हमल गया, जब दो माि बाद िी हदलली के सि दल सममेलन म हदलली देश कमेटी ने भी उनकी मांग को दोिरा हदया। िीन साल बाद 1931 म लंदन म िुई दूसरी गोलमेज काॅस म इस मांग की जोरदार गंूज सुनाई पड़ी। 9 हदसंबर 1932 को रािादी नेिा देशबंधु गुपि, 1946 म कांेस के ितकालीन अधय डॉ. पाहभ सीिारमैया ने िररयाणा को अलग करने की पैरिी की। 1948 म पंिाब से माटर तारा दसंह, संत फतेह दसंह, समेत अनेक नेता ने अलग पंिाब की पैरवी की। 1952 म पहले आम चुनाव हुए। संयुरत पंिाब म हररयाणा े से चौ. िेवीलाल समेत कांेस के 38 दवधायक चुने गए। अलग राजय बनवाने के दलए िेवीलाल, चरण दसंह ने उरिेश एवं हररयाणा े से 125 दवधायक का हतारयु रत ापन ततकालीन केीय गृहमंी िीबी पंत को दिया। भारत की संदवधान सभा म चौधरी रणबीर दसंह व ो. शेर दसंह पंदित, नेकीराम शमा और ीराम शमा भी हररयाणा की मांग को गदत िेते रहे। उधर, पं िाबी ांत की मांग को लेकर संत फतेह दसंह ने 16 अगत 1965 को आमरण अनशन की घोिणा करते हुए आतमिाह करने की धमकी िी। 23 अैल 1966 को तीन राजय के अलग-अलग गठन के दलए पंिाब सीमा आयोग का गठन दकया गया। इसके बाि ततकालीन धानमंी इंदिरा गांधी ने शाह आयोग की ररपोट पर 12 िून, 1966 को रेदियो से हररयाणा के अलग राजय की घोिणा कर हररयाणा बनने का राता साफ कर दिया। 1 नवंबर 1966 को हररयाणा का गठन हो गया। पदिए हरियाणा बनने की पिी कहानी... िसतावेज बाप की माैजिगी म 1931 की लंिन काॅस म उठी थी अलग पांत की मांग 1883 से लेकि 1969 तक की 18 पुसतक के संिर से सामने आई बात इन दकििाि की री रदमका बह जीती तो जीतता गया हरियाणा खेलता िो िररयाणा पिले भी था, मगर छोटे-छोटे अखाड़ म, गांि की गहलय म। 70-80 के दशक म यि देश खेि, खहलिान से िी जाना जािा था। उन हदन खेल का नाम आिे िी पंजाब सबकी जुबां पर िोिा था। 1958 म रामंडल खेल म जीिने िाले हभिानी के लीलाराम और िीन बार ओलंहपक खेलने िाले हिसार के उदयचंद ि 1970 एहशयाड म जीिने िाले चंदगी राम िी िररयाणा के बड़े पिलिान म से थे। यिां खेल को नई हजंदगी िि 2000 के आसपास हमलनी शु िुई। यमुनानगर की बिू कणम मललेशिरी ने ओलंहपक म िेट हलसटग मे कांसय पदक जीिा िो सरकार ने उि 25 लाख पए का पुरसकार हदया। 2008 बीहजंग ओलंहपक म सुशील और हिज ने मेडल जीिे। यिां से खेल की बयार चल पड़ी। 2010 कॉमनिेलथ म िररयाणा के हखलाहड़य ने 35 मेडल जीिे। 10 िि म िी 400 हखलाहड़य को नौकररयां भी हमली। 2012 म सुशील ि योगेशिर ने कुशिी म ओलंहपक मेडल जीिे। अब नगदी, नौकरी और नाम िीन हमलने से युिा ने अब इसे कॅररअर के प म लेना शु कर हदया। आज िररयाणा खेल के हलए न हसफ पिचाना जािा िै, बसलक अय राजय के हखलाड़ी यिां से खेलने के हलए रहजसेशन कराने की लाइन म लगे िुए ि। खेल म इसी उपलसध की िजि से भाजपा सरकार ने भी खेल नीहि बदली और ओलंहपक म गोलड मेडल लाने िाले को छि करोड़ पए िक देने की घोिणा की। खेल : ओलंबिक टीम म 19 बतशत हमारे बखलाड़ी 35 मेिल दिलली रामंिल खेल म हररयाणा के दखलादड़य के नाम रहे। 6 गोलि हररयाणा के दखलादड़य ने गलासगो कॉमनवेलथ गेमस म िीते। िेश म हजस िकि िररि कांहि करिट ले रिी थी, उसी समय िररयाणा पंजाब से अलग िुआ। जो जमीन हिससे म आई, उसम से बड़ा हिससा रेि के हटबे और पथरीली-बंजर भूहम का था। हसंचाई के नाम पर था, राम का भरोसा। पंज-दररया यानी पांच नहदय के देश से अलग िुए िररयाणा के हिससे एक भी नदी ऐसी नि आई, जो हसंचाई की जरि पूरी कर दे। इन िालाि के बािजूद िमारे हकसान खेि म जुटे, िो िैाहनक लैब म डटे। निीजा नई िकनीक, नए बीज और नई निर की बदौलि िालाि बदल हदए। िररयाणा एीकलचर यूहनिहसटी (एचएयू), हिसार के िैाहनक गेिूं की डलयूएच 147 हकसम का उदािरण हगनािे ि। 1975 म िैयार यि हकसम कम उपजाऊ जमीन म भी बेििर उतपादन देिी थी। हिशि म पिली बार गेिूं म कनकी की हिरोधकिा का खुलासा 1992-93 म एचएयू ने िी हकया। 2011 म हि िेकटेयर गेिूं उतपादन (51.82 सकिंटल हि िेकटेयर) म राीय ररकॉड बना हदया। राीय भंडार म अ देने म िम पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर ि। ‘दूध-दिी के खाणे’ के हलए खयाि िररयाणा म शिेि कांहि गुजराि से लगभग दो दशक बाद हदखी। 1973 म अमबाला म पिली दूध सिकारी सहमहि बनी। बािजूद इसके िररयाणा ने भस की देसी नसल मुराि और सािीिाल गाय के दम पर गुजराि को पीछे छोड़ हदया। जब िररयाणा बना, िब हि वयसकि दूध उपलधिा 352 ाम थी। आज 79 लाख टन दूध िो रिा िै और हि वयसकि दूध उपलधिा-803 ाम िै, जो पंजाब (1010 ाम) के बाद दूसरे नंबर पर िै। लैक यूटी मुराि का जादू देश भर म चलिा िै। दो साल पिले आंदेश के सरपंच ने 32 लीटर दूध देने िाली ‘लमी’ को खरीदने के हलए 25 लाख चुकाए। भस का हिककी डोनर किे जाने िाले मुराि नसल के झोटे ‘युिराज’ की कीमि िो 7 करोड़ लग गई थी। एनडीआरआई म िड गाइडेड कलोन टेहक से ‘महिमा’ नाम की हिशि की पिली कटड़ी को जम हदया िै, िि भी मुराि नसल की िै। दहससे म आए थे दिबबे ऐसे पाया मुकाम 35.89 लाख हेरटयर म होती है खेती 60 लाख टन अनाि िेते ह कीय पूल म 26 लाख टन अनाि पैिा होता था 1966 म, अब 172 लाख टन होता है 75 िेश म सपलाई होता है हररयाणा का चावल खेत : 1.4% भूबम देश को देती 15% उतिादन िमारे देिािी अंदाज पर बॉलीिुड लोटपोट गाड़ हदया भाई…, रै छोरी माफ करैगी या थाने चालैगी…, िेरा मोर बना दयूंगा…, घणा अंगरेज सै… इस जैसे दजन डायलॉग अब िररयाणा की गहलय िक िी सीहमि नि ि, बसलक बॉलीिुड के जररये देश- दुहनया के युिा की जुबां पर छा चुके ि। लगभग डेढ़ दशक पिले यि ससथहि नि थी। ठेठ शद, अकखड़ अंदाज और भारी आिाज की िजि से िररयाणिी बोलने िाल को िंसी का पा बनाया जािा रिा। कॉल सटर म िो केिल बोली के चलिे िी इंटरवयू से हनकाल हदया गया। अब िमारी यिी कमजोरी बॉलीिुड म नई िाकि बनकर हफलम हिट करने का फॉमूला बन चुकी िै। देश के हखलाहड़य और खाप-पंचायि के सुहखय म आने से िररयाणा धान हफलम का हसलहसला चल हनकला। डेढ़ दशक म िी िररयाणिी बोली, गांि की खुशबू और मु की गम हदखाने िाली 35 से जयादा हफलम आ चुकी ि। िु िेडस मु ररटन म झर की एथलीट बनकर कंगना पद पर छाई िो आहमर खान हभिानी की पिलिान बिन पर और सलमान खान रेसहलंग पर हफलम बना रिे ि। बोली: बिलम िर 300 करोड़ का दांव लठ 35 से जयािा दफलम, 50 से अदधक कलाकार, पगड़ी को नेशनल अवॉि 30 हिार से जयािा शबि हररयाणवी बाेली म, 5000 मुहावर का संकलन एिरेसट से अंिरर िक फिराया हिरंगा 19 निंबर 1997 को जैसे िी नासा के यान कोलंहबया ने अंिरर की उड़ान भरी िैसे िी िररयाणा की बेहटय के हलए भी सिहणम भहिय के रासिे खुल गए। करनाल की बेटी कलपना चािला अंिरर जाने िाली पिली महिला भारिीय बन। इसके बाद लाख अहभभािकाें की कलपना म छा गया हक उनकी बेटी भी अंिरर परी बनकर नाम रोशन करे। इससे पिले मई 1992 और 1993 म एिरेसट चढ़कर रेिाड़ी की संिोि यादि ने भी िररयाणा की बेहटय का नाम चमकाया। दो दशक पिले चला सफलिा का यि हसलहसला अब लगािार आगे बढ़ रिा िै। इससे पिले िि 2000 म देश का हलंगानुपाि केिल 804 था। धीरे-धीरे सोच बदली और अब 877 िो गया। सफलिा की बाि कर िो शासहनक सेिा म िर िि 15 से जयादा िररयाणा की बेहटयां सफल िो रिी ि। खेल म कणम मललेशिरी, सायना नेििाल, कृणा पूहनया, गीहिका जाखड़, गीिा, बबीिा, हिनेि, सुमन आहद नाम चमका रिी ि। जद के बीबीपुर से हनकला सेलफी हिद डॉटर का कानसेपट दुहनया भर म छाया। धानमंी ने भी इसकी िारीफ की। बेटी: िहले गभ म मरती थी, अब िलक िर चमक रह 804 रह गया था वि 2000 म सेरस रेदशयो, अब है 874 1997 म कलपना के अंतरर िाने के बाि बढ़ा पढ़ाई का ेि 10 वर म 8 सीएम 1985 से 95 तक 10 साल म 8 सीएम आए। 1985 म बंसीलाल, 87 म िेवीलाल, 89 म आेपी चौटाला, 90 म बनारसीिास, 90 म चौटाला, 90 म हुकम दसंह, 91 म चौटाला सीएम बने। 91 म भिनलाल आए। } नए बीज से िररयाली आई } खेल को हदया नया मुकाम } ठेठ िररयाणिी बॉलीिुड म छाई } बेहटय ने भी कमाया नाम वो बात जो हरियाणदवय के दलए ताकत, िसि की पेिणा जादनए भासकर से यूं बनाई पिचान दशकवार बवकास की कहानी खेल-खेल म कॅरिअि की िौड़... नाम-इनाम औि नौकिी 20 से 30% दखलाड़ी िेश से हर अंतरराीय दतयोदगता म शादमल होते ह। 06 करोड़ पए ओलंदपक म गोलि लाने पर पुरकार 10 लाख दवाथ बनाना चाहते ह खेल म भदवय, 7886 का पीि म चयन 50 से जयािा बड़ टदियम व पोरस काॅमपलेरस हगे। 232 टदियम गांव म बनगे। 01 खेल यूदनवदसटी पर दवचार, 4 नेशनल अकािमी, 6500 वयायामशालाएं बनगी 07 बेदटयां भारतीय हॉकी टीम म ह िेश की। इनम कपतान रीतू रानी, रानी रामपाल, सदवता पूदनया, पूनम, नविोत, िीदपका ठाकुर और मोदनका शादमल ह। हररयाणा म खेल कॅ ररअर के प म िे खा िा रहा है। नाम, नगिी और नौकरी सुदनसशचत होने के कारण अदभभावक भी ब को खेल म आगे बढ़ा रहे ह। सुनहिा सफि 2 रबववार 1 नवंिर 2015,पानीपत अपनी राय दीढजए हरियाणा के सण जयंती र पि भासकि की इस वशेर सतवत पि हम अपनी िाय सझा जि दीवजए। एसएमएस या ॉटसअप कि : 8683094436 | E-mail : [email protected] पि भी आप अपना फीडब क दे सकते ह ।