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1 िदसंबर 2015 को चे�ै पर भारी बा�रश का अ�यनछठवी ंअ�खल भारतीय
िवभागीय िहंदी संगो�ीमौसम के�, ित�वनंतपुरम 01 – 02 जून 2017
डॉ कु.वै. बालसुबमिमयन,
M.Sc. (Physics), M.A. (Tamil), M.A. (History), M. Phil., Ph.
D.
मौसम िव�ानी गेड ‘िब’पदेिशक मौसम क� द, चे�ै
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प�रचयपकर ित जब अपने सौ� �प म� होती है तो यह ब�त आनंददायक और
मनोहारी पतीत होती है िकंतु जब पकर ित अपने रौद �प म� आती है, तो
चारो ंओर िवनाश ही िदखाई देता है । 1 िदसंबर, 2015 को तिमलनाडु की
राजधानी चे�ै को पकर ित के इसी रौद �प का सामना करना पड़ा जब भारी वषा�
के प�रमाम��प पूरा चे�ै शहर एक टापू म� बदल गया तथा देश के अ� भागो
ंसे इसका संपक� टूट गया । 1 िदसंबर को �ई भारी वषा� ने दि�म भारत के
केवल तिमलनाडु रा� म� ही नही ंब�� आंध पदेश एवं पुडुचेरी के कुछ �ेतो
ंम� भी बाढ़ की �सथित उ�� कर दी । इस भारी वषा� के दौरान चे�ै शहर को
सवा�िधक �ित �ई तथा चे�ै म� 1-3 िदसंबर, 2015 को िपछले 100 वष� म�
सवा�िधक वषा� �रकॉड� की गई । प�रमाम��प 2 िदसंबर को चे�ै को आपदा �ेत
घोिषत िकया गया । दि�म भारत म� भारी वषा� का यह कम नवंबर माह से ही चल
रहा है । बंगाल की खाड़ी म� बने िन� दबाव �ेत के कारम 8 नवंबर, 2015 को
तिमलनाडु म� भारी वषा� �ई । इस वषा� ने तिमलनाडु के कडलूर, िचदंबरम
एवं चे�ै शहरो ंको बुरी तरह पभािवत िकया । ऐसी ही भारी वषा� 15-16
नवंबर को भी चे�ै म� �ई । िजससे शहर के अिधकतर �ेतो ंम� बाढ़ की �सथित
उ�� �ई । चे�ै म� नवंबर माह म� कुल 1049 िमलीमीटर की वषा� �ई जो
नवंबर, 1918 म� �ई सवा�िधक 1088 िमलीमीटर की वषा� के बाद सवा�िधक है
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िपछले अ�यनो ंकी समी�ातिमलनाडु म�, दि�म पि�म मॉनसून (जून से
िसतंबर) और पूव��र मानसून (अ�ूबर से िदसंबर) दोनो ं ऋतु म� वषा� पार
होती है । हालांिक, पूव��र मानसून के दौरान रा� के अिधकांश िह�ो ंके
िलए पभावी वषा� पार होती है । पूव��र मानसून के मौसम को पो�-मॉ�ून
चकवात मौसम के �प म� भी जाना जाता है । तिमलनाडु के समुद तटो ंको
पभािवत करने वाले चकवात संबंधी गड़बड़ी के कारम वहां वषा� की अ�ी माता
म� पार होता है । रा� के तटीय िजलो ं म� आंत�रक िजलो ं की तुलना म�
अिधक बा�रश होती है ।
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शहरो ंकी वषा� अथा�त् मदास, कोय�तूर, नागापि�नम, ित�िचराप�ी जैसे
शहरो ंकी वषा� के बारे म� ब�त से अ�यन िकया गया है । तिमलनाडु (पूव�
मदास रा�) म� पूव��र मानसून वषा� िवतरम का अ�यन ‘गैसपर’ (1962), सुरेश
और िशवरामकर �न (1997) और के.वी. राव (1963) ने िकये ह� । तिमलनाडु
रा� पर पूव��र मानसून के दौरान उ�किटबंधीय चकवातो,ं जो वषा� की अ�ी
माता देते ह�, पर कई अ�यन िकए गए ह� । वाई.ई.ए. राज (1992, 1998,
2003) वाई.ई.ए. राज और अ� लेखको ं(2004, 2007, 2008) और पंकज कुमार
(2006) ने सीजन के दौरान मानसून की शु�वात और बा�रश की भिव�वामी पर
शोध िकये ह� ।
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1901-1985 की अविध के डेडा के आधार पर पूव��र मानसून सीजन की औसत
वषा� 47.7 स�टीमीटर होती है, जो िक िविवधता के सह-द�ता 27 है । बा�रश
िवतरम म� 0.11 की ितरछापन (skewness) और -0.450 की कूटाई (Kurtosis)
िदखाई देता है (सुरेश और िशवरामकर �न, 1997) । वष� 1871-2001 की अविध
के िलए अंतर-वािष�क प�रवत�नशीलता को दशा�ते �ए पूव��र मानसून की
सालाना मानकीकर त वषा� साल-दर-साल या���क अ�सथरता दशा�ती है, लेिकन
शरंखला म� कोई �व�सथत पवरि� नही ंहै । 1870 से 2010 तक, पूव��र मानसून
के मौसम म� तिमलनाडु को सामा� से 50 पितशत अिधक वषा� आठ बार (1883,
1898, 1930, 1946, 1993, 1997, 2005, 2010) �ई है । इस आठ वष� म�, चार
साल म�, सामा� वषा� की तुलना म� 70 पितशत और उससे अिधक की वषा� 1883,
1946, 1997 और 2005 म� �ई है (कु.वै. बालसुबमिमयन, 2011) ।
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1951 से 2015 तक दि�मी पायाीप पर सामा� वषा� मुकाबले वा�िवक वषा�
का गार
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अतीत म� चे�ै शहर म� कई भारी बा�रश के एिपसोड देखे गए ह� । 25
नवंबर 1976 को चे�ै नंुगंबा�म वेधशाला म� दज� िकए गए भारी बा�रश 452
िम�ी मीटर है । पुरानी वषा� �रकॉड्�स से संकेत िमलता है िक 21 अ�ूबर,
1846 को चे�ै म� 55 स�टीमीटर और 24 अ�ूबर 1846 को 46 स�टीमीटर था ।
चे�ै शहर ने 14 जून 1996 को 347.8 िमलीमीटर की भारी वषा� दज� की ।
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तिमलनाडु म� पूव��र मा�ून ऋतु की वषा� और एल-िननो
वष� 2015 एक एल-नीनो वष� है । एल-नीनो पशांत महासागर म� उ�� होने
वाली एक गम� धारा है जो पित वष� नही ंउ�� होती । एल-नीनो की धारा भारत
की जलवायु को भी पभािवत करती है । वष� 2015 के एल-नीनो वष� होने के
कारम यह अनुमान लगाया जा रहा है िक शायद इस धारा के पभाव के कारम ही
दि�म भारत के इन रा�ो ंम� भारी वषा� �ई । लेिकन भारी बा�रश गैर-एल
नीनो के वष� के दौरान भी �आ है । इसके अित�र� दि�म भारत के रा�ो ंम�
वरहद नदी तंत एवं आद�भूिमयां पाई जाती ह� जो भारी वषा� की अवसथा म�
बाढ़ की �सथित उ�� करती ह� ।
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तिमलनाडु म� पूव��र मा�ून ऋतु की वषा� और एल-िननो के बीच के संबंधो
ंपर कई शोध पत ह� । लेिकन प�रमाम अिनम�त ह� । वष� 1997 एक एल-िननो वष�
था और तिमलनाडु को सामा� से 70 पितशत अिधक वषा� पार �आ । लेिकन 2005
एक गैर एल-िननो वष� था और तिमलनाडु को सामा� से 79 पितशत �ादा बा�रश
से िमला था ।
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बाढ़ का पभाव 1 नवंबर से 5 िदसंबर 2015 के दौरान पूरे तिमलनाडु पर
िवशेष �प से चे�ै, ित�व�ुर, कांचीपुरम िजलो ंम� भारी वषा� �ई है ।
इससे बाढ़ और जीवन और संपि� को ब�त नुकसान �आ। �ेत का न�ा रेखा-िचत-4
म� िदया गया है । चे�ै िजले म� 1 नवंबर से 5 िदस�र तक कुल वषा� 408.4
िमलीमीटर के सामा� के �खलार 1416.8 िम�ीमीटर थी, कांचीपुरम िजले म�
317.5 िम�ीमीटर के सामा� के �खलार 1528.5, 317.5 के �खलार और ित�व�ूर
म� 296.1 िम�ीमीटर के सामा� वषा� के �खलार 1243 िम�ीमेतेर थी ।
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पानी भरे �ए चे�ै हवाई अ�ा
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चे�ै बाढ 2015 का पभाव
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चे�ै बाढ 2015 का पभाव
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से पभािवत िजलो ं
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नवंबर 2015 के दौरान तिमलनाडु म� िजलावार वषा� का गार
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िसनाि�क �सथित (अ) समुद के दबाव का मतलब (आ) 10 मीटर की ऊंचाई म�
हवा (इ) वषा� की दर
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1 नवंबर से 3 िदसंबर 2015 तक चे�ई, कांचीपुरम और ित�व�ुर िजलो ंकी
वषा�
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डॉपलर मौसम रडार डेटा का उपयोग करते �ए 30 नवंबर से 2 िदस�र 2015
तक चे�ई िजले म� बा�रश की िविवधता
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िन�ष� 28 और 29 नवंबर को दि�म-पि�मी खाडी म� सतह �र पर एक िन� दाब
दोिम था । 30 नवंबर 2015 को इस दोिम उ�र तटीय तिमलनाडु-शीलंका के अपतट
पर िदखाई गई थी । 1 िदसंबर को चे�ै, कांचीपुरम और ित�व�ुर िजलो ंम�
भारी बा�रश �ई । तीन िजलो ंम� वषा� का सथािनक िवतरम रेखा िचत म� िदया
गया है । कमलजीत रे और अ� लेखको ंका राय ऐसा है िक अ�िधक भारी बा�रश
के कारम बादल रट ठहराये । 1 िदस�र चे�ै म� �ई पित घंटा की वषा� का
अ�यन ने संकेत िदया है िक उस िदन 1000 से 1100 साव�ितक सम��त समय
(यू.टी.सी) के बीच 229 िमलीमीटर मीटर की वषा� �ई थी और कांचीपुरम और
ित�व�ूर म� भी ऐसी बा�रश देखा गया है । हालांिक, डॉ�र मौसम रडार, चे�ै
की �रपोट� के मुतािबक उस िदन बादल की ऊंचाइयो ंपूरे िदन लगभग लगभग आठ
िकलोमीटर ह� । पूरे िदन के दौरान �सथर पूव� हवा देखी गई थी और इसिलए
पूरे िदन लगातार वषा� �ई है । तीन िजलो ंम� हवाओ ंके वेग अिभसरम, भारी
बा�रश का कारम हो सकता है ।
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1 दिसंबर 2015 को चेन्नै पर भारी बारिश का अध्ययनपरिचयपिछले
अध्ययनों की समीक्षाSlide Number 4Slide Number 51951 से 2015 तक
दक्षिणी प्रायद्वीप पर सामान्य वर्षा मुकाबले वास्तविक वर्षा का
ग्राफSlide Number 7तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मान्सून ऋतु की वर्षा और
एल-निनो Slide Number 9बाढ़ का प्रभावपानी भरे हुए चेन्नै हवाई
अड्डाचेन्नै बाढ 2015 का प्रभावचेन्नै बाढ 2015 का प्रभावनवंबर से 1
दिसंबर 2015 तक भारी बारिश से प्रभावित जिलोंनवंबर 2015 के दौरान
तमिलनाडु में जिलावार वर्षा का ग्राफसिनाप्टिक स्थिति (अ) समुद्र के
दबाव का मतलब (आ) 10 मीटर की ऊंचाई में हवा (इ) वर्षा की दर1 नवंबर से
3 दिसंबर 2015 तक चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लुर जिलों की
वर्षाडॉपलर मौसम रडार डेटा का उपयोग करते हुए 30 नवंबर से 2 दिसम्बर
2015 तक चेन्नई जिले में बारिश की विविधतानिष्कर्षSlide Number
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