3 3 3 3 3 3 Ã डॉ. विपुलरॉय राठौड़ एमएस एफएएसजीई, डायरेकर वरड गेएलॉजी इंी, मुंबई सावधानी इंफोाफफक जो भी वक लगाार कंपटर ीन के सामने बैठा है, उसे डिडजटल आई न होने का खरा रहा है। डिडजटल आई न को मेडिकल साइंस की भाषा म कंपटर डिजन डसंोम (सीिीएस) कहा जाा है कारण पररणाम समाधान डडडजल डडवाइस का बहुत जयादा यग करने के साथ ही बार-बार कंे ाडफक और ेक पर धयान केत करना। 5 म 1 ियस इस समसया से िरमान समय म वसर है... 8 से 18 साल क की उ के बे 1990 की ुलना म अब 17.5 घंट जादा ि एक सपाह म डिडजटल डििाइस के साथ डबाे ह। डिडजटल कंटनट हजार डिसलस से डमलकर बना है, डजसकी िजह से आंख म नाि और थकान बढ़ा है। डजसे डिकसलेसन कहे ह। घंे से जयादा समय डडडजल डडवाइस का यग करने से आंख का लाल हना या खुजली हना, धुंधला डदखाई देना, आंख म सखापन, कमर दद, गदन म दद, डसरदद की डिकायत ह सकती है। औसन वक 1 डमनट म 18 बार िलक झिकाा है। कंपटर ा अन डिडजटल डििाइस का ोग करने से 50 फीसदी कम हो जाी है। लगाार आंख म थकािट की िजह से डसरदद होने लगा है। छोटी इमेज और फाॅनट से सामान थकािट की समा हो सकी है। 1 आंख को यनेस से बचने के लिए पयप म म पनी पीन चलिए थ जूस जैसे रि पदथ िेने चलिए। लिलजटि लिवइस क योग आंख से पयप दूरी से करन चलिए, लिलजटि लिवइस को आंख से िगभग 50 से 100 सटी मीटर दूर रखन चलिए। मोबइि क ट सइज और उजर सेलटंग बड अर म रखन चलिए, लक आंख को पयप आरम लमि सके। तयेक 20 लमनट म अपनी लिलजटि लिवइस से दूर िोन चलिए थ 20 सेकि क कोई अनय चीज िगभग 20 लिट दूर की देखन चलिए। 2 3 4 गडमय के मौसम म जॉडस की बीमारी जयादा हती है। जाडनए यह बीमारी कया है तथा इस बीमारी क कैसे खुद से दर रख सकते ह डस (पीडलया) डलवर संबंधी बीमारी है। यह बीमारी रकत म डबलबीन की माा बढ़ जाने के कारण हती है। सामायत: िरीर म डबलबीन का तर 0.2 से 1.2 mg/dl से कम हता है लेडकन जब यह 3 mg/dl से बढ़ जाता है, त जॉडस (पीडलया) क पहचाना जा सकता है। इसके हने पर तवचा का रंग पीला ह जाता है, तवचा डचपडचपी ह जाती है और आंख पीली नजर आने लगती ह। इसके अलावा पे म दद व सजन, उरी आना, जी मचलाना, कमजरी, डसरदद, भख न लगना और बैचेनी जैसे लण मुखता से महसस हने लगते ह। सामायत: जॉडस (पीडलया) द कार के हते ह सडजकल जॉडस और मेडडकल जॉडस। जॉ मेडडकल जॉडस म हेपेाइडस (डलवर म सजन) आ रही हती है। हेपेाइडस जयादातर मामल म वायरल इंफेकिन के कारण हता है, हेपेाइडस के मुखय पांच कार : हेपेाइडस ए, बी, सी, डी और ई ह। इसके साथ ही एरकहल लेने, दवाइय के सेवन, बैकीररया इंफेकिन के कारण भी हेपेाइडस ह सकता है। बहुत कम हने वाले हेपेाइडस के कार म डलवर मेाबॉडलक डसंम या ऑइमयन हेपेाइडस भी हते ह। जद शकर सेवन, हरल सपलमट और रहुत जद ववटवमन ए लेने से भ वलवर ो नुसन पहुंचत है। इस जॉडस म डप वाडहनी और डलवर से डप के वाडहत हने म बाधा आती है। इस जॉडस के हने का मुख कारण डपािय की पथरी (गाल बलाडर न) के डप वाडहनी म डखसक जाने के कारण हता है। मर या कसर भी डप वाडहनी, डपािय (गाल बलाडर) अगयािय (पैीयास) क भाडवत करता है। सडजकल जॉडस की जांच के डलए पे की अरासाउंड जांच की जाती है। एडकडपक अरासाउंड अबकव जॉडस हने की सही वजह पहचान लेता है। पहचानने के बाद डपािय म से पतथर क अलग कर डदया जाता है, यडद डप वाडहनी, डपािय या अगयािय म कसर हता है त डप वाडहनी म बाधा आती है। ऐसे म पलाक या मेल की स (जाली) लगा दी जाती है। मेडिकलजॉनिस साधारण तिचा िीडला के दौरान तिचा ऐसेबचावडकयाजासकताहै खानेमइहशाडमलकरनाफायदेमंद जॉनिससंबंधीयेजांचहजरी... 1 वस भ सवस संरंध समस े वलए दवएं डॉकटर सलह अनुसर लेने से वलवर खरर होने और अनजने म दवई ओवरडोज लेने े रण होने वल समस सेरोवसस ज 6 पड (गलोज 6 फॉसफेट डहइोगेनेज) से रच सते ह। 2 द और शररर संरचन े वहसर से वजन संतुवलत रखन चवहए। 3 अनोटेकटेड इंटरोस इवेनस ग े उपोग से दर रहन चवहए। सथ ह रकत देते लेते सम और सुई ोग रते सम पर सवधन रखन चवहए। इससे हेपेटइवटस र हेपेटइवटस स े खतरे ो म र सते ह। 4 जहं हेपेटइवटस होने खतर जद हो ऐस जगह रने से पहले हेपेटइवटस ए और र वैकसन ( ट) लगव लेन चवहए। हेपेटइवटस स े वलए ोई वैकसन उपलबध नह है। 5 दवित पन और दवित भोजन सेवन हेपेटइवटस ए े खतरे ो रढ़ देत है। 6 जहं मलेरर रमर फैल हो ऐस जगह रते सम मलेरर से रचने े वलए आवश दवएं और सवधन ररतन चवहए। 7 सवजल जॉनडस से रच नह ज सत है, कव इसे होने े रद ह इस पत चलत है। इससे रचने े वलए वपश पथर समस से दर रहन चवहए। वजसे वलए पपत म म पन पन, फइरर ुकत अनज सेवन फदेमंद है। बलड े के माधयम से सीबीसी, डलवर फंकिन े डजससे डबडलबीन का तर, पेडडस, की जांच की जाती है। गभवती मडहला के डलए भी यह े आवशयक है। इसके अलावा पे की अरासाउंड जांच, कंपयराइजड माफी, सीी कैन, कल-साइंीाफी हाइडा कैन, मैेडक रीसनेस इमेडजंग (एमआरआई), एंडकडपक अरासाउंड, एंडकडपक रेेड कलांडगय पेएाफी (ईआरसीपी) आडद जांच की जाती है। Áवनवमत तौर पर 1 वगलस टमटर जस ल वमच और नम डलर पन फदेमंद होत है। नवजत वशशु म वद जॉनडस े लण हो तो ेसटफवडंग रने वल मत ो भ रोजन सुरह ए वगलस टमटर जस पन चवहए। Áआरन और ैनसम जॉनडस से लड़ने े वलए जर है, इसवलए इन दोन ततव से ुकत होने े रण छंछ सेवन रन फदेमंद है। Áपपत खने से एंजइम एरुवमन सतर संतुवलत रहत है। 1 2 3 4 5 हेपेटाइटटस (A) वायरल हेपेाइडस ए दडित पानी और भजन के कारण हता है। हेपेाइडस ए से संडमत वयकत के संपक म आने से भी ह सकता है। हेपेटाइटटस (B) हेपेाइडस बी इंजेकिन डसररंज, संडमत खन चढ़ाने, यौन संमण, संडमत वयकत का रेज़र इतेमाल करने से ह सकता है। हेपेटाइटटस (C) हेपेाइडस सी से संडमत वयकत के साथ सेकसुअल ररलेिन, अनेकेड इंरकस, इंजेकिन ग यग करने से हता है। हेपेटाइटटस (D) इसे डेरा हेपेाइडस भी कहते ह। डजन लग क हेपेाइडस बी और सी ह चुका हता है, उह ही इसका संमण हता है। हेपेटाइटटस (E) जयादा गंदगी वाली जगह पर दडित पानी से इस संमण के फैलने का खतरा हता है। अधपके मांस क खाने के कारण भी यह ह सकती है। सडजकलजॉनिस जवाब सवाल Ã डॉ. ाश िेमगल कंसर पीडडयाीडियन एंड डडकल केयर पेिडल, फडस हॉपल बंगलु मेरी ीन साल की बेटी को बार-बार रीनरी ट इंफेन की डका होी है। मुझे ा करना चाडहए? }राविा, 32 िर बीानेर जवाब सामायत: यरीनरी क इंफेकिन की समया एक बार पहचानने के बाद भावी तरीके से इलाज करने और एंीबायडक देने से अकसर दबारा नह हता है। पहचानने की कडिि कीडजए कह वम इफेिन (कृडम संमण), कबज, एडसड ररफलकस के भी लण त नह ह। डनयडमत यरीन े और सही एंीबायडक से यीआई की समया ठीक ह सकती है। इसडलए अपनी बेी की यरीनरी क इंफेकिन संबंधी आवशयक जांच कराइए। बार-बार यरीनरी क इंफेकिन की समया डकडनी या यरेर (मवाडहनी) की पथरी का लण ह सकता है। इसके साथ ही पे म दद, उरी आना, बुखार आना, यरीन के साथ बलड आना भी इसके लण ह। बी के जेडनल एररया क नहाते और ॉयले जाते समय पानी और माइरड सप से डनयडमत तौर पर साफ करना चाडहए। साथ ही सफाई के डत उसे ये सीख दीडजए। इसके साथ ही पयापत पानी पीना और यरीन क जयादा समय तक नह रकना चाडहए। बे को रीनरी ट इंफेन होने िर ा घरेल उिचार ाथडमक ौर िर अिनाए जा सके ह? }िण, 40 िर नागपुर जवाब यरीनरी क इंफेकिन के लण यडद डपछले 24 घंे से नजर आ रहे ह त बे क जयादा से जयादा पानी, फल का जस जैसे डलकवड फूड का सेवन करने के डलए कहना चाडहए। इससे यरीन के माधयम से बैकीररया बाहर डनकल जाते ह। इस दौरान बे क कैफीन युकत पदाथ जैसे चाय, कॉफी तथा काबनेेड डंक जैसे करड डंक नह पीने देना चाडहए। रीनरी ट इंफेन का ा इलाज है? }पजा, 34 िर खरगौन जवाब यरीनरी क इंफेकिन हने पर डॉकर बे के िरीर म डकस कार के बैकीररया और इंफेकिन ह, इसके आधार पर एंीबायडक दवाएं देता है। दवाएं देने के कुछ डदन बाद डॉकर दबारा यरीन े करता है, ये जानने के डलए कह इंफेकिन दबारा त नह ह गया। यीआई इंफेकिन ठीक ह जाने के बाद भी बे क डॉकर ारा दी गई दवाएं देना चाडहए। पयापत दवा का कस परा न करने से दबारा इंफेकिन ह सकता है। यीआई यानी यरीनरी क इंफेकिन की समया ब क भी ह सकती है, उह यह कय हता है तथा कैसे सुरडत रखा जा सकता है जाडनए... लकोरिा वजाइनल डडचाज की समया का भाव िारीररक और मानडसक वाय पर पड़ता है। जानते ह यह समया कया है? कय हती है? और इससे आप कैसे बच सकती ह ही नह परी दुडनया म हर उ के मडहला के बीच सबसे आम बीमारी रयकररया की समया है, इसे सफेद पानी जाना भी कहते ह। ऐसी थडत म मडहला के गुपतांग से सफेद रंग के डलकवड का ाव हता है। सामाय ाव और रयकररया के बीच अंतर हता है। रयकररया द कार का हता है डफडजयलॉडजकल रयकररया तथा इफलेमेरी या पैथालाॅडजकल रयकररया। Ã डॉ. जयतसना गुपरा ी रग डविेि, डदरली देश डफडजयोलॉडजकललयकोररया इलेमेटरीलयकोररया यह रयकररया की सामाय अवथा है, हामन के तर म पररवतन के कारण इस तरह का ाव (डडचाज) हता है। यह थडत गभावथा के िुआती समय म, सेकसुअल एकसाइम, लड़डकय म युवावथा म ह सकता है। जम के एक सपताह बाद तक (मातृतव के एजन हामन के कारण) नवजात बी क भी ह सकता है। ऐसी थडत म ाव पीले रंग का और दुगध भरा ह सकता है। थकान, डसरदद, खुजली, कबज, पे म मरड़ या दद, डपंडली और कमर म दद हना ये लण इफलमेरी या पैथालाॅडजकल रयकररया के लण ह। इस तरह के लण डदखाई देने पर डॉकर से संपक करना चाडहए 1 2 कयाहैकारण बचावकेडलएजरीबात ाकृडतकउपचार Áपिण आहार की कमी, अवचछता Áगभािय म कई च या गभावथा के समय डकसी डि (ऊतक) म च आना। Áयरीनरी क इंफेकिन Áबैकीररया या डकसी अय फंगल इंफेकिन। Áवजाइनल कासेपव के यग से हने वाली जलन के कारण। Áपानर के एकसनल कासेपव के यग करने से हने वाली जलन के कारण। Áडायबीडज या एनीडमया। 1 पयापत वचछता रखनी चाडहए। इसके डलए पानी और अचछी कवाडली के फेमडनन वॉि से जेनेडल एररया की रजाना सफाई करना चाडहए। आरामदायक अंतव क पहनना, सेफ और हेरदी सेकस रयकररया (सफेद पानी) के खतरे क कम करता है। 2 खाने म पयापत पिण आहार लेना चाडहए ताडक िरीर म कमजरी न रहे और डकसी पिक ततव की कमी न ह। 3 मसालेदार खाने की चीज के सेवन से बचना चाडहए। 4 वहाइ सुगर ( िककर) से बनी चीज के सेवन से बचना फायदेमंद है। 5 डन या केड डडबबा बंद खाने के सेवन से बडचए। 6 मैदे से बने खा पदाथ का सेवन करने से बचना चाडहए। हाइथैरेपी/ वहप बाथ/ लड बाथ िजाइन े म बलड स्लेशन बेहरर ररा है, ठंडे पानी से नहाने से पे म रकर े जमाि ी ससथवर म इस हाइथैरेपी अपनाने से लयररया ी समसया म आराम वमलरा है। Ã डॉ. हेमंर चरुिदी दय रग डविेि, जयपुर हाइपिटशन 50 वि की आयु से पव मडहला की अपेा पुि म हाइपरिन की डिकायत जयादा पायी जाती है दय िरीर के सभी अंग क रकत पहुंचाने का काय करता है। इसी रकतवाह के समय दय एक दबाव पैदा करता है, इस दबाव क बलड ेिर कहते ह। एक सेहतमंद पुि के डलए बलड ेिर डसकुड़ने के समय 120 mmhg हता है और आराम डक थडत म 80 mmhg हता है। जब डसॉडलक (जब दय डसकुड़ता) बलड ेिर140 mmhg या इससे ऊपर और डाइयॉडलक (जब दय फैलता)बलड ेिर 90 mmhg या इससे ऊपर ह जाता है, त उसे हाइपरिन कहते है। वयकत का बलड ेिर जयादा काम करने, भय, डचंता, िक, ध, वयायाम आडद अवथा म रकतचाप कुछ समय के डलए बढ़ जाता है। इसीडलए अगर डकसी वयकत का रकतचाप, सामाय थडत म डनयडमत प से जयादा आता है तब डॉकर उसे हाइपरिन कहते ह। हाइपरिन का अडधकांि लग म कई खास लण नह हता है। जब ये काफी बढ़ जाता है त डसरदद, धुंधला डदखाई देना, गदन म दद, चककर आना, िरीर म गम का अहसास, जी घबराना, उरी आना, नकसीर फूना, सांस फूलना, अडनयडमत धड़कन, गुद का कम काम करना जैसे लण डदखाई देने लगते ह। लंब समय तक बलड ेिर बढ़े रहने से रकत नडलका की दीवार मी एवं कठर ह जाती है। उनम कलेॉल का जमाव बढ़ जाता है डजससे हा अक की आिंका कई गुना बढ़ जाती है। डदमाग की रकत नाडलकाओ म दबाव बढ़ जाने से क का खतरा बढ़ जाता है। डदमागी पाघात हने का खतरा बढ़ जाता है। 1 डि डाइ ( डाइी एच ू ॉप हाइपरिन) जैसे पयापत मा अनाज, फल,सबज़यां खाना चाडहए तथा वसा युकत खा पदाथ कम लेना चाडहए। इससे 14 mm Hg तक बलड ेिर कम डकया जा सकता है। 2 नाररयल पानी पेडियम से भरपर हता है तथा हाइपरिन से बचने के डलए इसे पीना फायदेमंद है। 3 30 वि की आयु के बाद और अगर वजन जयादा है या पररवार म डकसी क उ रकतचाप है, त 20 वि की आयु के बाद साल म कम से कम एक बार रकतचाप डक जांच डॉकर से कराना चाडहए। 4 आहार म नमक की माा क डनयंडत करके 2-8 mmHg तक बलड ेिर क कम डकया जा सकता है। सामाय लग क 5 ाम से कम तथा हाइपरडसव मरीज क 2ाम से कम माा म नमक का उपयग आहार म करना चाइए। 5 आंवला रकत नडलका के लचीलेपन क बनाए रखकर बलड ेिर क बढ़ने नह देता है। इसका सेवन कीडजए। 6 75 डतित सडडयम हमारे खाने म सेड एवं केड फूड, मार कैचप, सप, डचपस म हता है। बाजार म डमलने वाले सेड फूड के पैके पर लगे लेबल पर इसकी माा जांच लीडजए। साथ ही इनका सेवन कम करना चाडहए। लण बचावकेडलएआवशयकउपाय परयम,डियोिरट केजयादायाेगसे बचनाचाडहएकयडक यहलयकोररयाकी समसयाकोबढ़ा सकताहै। र : www.dailyinfographic.com