UNIT-2 BCOM II YEAR CORPORATE ACCOUNTING 1 ाति का अथ (MEANING OF GOODWILL) ाति एक अ (invisible), थायी (fixed) सति है। ाति का सृजन (creation) एक तिया के प म होिा है , तजसका मू िो होिा है पर इसे दे खा और छु आ नही जा सकिा है , पर समझा जा सकिा है। यह एक आकषण शि है तजसके माम से ाहक आकतषि होिे ह। फलप ापाररक सथान अतिररि लाभ कमाने म सफल होिे ह। इसका मू ापाररक सथान की तसि, तिा, ईमानदारी, सचाई, आतथषक थति और सु सक पर तनभषर होिा है। इन सबके पररणामप लाभ कमाने की अतिररि मिा ाति (Goodwill) कहलािी है। ापार के अि पर ाति का अि तनभषर करिा है।
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UNIT-2
BCOM II YEAR CORPORATE ACCOUNTING 1
ख्याति का अर्थ
(MEANING OF GOODWILL)
ख्याति एक अदृश्य (invisible), स्थायी (fixed) सम्पति है।
ख्याति का सृजन (creation) एक प्रतिया के रूप में होिा है,
तजसका मूल्य िो होिा है पर इसे देखा और छुआ नही ीं जा सकिा
है, पर समझा जा सकिा है। यह एक आकर्षण शक्ति है तजसके
माध्यम से ग्राहक आकतर्षि होिे हैं। फलस्वरूप व्यापाररक
सींस्थान अतिररि लाभ कमाने में सफल होिे हैं। इसका मूल्य
व्यापाररक सींस्थान की प्रतसक्ति, प्रतिष्ठा, ईमानदारी, सच्चाई,
आतथषक क्तस्थति और सुदृढ़ सम्पकों पर तनभषर होिा है। इन सबके
पररणामस्वरूप लाभ कमाने की अतिररि क्षमिा ख्याति
(Goodwill) कहलािी है। व्यापार के अक्तित्व पर ख्याति का
अक्तित्व तनभषर करिा है।
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तिति (Simple Average Profit Method)- इस तिति के अन्तर्षि
तपछले कुछ िर्ों के औसि लाभ को उले्लक्तखि 'िर्ष िय' (Years'
purchase) से रु्णा करके ख्याति का मूल्याींकन तकया जािा है। यह
तिति इस मान्यिा पर आिाररि है तक नया व्यापार अपने सींचालन के
प्रारक्तिक कछ िर्ों में सन्तोर्जनक लाभ कमाने की क्तस्थति में नही ीं होिा
है।
या कायषरि व्यापार को खरीदने िाले व्यक्ति को उस रकम के बराबर
ख्याति की रातश देनी होर्ी जो तक िह प्रान कछ िर्ों में लाभ के रूप में
व्यापार से प्राप्त कर सकिा है। इसी कारण तपछले औसि लाभ को
उले्लक्तखि तनतिि सींख्या (जैसे-- ५ोोोीं के िय के बराबर या िीन िर्ों के
िय के बराबर आतद) से रु्णा करके ख्याति की रातश की र्णना की
जािी है।
गणना के चरण (Steps for Calculation)
(i)असामान्य हातनयोीं को जोड़िे हुए िथा असामान्य प्राक्तप्तयोीं को घटािे
हुए प्रते्यक िर्ष का सामान्य लाभ (Normal Profit or Maintainable
Profit) तनकातलए।
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(ii) तदये र्ये िर्ों के सामान्य लाभोीं का योर् तनकाल लीतजए।
(iii) कल सामान्य लाभोीं के योर् में तदये र्ये िर्ों से भार् देकर औसि
लाभ तनकाल लीतजए।
(iv) औसि लाभ को दी र्ई तनतिि सींख्या (जैसे—दो िर्ों के
िय के बराबर, िीन िर्ों के िय के बराबर, आतद) से रु्णा
करके ख्याति की अभीष्ट रातश प्राप्त कर लीतजए।
भाररि औसि लाभ तिति (Weighted Average Profit
Method)—यह तिति सािारण औसि लाभ तितिक है इस तिति
के अन्तर्षि रु्णनफल (Product) को प्राप्त करने के तलए प्रते्यक
िर्ष के लाभ को उससे सींबींतिि भार (1, 2, 3, 4, 5 आतद) से
रु्णा तकया जािा है। इसके बाद भाररि औसि लाभ तनकालने के
तलए फलोीं के योर् (Total of products) में भार के योर् (Total
of weight) से भार् तदया जािा। ख्याति का मूल्य तनकालने हेिु
भाररि औसि लाभ (Weighted Average Profit) को िय
तकये र्ये िर्ों की सीं में कर तदया जािा है ।
गणना के चरण (Steps for Calculation)
(a) तदये र्ये प्रते्यक िर्ों के लाभ की र्णना कीतजए।
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(b) तदये र्ये िर्ों के लाभ को 1, 2, 3, 4, 5 आतद से भार्
(Weight) दीतजए।
(c)प्रते्यक िर्ष के लाभ को उसके भार से रु्णा कर दीतजए।
(d)भारोीं का योर् और भाररि लाभोीं का योर् कीतजए। (e)
(e)तनम्नतलक्तखि प्रकार भाररि औसि लाभ (Weighted
Average Profit) की र्णना कीतजए :
(f)भाररि औसि लाभ को तदये र्ये िर्ों की सींख्या से रु्णा कर
ख्याति का मूल्य तनकाल लीतजए।
औसि लाभ तिति के गुण एिं सीमाएं
(Merits and Limitations of Average Profit Method)
(Merits):
(1) सरल तिति-यह तिति र्णना की दृतष्ट से सरल है।
(2) अजषन शक्ति पर आिाररि इस तिति में औसि लाभ के
आिार पर ख्याति की र्णना की जािी है जो व्यिसाय अजषन
शक्ति का प्रिीक है और अजषन शक्ति ख्याति को प्रभातिि करने
िाला महत्वपूणष घटक है।
सीमाएं (Limitations) :
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{1} अिैज्ञातनक इस तिति में िय िर्ों की सींख्या का तनिाषरण
स्व-तििेक के आिार पर तकया जािा है। अिः इसे िैज्ञातनक नही ीं
कहा जा सकिा।
(2) तितनयोतिि प ंिी पर ध्यान नही ीं इस तिति में ख्याति की
र्णना में लाभ का तितनयोतजि पूींजी के साथ कोई सम्बन्ध
स्थातपि नही ीं तकया जािा।
(2) अतिलाभ तिति
(SUPER PROFIT METHOD)
अतिलाभ तिति के अनुसार ख्याति का मूल्य ज्ञाि करना औसि लाभ
तिति की िुलना में अतिक सन्तोर्जनक है। सािारण | TGT में
अतिलाभ का आशय उस लाभ से है जो एक व्यिसायी अपने समकक्ष
टसो व्यिसायी द्वारा अतजषि लाभ की िुलना में अतिक लाभ प्राप्त
करिा है। जैसे, माना तक 'अ' एक कपडे़ का व्यापारी है, तजसमें
उसने 50,000 १ की पूींजी लर्ायी है और एक नई में उसे इस
व्यिसाय में 5,000 १ का लाभ प्राप्त हुआ। ‘ब' एक दसरा व्यापारी
है। उसने भी इसी पूींजी में इस व्यापार को उन्ही पररक्तस्थतियोीं में
तकया तजसमें तक ‘अ’ कर रहा है और उसे इस व्यापार में उसी िर्ष
में 5,500 १ का लाभ हुआ तजसमें तक 'अ' को 5,000 १ का लाभ
हुआ था, अिः यह 500 ३ का आतिक्य सािारण भार्ा में अतिलाभ
है। परनु्त यहाीं पर अतिलाभ का क तिशेर् अथष लर्ाया जािा है
तजसका िणषन नीचे तकया र्या है।
अतिलाभ का आशय (Meaning of Super Profit)
यतद व्यिसाय के िाितिक औसि लाभ फमष के सामान्य लाभ से
अतिक होिे हैं िो इस आतिक्य को अतिलाभ कहा जािा है। इसे
तनम्न प्रकार प्रकट तकया जा सकिा है :
अतिलाभ = िाितिक औसि लाभ - सामान्य लाभ
S.P. = A.A.P. - N.P.
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3 गणना के चरण (Steps for Calculation)
(a) िाितिक/औसि लाभोीं की र्णना कीतजए।
(b) तितनयोतजि पूींजी में सामान्य प्रत्याय की दर से रु्णा करके
तितनयोतजि पूींजी पर सामान्य लाभ तनकाल लीतजए।
(c) िाितिक लाभ/औसि लाभ में से सामान्य लाभ को घटाकर
अतिलाभ तनकाल लीतजए।
(d) अतिलाभ में तदये र्ये िर्ों की िय सींख्या से रु्णा करके